उत्तराखण्ड

रचा गया इतिहासः रुद्रप्रयाग जिला पंचायत अध्यक्ष उपचुनाव में भाजपा की अमरदेई शाह पांच वोटों से जीतकर दोबारा हुई निर्वाचित, 5 वोटों से भाजपा प्रत्याशी को मिली जीत

  • भाजपा प्रत्याशी को 11 व विपक्षी उम्मीदवार को मिले केवल 6 वोट
  • 18 सदस्यों वाली जिला पंचायत के लिए 17 सदस्यों ने किया मतदान

    रुद्रप्रयाग। जिला पंचायत अध्यक्ष के लिए हुए उप चुनाव में भाजपा प्रत्याशी अमरदेई शाह ने चुनाव जीतकर जनपद की राजनीति में एक नया इतिहास रच दिया। भाजपा की अमरदेई शाह दोबारा अध्यक्ष निर्वाचित हुई हैं। उन्हें कुल 11 मत मिले, जबकि विपक्षी प्रत्याशी को 6 मत मिले। एक सदस्य ने मतदान में हिस्सा नहीं लिया। निर्वाचित होने के बाद भाजपा कार्यकर्ताओं एवं समर्थकों ने विजयी जुलूस निकाला और एक दूसरे को बधाई दी।
    शुक्रवार को विकास भवन सभागार में कड़ी सुरक्षा के बीच जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए उप निर्वाचन किया गया। जिला निर्वाचन अधिकारी एवं जिला मजिस्ट्रेट मयूर दीक्षित की देख-रेख में मतदान प्रक्रिया शुरू हुई। 18 सदस्यों वाली जिला पंचायत के लिए दो बजे तक 17 सदस्यों ने मतदान किया, जबकि एक सदस्य ने मतदान में भाग नहीं लिया। चुनाव प्रक्रिया संपंन होने के बाद जिला निर्वाचन अधिकारी मयूर दीक्षित की मौजूदगी में मतगणना का कार्य किया गया। साथ ही जिला निर्वाचन अधिकारी ने परिणाम की घोषणा की। जिला पंचायत अध्यक्ष अमरदेई शाह को 11 मत मिले। जबकि विपक्षी सदस्यों की प्रत्याशी ज्योति देवी को कुल 6 मत मिले। इधर, जीत के बाद भाजपा कार्यकर्ताओं ने नगर में विजयी जुलूस निकाला। जिला पंचायत अध्यक्ष अमरदेई शाह ने सभी 11 सदस्यों का आभार जताया। वहीं चुनाव संयोजक एवं रुद्रप्रयाग विधायक भरत सिंह चौधरी ने कहा कि भाजपा की जीत पहले ही पक्की थी। पहले भी भाजपा के पास ही जिपंअ की कुर्सी थी, जबकि बीच में किन्हीं कारणों से अविश्वास वाली स्थिति पैदा हुई। मगर दोबारा भाजपा ने जीत दर्ज की है। इस अवसर पर भाजपा चुनाव प्रभारी रघुवीर बिष्ट, महिला मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष आशा नौटियाल, भाजपा नेता वाचस्पति सेमवाल, विजय कप्रवाण, भारतभूषण भट्ट, सुमंत तिवाड़ी, सुमन नेगी, शीला रावत, सविता भंडारी, कुसुम देवी, रीना देवी, भूपेन्द्र लाल, सुनिता बर्त्वाल, कुंवरी बर्त्वाल, आशीष नौटियाल, ओमप्रकाश बहुगुणा, महावीर पंवार, नरेन्द्र पंवार, जगमोहन रावत, सहायक निर्वाचन अधिकारी दीपेंद्र सिंह नेगी, उप जिलाधिकारी अपर्णा ढौंडियाल, पीठासीन अधिकारी कपिल पांडे, मतदान अधिकारी किशन रावत, भाष्करानंद पुरोहित सहित संबंधित अधिकारी मौजूद रहे।
    भाजपा प्रत्याशी अमरदेई शाह के पक्ष में इन सदस्यों ने किया मतदान
    भारतभूषण भट्ट, सुमंत तिवाड़ी, सुमन नेगी, शीला रावत, सविता भंडारी, कुसुम देवी, रीना देवी, भूपेन्द्र लाल, सुनिता बर्त्वाल, कांग्रेस प्रत्याशी ज्योति देवी के पक्ष में इन सदस्यों का रहा समर्थन नरेन्द्र बिष्ट, कुलदीप कंडारी, रेखा बुटोला चौहान, गणेश तिवाड़ी, विनोद

