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‘भारत जोड़ो’ का नया पड़ाव, केरल पहुंची कांग्रेस की यात्रा, प्रियंका गांधी हो सकती हैं शामिल

नई दिल्ली। भारत जोड़ो यात्रा तमिलनाडु का सफर तय कर केरल में प्रवेश कर चुकी है। एक प्रदेश से दूसरे प्रदेश में प्रवेश करने के साथ कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ पदयात्रा कर रहे ज्यादातर यात्री बदल गए। मतलब यह कि राहुल के साथ अब नए प्रदेश और अतिथि यात्री पदयात्रा करेंगे। केरल में यात्रा करीब 19 दिन में 450 किलोमीटर का सफर तय करेगी।
राहुल गांधी के साथ तीन तरह के यात्री पदयात्रा कर रहे हैं। करीब 120 भारत यात्री हैं, जो कन्याकुमारी से कश्मीर तक साढ़े तीन हजार किलोमीटर की पदयात्रा करेंगे। साथ ही जिस राज्य से यात्रा गुजर रही है, उस प्रदेश के 100 प्रदेश यात्री साथ चलेंगे। ऐसे में केरल में प्रवेश करने के साथ तमिलनाडु के 100 प्रदेश यात्रियों की जगह केरल के प्रदेश यात्रियों ने ली है।
अतिथि यात्रियों में बदलाव किया गया है। जिन प्रदेशों से यात्रा नहीं गुजर रही, उन प्रदेशों से ताल्लुक रखने वाले यात्रियों को अतिथि यात्री का नाम दिया गया है। यात्रा 12 राज्य, दो केंद्र शासित प्रदेशों से गुजर रही है। देश में 28 राज्य और आठ केंद्र शासित प्रदेश हैं। ऐसे में 16 राज्य और छह केंद्र शासित प्रदेशों से ताल्लुक यात्रा में अतिथि यात्री के तौर पर शामिल होंगे।
यात्रा के बंदोबस्त से जुड़े पार्टी के एक नेता के मुताबिक, जिन प्रदेशों से यात्री नहीं गुजर रहे हैं, उन प्रदेशों के यात्री अलग-अलग जगहों पर तय समय के लिए यात्रा में शामिल होंगे। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता के मुताबिक, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा 19 से 22 सितंबर तक केरल में भारत जोड़ो यात्रा में हिस्सा ले सकती हैं।
पदाधिकारी भी शामिल यात्रा को लेकर पार्टी ने पदाधिकारियों को कुछ अंतराल के बाद अलग-अलग स्थानों पर अतिथि यात्री के तौर पर शामिल होने के निर्देश दिए हैं। ताकि, यात्रा के दौरान पदयात्रा करने वाले यात्रियों की संख्या को बरकरार रखा जा सके। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने रविवार को कहा कि केरल राज्य सभी का सम्मान करता है। यह खुद को विभाजित होने या नफरत फैलाने की अनुमति नहीं देता है। भारत जोड़ो यात्रा इन्हीं विचारों का विस्तार है। गांधी ने कहा कि केरल के लोगों के लिए साथ खड़े होना, सद्भाव के साथ काम करना सामान्य है। कांग्रेस यात्रा के माध्यम से जो संदेश फैलाने की कोशिश कर रही है, वह कोई नया संदेश नहीं है। यह काफी पुराना संदेश है, जो केरल के डीएनए में है।

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