दिल्ली

लंपी वायरस से भारत में 67,000 से अधिक मवेशियों की मौत, महाराष्ट्र के 21 जिले प्रभावित

नई दिल्ली। पूरे देश में लंपी वायरस का कहर जारी है। इस जानलेवा वायरस से अब तक कई हजारों जानवरों की जान जा चुकी है। महाराष्ट्र के पशुपालन विभाग ने मंगलवार को कहा कि राज्य में लंपी वायरस के कारण 43 मवेशियों की मौत हो गई है। विभाग ने बताया कि वायरस से अब तक 21 जिले प्रभावित हुए हैं। राज्य सरकार ने राज्य भर में मवेशियों के लिए टीकाकरण अभियान शुरू किया है। फिलहाल दूध उत्पादन और खपत पर कोई असर नहीं पड़ा है। विभाग ने कहा, महाराष्ट्र में इस ढेलेदार त्वचा रोग वायरस के प्रभाव से दूध की आपूर्ति पर असर नहीं पड़ा है। सरकार ने राज्य में बूचड़खानों पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया है। विभाग के अनुसार, ष्अवैध तरीके से पशुओं की आवाजाही निषिद्ध है। हालांकि, मांस के लिए मवेशियों के ट्रांसपोर्टेशन पर कोई प्रतिबंध नहीं है।पशुपालन मंत्री राधाकृष्ण विखे पाटिल ने कहा, हमने केवल मवेशियों के प्रमाण पत्र मांगे हैं। प्रमाण पत्र यह सुनिश्चित करने के लिए मांगे हैं कि इन पशुओं का मांस मनुष्यों के लिए उपयुक्त है। हमें लोगों के स्वास्थ्य को भी सुनिश्चित करने की जरूरत है।
ढेलेदार त्वचा रोग (एलएसडी) ने जुलाई 2019 में भारत, बांग्लादेश और चीन में प्रवेश किया। ढेलेदार त्वचा रोग (एलएसडी) एक संक्रामक वायरल बीमारी है जो मवेशियों को प्रभावित करती है और बुखार, त्वचा पर गांठ का कारण बनती है और इससे मृत्यु भी हो सकती है। यह रोग मच्छरों, मक्खियों, जुओं और ततैयों द्वारा मवेशियों के सीधे संपर्क में आने और दूषित भोजन और पानी के माध्यम से फैलता है। 19वीं पशुधन जनगणना के अनुसार, दुनिया के सबसे बड़े दूध उत्पादक देश भारत में वर्ष 2019 में मवेशियों की आबादी 19.25 करोड़ की थी।
महाराष्ट्र के विभिन्न जिलों में ढेलेदार त्वचा रोग के कारण कुल 42 संक्रमित मवेशियों की मौत हो गई है। विभाग के अनुसार रविवार तक जलगांव में 17, अहमदनगर में 13, धुले में 1, अकोला में 1, पुणे में 3, बुलढाणा में 3, अमरावती में 3 और वाशिम में 1 जानवर की मौत हुई है। लंपी का पहला मामला 4 अगस्त को जलगांव जिले के रावेर तालुका के चिनावाल गांव में सामने आया था। यह वायरस सिर्फ गाय और भैंस में ही पाया गया है। जिन पशुओं में रोग के लक्षण नहीं होते हैं, उनके दूध का इस्तेमाल करने से मनुष्यों को कोई खतरा नहीं है। जानवरों की इस बीमारी को ठीक किया जा सकता है, हालांकि, ऐसे जानवरों का दूध वायरस के कारण प्रभावित हो सकता है। रविवार तक जलगांव, अहमदनगर, अकोला, धुले, पुणे, लातूर, औरंगाबाद, बीड, सतारा, बुलडाना, अमरावती, उस्मानाबाद, कोल्हापुर, सांगली, येओतमल, परभणी, सोलापुर, वाशिम, नासिक और जालना के कुल 280 गांवों में लंपी से संक्रमित मवेशी देखे गए हैं। शिंदे ने अधिकारियों से लंपी त्वचा रोग फैलने से रोकने के लिए कदम उठाने को कहा महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने सोमवार को राज्य पशुधन विकास विभाग के अधिकारियों से कहा कि मवेशियों में लंपी त्वचा रोग को देखते हुए सतर्कता बरतें और इसे फैलने से रोकने के लिए कदम उठाएं। मुख्यमंत्री कार्यालय ने एक बयान में कहा कि राज्य के अनेक जिलों में गोवंश के पशुओं में यह बीमारी देखी गयी है और आज हुई मंत्रिमंडल की बैठक में इस पर चर्चा हुई। उन्होंने अधिकारियों से लंपी त्वचा रोग पर जागरुकता अभियान चलाने को और लोगों को तत्काल सहायता प्रदान करने के लिए अपने कार्य क्षेत्र में मौजूद रहने को कहा।

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