सेना रोजगार का साधन नहीं, आपको अग्निपथ योजना पसंद नहीं तो मत आओ; वीके सिंह की प्रदर्शनकारियों को फटकार
नागपुर। देशभर में केंद्र की अग्निपथ योजना पर मचे घमासान के बीच केंद्रीय मंत्री और पूर्व सेना प्रमुख वीके सिंह ने रविवार को अग्निपथ योजना पर अपना रुख स्पष्ट किया। उन्होंने योजना के ऐलान के बाद हुई हालिया हिंसा के लिए प्रदर्शनकारियों को कड़ी फटकार भी लगाई। उन्होंने कहा कि अग्निपथ योजना में कोई अनिवार्यता नहीं है। यह एक स्वैच्छिक योजना है, कोई मजबूरी नहीं है।
वीके सिंह ने नागपुर में कहा कि मेरा मानना है कि अगर कोई 4 साल सेना में सेवा करने के बाद आता है तो वह सक्षम है और उसे किसी समर्थन की आवश्यकता नहीं है। सेना रोजगार का कोई साधन नहीं है। यह कोई दुकान या कंपनी नहीं है। जो भी सेना में जाता है, वहां स्वेच्छा से जाता है।
उन्होंने हिंसा के लिए आंदोलनकारियों को भी फटकार लगाई और योजना की आयु वर्ग की पात्रता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि सशस्त्र बलों द्वारा किसी पर कोई बाध्यता नहीं की गई है।
मंत्री ने कहा कि जिसको आना है आए, अगर आपको अच्छी नहीं लगती तो मत आओ। आपको बोल कौन रहा है आने को, आप बसें जला रहे हो, ट्रेन जला रहे हो… किसी ने आपको बोला कि हम आपको फौज में लेंगे।
गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने 14 जून को भारतीय युवाओं के लिए सशस्त्र बलों की तीन सेवाओं में सेवा देने के लिए अग्निपथ नामक एक भर्ती योजना को मंजूरी दी और इस योजना के तहत चुने गए युवाओं को अग्निवीर के रूप में जाना जाएगा।
इस योजना को अग्निपथ नाम दिया गया है और इस योजना के तहत चयनित युवाओं को अग्निवीर के रूप में जाना जाएगा। अग्निपथ देशभक्ति से प्रेरित युवाओं को चार साल की अवधि के लिए सशस्त्र बलों में सेवा करने का अवसर देगी। अग्निपथ योजना को सशस्त्र बलों के युवा प्रोफाइल को सक्षम करने के लिए डिजाइन किया गया है।
मंत्रालय द्वारा नई घोषणा के अनुसार, केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) के लिए ऊपरी आयु सीमा – सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ), केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ), केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ), भारत तिब्बत सीमा पुलिस , सशस्त्र सीमा बल, राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड, और विशेष सुरक्षा समूह 26 साल के होंगे। इस बीच, अग्निवीरों के पहले बैच को 23 की ऊपरी आयु सीमा से आगे 5 वर्ष की छूट मिलेगी, जो इसे 28 वर्ष तक ले जाएगी।