रेलवे मंत्री अश्विनी वैष्णव ने लान्च किया ‘रेलवे के लिए स्टार्टअप्स’, इनोवेशन के लिए मिल सकता है 1.5 करोड़ का अनुमोदन
नई दिल्ली। केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने रेलवे के लिए स्टार्टअप लान्च किया है। वैष्णव ने कहा, श्भारतीय रेलवे में प्रौद्योगिकी के एकीकरण पर लंबे समय से चल रही चर्चा ने आज शुरू की गई पहल के रूप में मजबूत आकार ले लिया है। केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा कि इस मंच के माध्यम से स्टार्ट-अप को रेलवे से जुड़ने का एक अच्छा अवसर मिलेगा।
चुनौतियों के बारे में बात करते हुए उन्होंने बताया कि रेलवे के विभिन्न डिवीजनों, फील्ड कार्यालयों/जोनों से प्राप्त 100 से अधिक चुनौतियों के बयानों में से 11 जैसे रेल फ्रैक्चर, हेडवे में कमी आदि को इस कार्यक्रम के चरण -1 में रखा गया है।मंत्री ने आगे कहा कि इन्हें नए समाधान खोजने के लिए स्टार्ट-अप के सामने पेश किया जाएगा। अब स्टार्टअप इस अवसर का उपयोग कर सकते हैं। गौरतलब है कि इंडियन रेलवे इनोवेशन पालिसी के मुताबिक, अब इनोवेटर को भुगतान के प्रावधान के साथ समान हिस्सेदारी के आधार पर 1.5 करोड़ रुपये तक का अनुदान मिल सकता है।
रेल मंत्रालय के एक आधिकारिक बयान में यह भी कहा गया है कि विकसित बौद्धिक संपदा अधिकार (आईपीआर) भी इनोवेटर के पास ही रहेगा। गौरतलब है कि मई में फील्ड यूनिट्स को प्राब्लम एरिया उपलब्ध कराने के लिए कहा गया था। जिसके जवाब में अब तक करीब 160 समस्याओं का लेखा-जोखा बयान के रूप में प्राप्त हो चुके हैं। शुरुआत में नई नवाचार नीति के माध्यम से निपटने के लिए 11 समस्या विवरणों की पहचान की गई है और उन्हें पोर्टल पर अपलोड किया गया है।
उक्त समस्या विवरण में ब्रोकन रेल डिटेक्शन सिस्टम शामिल हैं, रेल तनाव निगरानी प्रणाली; भारतीय रेलवे के साथ इंटरऑपरेबल उपनगरीय खंड के लिए हेडवे सुधार प्रणाली राष्ट्रीय एटीपी प्रणाली, ट्रैक निरीक्षण गतिविधियों का स्वचालन, हेवी हाल माल ढुलाई वैगनों के लिए बेहतर इलास्टोमेरिक पैड (ईएम पैड) का डिजाइन, 3-फेज इलेक्ट्रिक इंजनों के ट्रैक्शन मोटर्स के लिए ऑनलाइन कंडीशन मॉनिटरिंग सिस्टम का विकास, नमक जैसी वस्तुओं के परिवहन के लिए हल्के वैगन, यात्री सेवाओं में सुधार के लिए डिजिटल डेटा का उपयोग करके विश्लेषणात्मक उपकरण का विकास, ट्रैक सफाई मशीन, प्रशिक्षण के बाद के पुनरीक्षण और स्वयं सेवा पुनश्चर्या पाठ्यक्रमों के लिए ऐप, और पुल निरीक्षण के लिए रिमोट सेंसिंग, जियोमैटिक्स (ज्योमेट्री) और जीआईएस का उपयोग।