साजिश को अंजाम देने के लिए कई दिनों से की जा रही थी तैयारी, पूर्व नियोजित होने के कई सुबूत क्राइम ब्रांच को मिले
नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस ने हिंसा से संबंधित एक रिपोर्ट गृह मंत्रालय को सौंपी, जिसमें गिरफ्तार आरोपितों के खिलाफ आपराधिक साजिश का आरोप लगाया गया है ताकि मामले की बड़े पैमाने पर जांच की जा सके। रिपोर्ट में कट्टरपंथी इस्लामिक संगठन की संलिप्तता से भी इंकार नहीं किया गया है। साजिश को अंजाम देने के लिए कई दिनों से तैयारी की जा रही थी।
पुलिस का मानना है कि साजिश रचने वाला कोई और है। जिस तरह दो वर्ष पूर्व नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में भारत सरकार के खिलाफ उत्तर-पूर्वी दिल्ली में दंगे की साजिश रची गई थी, उसी तरह जहांगीरपुरी में बड़े पैमाने पर हिंसा दोहराने की साजिश थी। साजिश के पूर्व नियोजित होने से जुघ्ड़े कई महत्वपूर्ण सुबूत दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच को मिले हैं। साजिश को अंजाम तक पहुंचाने की जिम्मेदारी अंसार, सलीम चिकना, सोनू चिकना उर्फ इमाम उर्फ यूनूस, गुल्ली आदि को सौंपी गई थी।
पुलिस के सूत्रों के अनुसार हथियार आदि उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी जहांगीरपुरी सी ब्लाक के ही बदमाश गुल्ली की थी। उसने नाबालिग को पिस्टल व गोलियां दी थीं, जिससे सहायक निरीक्षक (एसआइ) मेदा लाल मीणा घायल हुए थे। पुलिस को सीसीटीवी कैमरे से एक अहम फुटेज मिली है। जिसमें कुछ लोगों को रात के अंधेरे में लाठी डंडे आदि जमा करते हुए देखा जा रहा है। इसमें अंसार भी डंडे के साथ दिख रहा है। फुटेज हिंसा से एक दिन पूर्व का बताया जा रहा है। जब रात में लोग डंडे आदि जमा कर रहे थे तो कुछ स्थानीय लोगों के विरोध के बाद कहासुनी भी हुई थी।
पुलिस सूत्रों के अनुसार महिलाओं को कहा गया था कि शोभायात्रा के रोके जाने के बाद उन्हें उसमें शामिल लोगों पर पथराव करना है। युवाओं और नाबालिगों को चाकू, तलवार, डंडे आदि के साथ हमला करने का निर्देश दिया गया था। हिंसा को अंजाम तक पहुंचाने के लिए बाहरी तत्वों को भी बुलाया गया था। यही वजह थी कि हिसक भीड़ ने तुरंत ही दुकानों में लूटपाट, तोड़फोड़, वाहनों में आगजनी शुरू कर दी। पुलिस ने पकड़े गए आरोपितों से चार पिस्टल, पांच से अधिक तलवारें आदि बरामद की हैं। पुलिस ऐसे 200 वीडियो की भी पड़ताल कर रही है, जो हिंसा के दौरान व उससे पूर्व के हैं।
हिंसा के मामले में पुलिस ने एक ही परिवार के नाबालिग समेत छह सदस्यों सुकेन सरकार, उसके भाई सुरेश सरकार, सुकेन के नाबालिग बेटे के साथ दो बेटों नीरज, सूरज और सुकेन के बहनोई सुजीत को 17 अप्रैल को गिरफ्तार किया था। जहांगीरपुरी के डी ब्लाक के सुकेन की पत्नी दुर्गा सरकार ने बताया कि उनके पति, बेटों या परिवार के अन्य सदस्यों का कोई दोष नहीं है। शोभायात्रा के दौरान वे रथ पर थे और अचानक पथराव कर दिया गया। इस दौरान सुकेन के सिर पर गंभीर चोट आई थी। फिर भी हनुमान जी की मूर्ति को बचाया। दुर्गा के अनुसार, शोभायात्रा के दौरान समुदाय विशेष के लोग पहले उनसे बहस करने लगे और फिर पथराव शुरू कर दिया। सुजीत की पत्नी मीनू ने कहा कि उनके पति शोभायात्रा में रथ खींच रहे थे। इस दौरान समुदाय विशेष के सैकड़ो लोग हाथों में तलवारें, तेजधार हथियार लेकर आए और हमला कर दिया। सुजीत अपनी जान बचाने के लिए मौके से भागे।