स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार की एक और अच्छी पहल,डेंगू मरीजों के बेहतर इलाज के लिए प्रदेश में जारी हुई गाइडलाइन,कहा- हर डेंगू रोगी को प्लेटलेट्स की जरूरत नहीं, 10 हजार से कम होने पर ही रोगी को चढ़ाई जाती है प्लेटलेट्स
सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य ने दिए
अधिक डेंगू मरीजों वाले इलाकों में युद्ध स्तर पर फॉगिंग व लार्वी साइड छिड़कने के निर्देश
डेंगू रोगियों के लिए आरक्षित बेड़ो की निगरानी रखने तथा बेड की संख्या बढ़ाए जाने के लिए कार्य योजना तैयार रखने को कहा
एस. आलम अंसारी
देहरादून । उत्तराखंड में बढ़ रहे डेंगू मरीजो को बेहतर इलाज, रक्त की कमी दूर करने और प्लेटलेट्स की जरूरत को पूरा करने के लिए लगातार राज्य सरकार और स्वास्थ्य विभाग की ओर से कदम उठाए जा रहे हैं। सचिव स्वास्थ्य डॉ. आर राजेश कुमार इस दिशा में लगातार काम कर रहे हैं। डेंगू के नियंत्रण और रोकथाम के साथ ही लोगों में इसकी जागरूकता के लिए लगातार स्वास्थ्य विभाग की ओर से अभियान चलाया जा रहा है । सोमवार को सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य डॉ आर राजेश कुमार ने सभी जनपदों को सुनियोजित रूप से अपने सभी वार्डों में नियमित रूप से फागिंग करने के निर्देश दिए तथा साथ ही ऐसे क्षेत्र जहां डेंगू के रोगी मिल रहे हैं वहां युद्ध स्तर पर डेंगू निरोधात्मक कार्यवाही, फॉगिंग तथा लार्वी साइड छिड़कने के निर्देश दिए। सभी जनपदों को निर्देशित किया गया कि वह निरंतर डेंगू रोगियों के लिए आरक्षित बेड़ो की निगरानी रखें तथा बेड की संख्या बढ़ाई जाने के लिए कार्य योजना तैयार करके रखें।
सोमवार को सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य डॉ आर राजेश कुमार ने राजकीय मेडिकल कॉलेज देहरादून के विशेषज्ञ चिकित्सकों के सहयोग से डेंगू रोग के मानक उपचार के लिए दिशा निर्देश तैयार कर सभी जनपदों को सुनिश्चित कार्यवाही के लिए प्रेषित किए। डेंगू उपचार दिशा निर्देशों के माध्यम से विशेषज्ञ चिकित्सकों ने यह बताया कि हर डेंगू रोगी में प्लेटलेट्स की आवश्यकता नहीं होती है व प्लेटलेट्स को लेकर किसी भी प्रकार के पैनिक की आवश्यकता नहीं है। प्लेटलेट की संख्या 10,000 से कम होने पर ही अथवा अन्य किसी चिकित्सकीय कारण के होने पर ही रोगी को प्लेटलेट देने की आवश्यकता होती है, अन्यथा पूर्ण आराम वा प्रचुर मात्रा में तरल पेय पदार्थ के सेवन से रोगी स्वत ही ठीक होने लगते हैं।बैठक में स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. विनीता शाह, निदेशक चिकित्सा शिक्षा डॉ. आशुतोष सयाना, डॉ. संजय जैन, मुख्य चिकित्सा अधिकारी, जनपद देहरादून, डॉ. अजय कुमार नागरकर, निदेशक राज्य रक्त संचरण परिषद, प्रदीप हटवाल, कार्यक्रम अधिकारी व एनएचएम आईईसी टीम से अनिल सती उपस्थित रहे। इस बैठक में संस्थाओं के प्रतिनिधि के रूप में अनिल वर्मा, सदस्य जिला रेड क्रास सोसाईटी, देहरादून, शिवम बहुगुणा, राहुल बहुगुणा-टीम वॉरियर उत्तराखण्ड, केदार जोशी, लक्ष्य फाउण्डेशन (रक्तदान महादान), डॉ एमएस अन्सारी, भारतीय रेड क्रास सोसाईटी, देहरादून, नरेश विरमानी, संत निरंकारी मण्डल, देहरादून, मोहित सेठी, रक्तवीर संस्था, हेमलता सती, ग्रामीण किसान विकास सोसाईटी, प्रमिला रावत, मिशन फॉर अनाथ डेवलपमेंट, लॉरेन्स, होप संस्था, अवधेश सक्सेना, बालाजी सेवा संस्थान, देहरादून आदि उपस्थित रहे।
रक्त संचरण परिषद् की अहम बैठक आयोजित
सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य व परिवार कल्याण, डॉ. आर. राजेश कुमार की अध्यक्षता में सोमवार को राज्य रक्त संचरण परिषद् उत्तराखण्ड एवं रक्तदान के क्षेत्र में कार्यरत् स्वयं सेवी संस्थाओं के प्रतिनिधियों के साथ वर्तमान समय में डेंगू के कारण मरीजों में घटते प्लेटलेट के स्तर को बढान के लिए प्लेटलेट की पूर्ति के लिए गैर सरकारी संस्थाओं के प्रतिनिधियों के साथ एक बैठक सचिव के कक्ष में की गई। बैठक में सचिव स्वास्थ्य द्वारा सभी गैर सरकारी संस्थाओं से यह अपेक्षा की गई वह लोगों को रक्तदान के लिए प्रेरित करें तथा डेंगू व अन्य बीमारियों के लिए जन जागरूकता का अभियान चलाने के लिए प्रयास किया जाए क्योंकि बिना जनसहभागिता के कोई भी कार्य संभव नहीं होता। बैठक में सचिव स्वास्थ्य द्वारा सभी संस्थाओं को जनपद में प्लेटलेट की प्रतिपूर्ती के लिए निरन्तर प्रयास किये जाने के लिए निर्देशित किया।
देहरादून में प्लेटलेट निकालने की सुविधा 06 रक्तकोषों में उपलब्ध
विभिन्न संस्थाओं में रक्तदान को प्रेरित करने के लिए सामाजिक कार्यकर्ता अनिल वर्मा को समन्वय स्थापित करने के लिए समन्वयक नामित किया गया। बैठक में सचिव स्वास्थ्य द्वारा यह जानकारी भी दी गई कि जनपद देहरादून में प्लेटलेट निकालने की सुविधा 06 रक्तकोशों में उपलब्ध है। इस सम्बंध में सचिव स्वास्थ्य द्वारा सभी अधिकारियों को यह निर्देशित किया कि अपने जनपद मेें कार्यरत् निजी चिकित्सालय एवं चिकित्सक प्लेटलेट संख्या 20,000 से कम आने पर ही प्लेटलेट एफरेसिस या जम्बो पैक के लिए कहे। इस सम्बंध में दिशा निर्देश जारी कर दिये गये हैं ,जिसका अनुपालन किया जाना सुनिश्चित किया जाये। नगर निगम के अधिकारियों को यह भी निर्देशित किया गया कि अपने जनपदों में फॉगिंग निर्देशित करें।