उत्तराखण्डशिक्षा

परफारमेंस ग्रेडिंग इंडेक्स में उत्तराखंड के पिछड़ने पर शिक्षा मंत्री डॉ.धन सिंह रावत ने विभागीय अधिकारियों की लगाई क्लास,  PGI  रिपोर्ट पर अधिकारियों से किया जवाब तलब,  विभाग को स्वीकृत बजट खर्च की धीमी गति पर भी जताई नाराजगी

  • यूडाइस पोर्टल की जिम्मेदारी निभा रहे अधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगा 

  • जनपदों से समन्वय बनाने में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई करने को कहा

देहरादून। भारत सरकार  की और से जारी विद्यालयों की परफाॅर्मेंस ग्रेडिंग इंडेक्स (पीजीआई) रिपोर्ट में पिछड़ने पर शिक्षा मंत्री डाॅ. धन सिंह रावत ने विभागीय अधिकारियों की जमकर क्लास लगाई। उन्होंने पीजीआई स्कोर से संबंधी भारत सरकार के यूडाइस पोर्टल की जिम्मेदारी निभा रहे अधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगने व जिलों से समन्वय स्थापित करने में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश उच्चाधिकारियों को दिये। विभागीय मंत्री ने विभाग को आंवटित बजट को खर्च करने की धीमी गति पर भी नाराजगी जताई।  विद्यालयी शिक्षा मंत्री डाॅ. धन सिंह रावत ने शनिवार को  शिक्षा महानिदेशालय ननूरखेड़ा में विभागीय समीक्षा बैठक में भारत सरकार   की और से वर्ष 2017 से वर्ष 2021 तक की परफाॅर्मेंस ग्रेडिंग इंडेक्स (पीजीआई) रिपोर्ट में राज्य की कमजोर स्थिति पर विभागीय अधिकारियों की जमकर क्लास ली। डाॅ. रावत ने तमाम संसाधनों के बावजूद परफाॅर्मेंस ग्रेडिंग इंडेक्स में पिछड़ने पर यूडाइस पोर्टल की जिम्मेदारी निभा रहे अधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगने व जिलों से समन्वय बनाने में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश उच्चाधिकारियों को दिये। विभगीय मंत्री ने सख्त चेतावनी देते हुये कहा कि भविष्य में इस प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जायेगी। उन्होंने कहा कि पीजीआई इंडिगेटर सम्बन्धी सभी ऑनलाइन व्यवस्थाओं को भी दुरुस्त किया जाय ताकि शिक्षकों एवं छात्र-छात्रों की उपस्थिति सहित विद्यालयों का अन्य जरूरी डाटा भी ऑनलाइन उपलब्ध हो सके। डॉ0 रावत ने सभी विभागीय अधिकारियों को अपने कार्यों का निर्वहन पूरी लगन व ईमानदारी से करने की नसीहत भी दी। विभगीय मंत्री ने समीक्षा बैठक में प्रदेश भर के जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों (डायट) में प्रवक्ता एवं वरिष्ठ प्रवक्ताओं के लम्बे समय से रिक्त चल रहे सैकड़ों पदों को शीघ्र भरने एवं डायट की नियमावली तैयार कर कैबिनेट में प्रस्तुत करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि डायट शिक्षा विभाग के महत्वपूर्ण संस्थानों में से एक है जिनको एनईपी-2020 की गाइडलाइन के अनुसार कार्य करने के लिये खुद को तैयार करना होगा। इसके लिये डायट की पृथक नियमावली एवं कैडर का बनाया जाना जरूरी है। विभागीय मंत्री ने विभाग को आंवटित बजट खर्च करने की धीमी प्रगति पर नाराजगी जाहिर करते हुए निर्माण एवं अन्य मदों में स्वीकृत धनराशि को समय पर खर्च करने के निर्देश अधिकारियों को दिये।
सचिव विद्यालयी शिक्षा रविनाथ रमन, अपर सचिव योगेन्द्र यादव, महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा बंशीधर तिवारी, निदेशक माध्यमिक शिक्षा आर0के0 कुंवर, निदेशक सीमैट सीमा जौनसारी, निदेशक बेसिक वंदना गब्र्याल, एपीडी समग्र शिक्षा डाॅ. मुकुल सती सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।

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