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रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच भारत ने सुखोई लड़ाकू विमान के बेड़े को अपग्रेड करने की योजना को फिलहाल ठंडे बस्ते में डाला

नई दिल्ली । रूस और यूक्रेन युद्ध के बीच भारतीय वायु सेना ने अपने एसयू -30 लड़ाकू विमान के बेड़े को अपग्रेड करने की योजना को फिलहाल ठंडे बस्ते में डाल दिया है। 20,000 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य के 12 सबसे उन्नत वाले विमानों के सौदे में थोड़ी देरी होगी। सरकारी सूत्रों ने समाचार एजेंसी को बताया कि आयात पर रक्षा उत्पाद के साथ ही हितधारकों को अब भारतीय को बढ़ावा देने के लिए सरकार की वर्तमान नीति के अनुसार विमानों में अधिक मेड-इन-इंडिया सामग्री जोड़नी होगी। भारतीय वायु सेना रूस और हिंदुस्तान एयरोनाटिक्स लिमिटेड के सहयोग से अपने 85 विमानों को नवीनतम मानकों तक अपग्रेड करने की योजना बना रही थी। सूत्रों ने कहा कि वर्तमान स्थिति को देखते हुए योजना को फिलहाल ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है। सूत्रों ने कहा कि योजना विमान को अधिक शक्तिशाली रडार और नवीनतम इलेक्ट्रानिक युद्ध क्षमताओं से लैस करने की थी ताकि इसे नवीनतम मानकों के अनुसार अधिक शक्तिशाली बनाया जा सके।
भारतीय वायु सेना का मुख्य आधार है क्योंकि उनमें से 272 को विभिन्न बैचों में द्वारा आर्डर दिया गया है क्योंकि हर बार सेवा में लड़ाकू जेट की कमी पर जोर डाला गया था। रूसी निर्माताओं को इनमें से 30 से 40 विमानों का आर्डर प्राप्त होगा।
रूस और यूक्रेन में चल रहे संघर्ष के कारण लड़ाकू विमान बेड़े के लिए पुर्जों की आपूर्ति में भी देरी हुई है। सूत्रों ने कहा कि भले ही पुर्जों की स्थिति इस समय प्रबंधनीय है और निकट भविष्य में भी ऐसा ही रहने की उम्मीद है क्योंकि भारत ने उरी सर्जिकल स्ट्राइक और चल रहे चीन संघर्ष के बाद उन्हें काफी मात्रा में स्टाक कर लिया था। हालांकि, यह उम्मीद की जाती है कि निकट भविष्य में इन पुर्जों और अन्य उपकरणों की आपूर्ति एक मुद्दा बन सकती है और यही कारण है कि बल अपने आयातित उपकरणों के लिए इंडिगो राशन की होड़ में चला गया है।

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