फसल बीमा का लाभ अधिक से अधिक कृषको को मिलेः जोशी
देहरादून। आजादी के अमृत महोत्सव के तहत किसान भागीदारी प्राथमिकता हमारी अभियान के तहत वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से केन्द्रीय मंत्री, कृषि एवं कृषक कल्याण, भारत सरकार की ओर से देश के 7800 सीएससी सेंटरों के माध्यम से लगभग 01 लाख कृषको को सम्बोधित किया गया। कार्यक्रम में उत्तराखण्ड के कृषि एवं कृषक कल्याण मंत्री गणेश जोशी की ओर से भी प्रतिभाग किया गया। उन्होंने राज्य के जनपदों के विभिन्न कृषकों को भी सम्बोधित किया। कृषकों को भारत सरकार एवं राज्य सरकार के माध्यम से कृषक हित में चलाये जा रहे महत्वूर्ण कार्यक्रमों के बारे में बताया कि सचिवालय में आयोजित कार्यक्रम में उपस्थित कृषकों से जानकारी भी प्राप्त की गयी कि संचालित योजनओं का लाभ कृषकों को धरातल में प्राप्त हो रहा है या नहीं।
कार्यक्रम में उपस्थित कृषक अनिल कुमार नौटियाल ने बताया कि कृषि एवं उद्यान की योजनाओं के माध्यम से आय में वृद्धि हुई है एवं फसलों की उत्पादकता वृद्धि के साथ-साथ अन्य कृषि विविधीकरण को भी अपनाया जा रहा है। कृषक नौटियाल ने क्षेत्र में सिंचाई सुविधाओं की मांग की। कृषक सुभाष चैहान ने देहरादून के लिए खरीफ में धान की फसल के साथ मडुवा फसल को सम्मिलित किये जाने का अनुरोध किया है। कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने विभाग को कृषकों की ओर से दिये गये सुझाव पर कार्य करने के निर्देश दिये और राज्य में माह मई में दो स्थानों पर वृहद किसान मेला आयोजित करने एवं किसानों तक योजनाएं समय से पूर्ण जानकारी के साथ पहुंच सके इसके लिए किसान काल सेंटर एवं कृषि एवं उद्यान विभाग का सम्मिलित एप भी विकसित करने के निर्देश दिये। कृषकों के सुझाव के लिए विधान सभा, मंत्री आवास, कृषि निदेशालय के साथ-साथ समस्त जनपद मुख्यालय पर सुझाव पेटिका स्थापित की जाये। योजनाओं का क्रियान्वयन व्यापक प्रचार-प्रसार से किया जाये एवं समस्त विकासखण्ड, न्याय पंचायत एवं जनपद स्तर पर कार्मिकों की उपस्थिति सुनिश्चित हो। लापरवाही होने पर कार्यवाही भी की जायेगी। कैबिनेट मंत्री की ओर से अपना मोबाईल नम्बर भी कृषकों को बताया कि जिस पर कृषक सुझाव दे सकते है। फसल बीमा का लाभ अधिक से अधिक कृषको को प्राप्त हो सके इसके लिए बीमित इकाई ग्राम पंचायत की जाये तथा प्रस्ताव प्रेषित किया जाये। कार्यक्रम में शैलेश बगौली, सचिव, कृषि एवं कृषक कल्याण विभाग, डॉ. राम बिलास यादव, अपर सचिव, कृषि एवं कृषक कल्याण विभाग, गौरी शंकर, कृषि निदेशक, उत्तराखण्ड एवं एचएस बावेजा, उद्यान निदेशक के साथ-साथ लगभग 40 कृषकों की ओर से प्रतिभाग किया गया। विभिन्न जनपदों के 7800 सीएससी के माध्यम से लगभग 01 लाख कृषक कार्यक्रम से लाभान्वित हुए।