    जिन्होंने जताया अविश्वास, उन्होंने ही फिर सौंप दी कुर्सी
    रुद्रप्रयाग। रुद्रप्रयाग जिले की राजनीति ने ऐसा इतिहास रच दिया है, जिसे शायद ही कभी रुद्रप्रयाग की जनता अब भूल पाए। जिस जिला पंचायत अध्यक्ष पर ंभ्रष्टाचार का आरोप लगाकर 14 सदस्य पूरे विश्वास के साथ एकजुट होकर अविश्वास लाए थे, उनका विश्वास जीतने में कुछ सदस्यों ने तीन माह का समय लगाकर पुनः उन्हें जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी थमा दी। यह सब देखकर हर कोई अब हैरान नजर आ रहा है और सवाल खड़ा कर रहा है कि आखिर यह रुद्रप्रयाग की राजनीति में क्या हो रहा है। उल्लेखनीय है कि रुद्रप्रयाग की राजनीति में तब भूचाल आया था, जब चार जून की रात के समय 14 जिला पंचायत सदस्य भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ते हुए डीएम मयूर दीक्षित के पास जिला पंचायत अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास पत्र लेकर चले गये थे और अविश्वास पत्र सौंपने के बाद भी एक माह तक अलग-अलग स्थानों में रहकर अध्यक्ष के खिलाफ रणनीति बना रहे थे और ठीक दो जुलाई को जिला पंचायत सभागार में अपर जिला जज कंवर अमनिन्दर सिंह की मौजूदगी में हुए गोपनीय मतदान में 14 सदस्यों ने अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया, जबकि अविश्वास के विरोध में एक भी मत नहीं पड़ा और अविश्वास प्रस्ताव पारित कर दिया गया। यह सबकुछ देखकर उस समय लोगों के मन में एक सवाल आ रहा था कि क्या सच में जिला पंचायत अध्यक्ष ने अपने कार्यकाल में भ्रष्टाचार किया है, जिस कारण ये सदस्य इतना गुस्सा जता रहे हैं। लेकिन लोगों ने सदस्यों की बातों को तब सच मान लिया, जब इन सदस्यों ने तत्कालीन जिला पंचायत अध्यक्ष अमरदेई शाह के खिलाफ मतदान किया और जिला पंचायत अध्यक्ष को लोगों ने गलत-गलत बाते भी सोशल मीडिया में कमंेट्स के जरिये कही। इसके बाद कार्यकारी अध्यक्ष के तौर पर उपाध्यक्ष सुमंत तिवाड़ी को शासन ने जिला पंचायत अध्यक्ष का कार्यभार सौंपा, लेकिन ढाई महीने के बाद अचानक से उप चुनाव की तिथि आने के बाद फिर से लोग हैरान रह गए और नामांकन के दिन का नजारा देखकर तो दांतो तले ऊंगलियां दबाने को ही मजबूर हो गए। हैरान करने वाली बात यह नहीं थी कि भाजपा ने उस पूर्व अध्यक्ष को टिकट दिया, जिस पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे, मगर धक्का लगने वाली बात यह थी कि जिस व्यक्ति के नेतृत्व में जिला पंचायत सदस्य अविश्वास लाये थे, वहीं भाजपा प्रत्याशी का अनुमोदक बन गया और उसी दिन सभी जान गए थे कि अब अमरदेई शाह की जीत निश्चित है। शुक्रवार को हुए उप चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी ज्योति देवी को मात्र छः मत पड़े, जबकि भाजपा प्रत्याशी अमरदेई शाह को 11 मत पड़े। एक जिला पंचायत सदस्य ने मतदान में भाग नहीं लिया और पूर्ण बहुमत के साथ भाजपा प्रत्याशी विजसी हासिल करने में सफल रही।

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