उत्तराखंड के कृषि मंत्री गणेश जोशी बाल विधानसभा कार्यक्रम में पहुंचे, बाल विधायकों से किया संवाद, कहा – दुनिया में सबसे अच्छे शासन प्रणाली के रूप में जाना जाता है भारत का लोकतंत्र
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उत्तराखंड बाल संरक्षण आयोग की ओर से आयोजित हुआ बाल विधानसभा कार्यक्रम
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विधानसभा सत्र के संचालन और विधायी कार्यों से जुड़ी जानकारी भी बाल विधायकों को विस्तार से दी
देहरादून। प्रदेश के कृषि एवं सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी रविवार को देहरादून प्रिंस चौक स्थित एक निजी होटल में उत्तराखंड बाल संरक्षण आयोग की और से आयोजित बाल विधानसभा कार्यक्रम में पहुँचे, जहां उन्होंने बाल विधायकों से संवाद किया और बाल विधानसभा के सभी सदस्यों को विधानसभा सत्र के संचालन व विधायी कार्यों से जुड़ी जानकारी विस्तार से दीं।
उन्होंने कहा विधानसभा के लिए निर्वाचित होने के बाद एक विशिष्ट शपथ समारोह में विधायकों को प्रोटम स्पीकर की और से शपथ दिलाई जाती है। अपने कार्य प्रारम्भ करन से पहले विधानसभा के प्रत्येक सदस्य को उत्तराखण्ड विधानसभा की प्रक्रिया तथा कार्य संचालन नियमावली, 2005 के अर्न्तगत कार्य करना अनिवार्य होता है। यह कार्य-संचालन कार्यक्रम संविधान के अनुच्छेद 208 के तहत प्राविधित होता है। उन्होंने कहा कि इस कार्य संचालन नियमावली में विधानसभा के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष एवं सदस्यों के साथ-साथ सभा के उपवेशन, राज्यपाल का अभिभाषण, प्रश्न, विधयकों का पुर्नस्थापन, चर्चा, पारण आदि के लिए अलग-अलग नियम बने हुए हैं, अल्पसूचित, तारांकित, अतारांकित जैसे कई स्तरों पर सदस्यों की और से प्रश्न पूछे जाते हैं ।
विधानसभा के कार्य को बेहतर बनाने के लिए कई स्तर पर समितियों का गठन भी किया जाता है। जिनमें प्राक्कलन समिति, संचालन समिति, नियम समिति, विशेषाधिकार समिति, प्रवर समिति, याचिका समिति, लोक लेखा समिति महत्वपूर्ण है । इस दौरान जोशी ने बाल विधानसभा के सभी बच्चो को विधानसभा सदस्य के कुछ महत्वपूर्ण नियम की जानकारी भी दी। कैबिनेट मंत्री जोशी ने कहा नियम 53 सदस्यों द्वारा अविलम्बनीय लोक महत्व के विषयों पर ध्यान दिलाया जाना और नियम 58 में सदस्यों द्वारा अविलम्बनीय लोक महत्व के विषयों पर कार्य स्थगन सम्बन्धित नियम के साथ नियम 65 सदस्यों के विशेषाधिकार एवं अवमानना से सम्बन्धित नियम और नियम 300 यह नियम औचित्य प्रश्नों से सम्बन्धित है और इस नियम में ऐसा विषय उठाया जाता है, जो औचित्य प्रश्न हो । इसके अलावा मंत्री जोशी ने नियम 310 के बारे में भी जानकारी दी। जोशी ने कहा इस नियम सदन के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण होता है, इसमें नियमों के निलम्बन पर विनिश्चय किया जाता है।
अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि हमारे देश के लोकतंत्र को विश्व के सबसे अच्छे शासन प्रणाली के रुप में जाना जाता है। हमारे देश में सरकार आम लोगों द्वारा चुनी जाती है और यह कहना गलत नहीं होगा कि यह उनकी बुद्धि और जागरूकता है। जिससे वे सरकार की सफलता या विफलता निर्धारित करते हैं। उन्होंने कहा कि भारत सहित दुनिया के कई देशों में लोकतांत्रिक शासन प्रणाली लागू है।इसके साथ ही भारत को विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र के रुप में भी जाना जाता है। आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारतीय लोकतांत्रिक प्रणाली पूरी दुनिया को राह दिखा रही है।
जोशी ने कहा कि इस तरह के कार्यक्रमों के आयोजनों से बच्चे विधायी संसदीय कार्यों के साथ साथ अपने अधिकारों की जानकारी प्राप्त भी प्राप्त करते है जिससे छिपी प्रतिभा को निखरने का अवसर मिलता है। इस प्रकार के कार्यक्रमो को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। निश्चित तौर पर ऐसे जागरूक बच्चे देश की समस्याओं के समाधान और भविष्य में नीति निर्माण में अहम भूमिका निभाएंगे। इस दौरान कैबिनेट मंत्री जोशी ने बाल विधानसभा के सभी प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र भी वितरित किए।
इस अवसर पर बाल आयोग अध्यक्ष डॉ गीता खन्ना, बाल आयोग सदस्य विनोद कपूरवाण, बाल विधानसभा मुख्यमंत्री रोहित परिहार, बाल विधानसभा उपमुख्यमंत्री कु. दीक्षा, अनुश्री मिश्रा, बाल विधानसभा उपाध्यक्ष भूमिका सहित कई लोग उपस्थित रहे।