राष्ट्रीय

बिजली संयंत्रों के पास पर्याप्त कोयला पहुंचाना कोल इंडिया की प्राथमिकता

सीआइएल के सीएमडी बोले- उठाव में तेजी को पावन कर्तव्य मानें कर्मचारी
नई दिल्ली। सार्वजनिक क्षेत्र की कोयला खनन कंपनी कोल इंडिया ने कहा कि ताप ऊर्जा संयंत्रों को पर्याप्त ईंधन की आपूर्ति करना उसकी ‘प्राथमिकता’ है। कंपनी ने अपने कर्मचारियों से चालू वित्त वर्ष में 70 करोड़ टन के कोयला उत्पादन और उठाव के लक्ष्य को पार करने के लिए अपने प्रयासों को तेज करने को कहा है।
कोल इंडिया लिमिटेड (सीआइएल) के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक प्रमोद अग्रवाल ने कर्मचारियों को भेजे पत्र में कहा कि कंपनी की प्राथमिकता यह सुनिश्चित करना है कि बिजली की कमी के बीच बिजली उत्पादन करने वाली इकाइयों के पास घरेलू ईंधन का पर्याप्त भंडार हो। अग्रवाल ने कर्मचारियों से कहा कि वे इसे ‘पावन’ लक्ष्य मानें। उन्होंने कहा, कोल इंडिया की प्राथमिकता है कि देश के बिजली संयंत्रों में घरेलू कोयले का पर्याप्त भंडार हो और देश को उचित दामों पर बिजली मिले। हमारा लक्ष्य ऊर्जा को कम से कम कीमत पर सुनिश्चित करने का होना चाहिए।
भीषण गर्मी के बीच व्यस्त समय में बिजली कमी भी बढ़ी है। इस सप्ताह सोमवार को बिजली की कमी जहां 5.24 गीगावाट थी, वही गुरुवार को यह बढ़कर 10.77 गीगावाट हो गई। राष्ट्रीय ग्रिड परिचालक, पावर सिस्टम आपरेशन कारपोरेशन (पीओएसओसीओ) के ताजा आंकड़ों से पता चला है कि रविवार को व्यस्त समय में बिजली की कमी सिर्फ 2.64 गीगावाट थी, जो सोमवार को 5.24 गीगावाट, मंगलवार को 8.22 गीगावाट, बुधवार को 10.29 गीगावाट और बृहस्पतिवार को 10.77 गीगावाट हो गई।
आंकड़ों के मुताबिक 29 अप्रैल को अधिकतम पूरी की गई बिजली की मांग 207.11 गीगावाट के सर्वकालिक उच्चस्तर को छू गई। इसके चलते शुक्रवार को बिजली की कमी घटकर 8.12 गीगावाट रह गई। दिलचस्प तथ्य यह है कि भीषण गर्मी के बीच इस सप्ताह में बिजली की आपूर्ति तीन बार रिकार्ड स्तर पर पहुंची। मंगलवार को रिकार्ड 201.65 गीगावाट बिजली की मांग थी और गुरुवार को 204.65 गीगावाट तक पहुंच गई थी।
विशेषज्ञों का कहना है कि इन आंकड़ों से स्पष्ट पता चलता है कि बिजली की मांग में तेजी आई है और कुछ ही दिनों में इसकी वजह से देश में बिजली संकट गहरा गया है। इस संकट को दूर करने के लिए सभी हितधारकों को ताप बिजलीघरों में कम कोयले के भंडार, परियोजनाओं पर रेक को तेजी से खाली करने और इनकी उपलब्धता बढ़ाने पर ध्यान देना होगा।

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