उत्तराखण्ड
आदर्श चम्पावत उत्तराखण्ड @25 पर मंथन, कई विशेषज्ञों ने रखे अपने अहम विचार, यूकॉस्ट व हैस्को ने किया आयोजन
- आदर्श चम्पावत के मॉडल के जरिये पूरे हिमालय के लिए विकास नीति की नींव रखे जाने का मौका
- समाज, सरकार एवं गैर सरकारी संस्थान को मिलकर समाज के उत्थान के लिए कार्य करना होगादेहरादून। उत्तराखण्ड राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद एवं हिमालय पर्यावरण अध्ययन और संरक्षण संगठन (हैस्को) देहरादून के सहयोग से आदर्श चम्पावत उत्तराखण्ड@25 पर सोमवार को विचार मंथन का आयोजन यूकॉस्ट के विज्ञान धाम परिसर, झाजरा में आयोजित किया गया।
हिमालय की पारिस्थितिकीय विभिन्नता के दृष्टिगत अलग अलग मुद्दो पर विभिन्न प्रयोग करने का हमारे लिए एक अवसर है। उन्होंने हाल ही में बांदल घाटी में हुई आपदा का जिक्र करते हुए कहा कि इस तरह कि घटनाओ की पुनरावृति एक चिंतनीय विषय है। उन्होंने कहा कि आदर्श चम्पावत के मॉडल के जरिये पूरे हिमालय के लिए विकास नीति की नींव रखे जाने का यह एक अच्छा अवसर है। इसके माध्यम से हम अन्य हिमालयी राज्यों को पर्वतीय क्षेत्रों के अनुकूल नीति और विकास की दिशा दे पाएंगे, यह कहना है हिमालय पर्यावरण अध्ययन और संरक्षण संगठन (हैस्को) देहरादून के संरक्षक पप्रभूषण, डॉ. अनिल जोशी का। साथ ही यह भी कहा कि समाज, सरकार एवं गैर सरकारी संस्थान को मिलकर समाज के उत्थान के लिए कार्य करना होगा। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के माध्यम से राज्य का विकास पर्यावरण को मद्देनजर रखते हुये कार्ययोजना तैयार करनी होगी जिसमें हैस्को सहयोग कर सकता है।
महानिदेशक प्रो. दुर्गेश पंत की ओर से सभी विभागों का स्वागत करते हुये कहा कि पुष्कर सिह धामी मुख्यमंत्री की एक अभिनव पहल है बोधिसत्व विचार श्रृंखला। इस विचार मंथन से जल, जंगल, जमीन, कृषि, स्वास्थ्य, शिक्षा, सामाजिक-आर्थिक सुरक्षा जैसे विभिन्न क्षेत्रो में कार्य कर रहे सरकारी तथा गैर-सरकारी विषय विशेषज्ञों के बीच विचारों का मंथन होता है। बोधिसत्व विचार श्रृंखला से राज्य के सतत् विकास लिए कुछ इनोवेटिव आइडियाज प्राप्त हो रहे हैं और इसी कड़ी में आदर्श चम्पावत उत्तराखण्ड @25 के विजन के लिए आज हम यहाँ एकत्रित हुए हैं। मुख्यमंत्री से प्राप्त निर्देशों के क्रम में चम्पावत को विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के माध्यम से आदर्श जनपद बनाने के लिए परिषद को नोडल एजेन्सी बनाया गया है। परिषद को विभिन्न विभागों के साथ समन्वय स्थापित कर चम्पावत को आदर्श जनपद बनाने का कार्य करना है।
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री के सचिव, डॉ. आर मीनाक्षी सुन्दरम (आईएएस) ने बताया कि चम्पावत जनपद का सर्वे और अध्ययन का कार्य पूर्ण कर लिया गया है ताकि एक विशिष्ट कार्य योजना तैयार की जा सके। उन्होंने चिंता जताते हुए कहा कि छोटी -छोटी नौकरियों के लिए लोगों को राज्य से बाहर जाना पड़ता है जबकि यहीं पर रोजगार के अनेक अवसर उपलब्ध करवाए जा सकते है। उन्होंने कहा कि इस विचार मंथन सत्र का उद्देश्य जनपद में आजीविका सृजन के अवसर तलाशना और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी कि सहायता से लोगों को बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध करवाने है। उन्होंने कहा कि लक्ष्य आधारित योजनायें बनायीं जाए जैसे – कैटल ब्रीडिंग हब, दुग्ध मूल्य संवर्धन, बागवानी, फूलों की खेती, स्थानीय मसालें, होम स्टे योजना के तहत स्थानीय लोगों का कौशल विकास आदि पर विशेष ध्यान देने कि बात कही। उन्होंने कहा अन्य हिमालयी राज्यों कि तरह हमे भी नकदी फसलों की खेती पर प्रभावी योजनाए विकसित की जाएँ। मंथन सत्र में नरेन्द्र भण्डारी, जिलाधिकारी, (आईएएस) चम्पावत ने बताया कि मुख्यमंत्री के चम्पावत विधान सभा क्षेत्र को आदर्श जनपद बनाने के लिए सभी विभागों को मिलकर कार्य करना है। जिलाधिकारी की ओर से विभिन्न विभागों को विस्तृत कार्ययोजना बनाकर प्रस्तुत करने को कहा गया। मंथन सत्र में विभिन्न प्रस्तुतिकरण के दौरान जिलाधिकारी ने चम्पावत की भौगोलिक, सामाजिक एवं क्षेत्र की आर्थिकी को बढ़ाने के उद्देश्य से योजनाएं तैयार करने को कहा है।
इस अवसर पर एक लघु चलचित्र का भी प्रसारण हुआ जिसमें इस विचार मंथन सत्र के उद्देश्यों, आदर्श चम्पावत के निर्माण की परिकल्पना और इसके अंतर्गत अभी तक हुए कार्यों की जानकारी दी गयी।
इस अवसर पर शहरी विकास, उच्च शिक्षा, होमियोपैथी, आयुर्वेद एवं यूनानी, समाज कल्याण, मत्स्य विभाग, कृषि, पशुपालन, नाबार्ड, आईआईआरएस, पर्यटन, आईटीआई टनकपुर, कौशल विकास एवं प्रशिक्षण, उद्यान, विवेकानंद पर्वतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, कगास एनजीओ चंपावत, उत्तराखण्ड विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान केन्द्र, दुग्ध विकास, भारतीय पेट्रोलियम संस्थान, ग्रामीण विकास, उत्तराखण्ड जल संस्थान, उद्योग विभाग के अधिकारी शामिल हुए।