सीबीआइ अब इंटरपोल के बाल शोषणरोधी डेटाबेस का हिस्सा, आरोपितों की जल्द हो सकेगी पहचान
नई दिल्ली। सीबीआइ अब इंटरपोल के अंतरराष्ट्रीय बाल यौन शोषण रोधी डेटाबेस से जुड़ गई है। इससे उसे बाल यौन शोषण के मामले में कार्रवाई करने में आसानी होगी। अत्याधुनिक एनालिटिक्स साफ्टवेयर के इस्तेमाल से आरोपितों की पहचान जल्द हो सकेगी। जांच एजेंसी विगत में 67 देशों की एजेंसियों के एक चुनिंदा समूह में शामिल हुई है, जो डेटाबेस से जुड़ी हैं।
एजेंसी के सूत्रों के अनुसार, इंटरनेट पर बाल यौन शोषण सामग्री (सीएसएएम) डालने के आरोपितों और प्रसारित करने वालों से संबंधित इंटरपोल डेटाबेस विभिन्न देशों के मल्टी-मीडिया पर निर्भर करता है। इसका विश्लेषण विशेष श्तस्वीर तुलनात्मक साफ्टवेयरश् के आधार पर किया जाता है, ताकि पीडिघ्त और आरोपित की तस्वीरों और वीडियो से पहचान की जा सके।
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इंटरपोल की वेबसाइट के अनुसार, औसतन 27 लाख से अधिक तस्वीरों और वीडियो वाला डेटाबेस दुनियाभर में हर दिन सात पीडिघ्तों की पहचान करने में मदद करता है। इसमें 27,000 से अधिक पीडितों और 12,000 से अधिक आरोपितों की पहचान की गई है। यह साफटवेयर न केवल विभिन्न जांच अधिकारियों के बीच जानकारी साझा करने में मदद करता है, बल्कि समय भी बचाता है।