उत्तराखण्ड

सशक्त उत्तराखंड @25 चिंतन शिविर: अंतिम दिन वन विभाग एवं कौशल विकास की लघु एवं दीर्घ कालिक योजनाओं पर दिया गया प्रस्तुतीकरण, अफसरों ने दी कार्यों, योजनाओं और रोडमैप की जानकारी

  • विभागों के सचिवों ने अलग-अलग दी जानकारी

  • कई अधिकारियों ने रखे अपने अपने सुझाव

देहरादून। सशक्त उत्तराखंड@25 चिंतन शिविर के अंतिम दिन गुरुवार को वन विभाग एवं कौशल विकास की लघु एवं दीर्घ कालिक योजनाओं पर प्रस्तुतिकरण दिया। वन विभाग: दीर्घकालिक एवं लघु योजनाओं पर काम कर रहा विभाग: अनूप मलिक वन विभाग के प्रमुख वन संरक्षक अनूप मालिक ने दिए गए प्रस्तुतिकरण में बताया कि किस तरह से विभाग दीर्घ एवं लघु योजनाओं पर काम कर रहा है। प्रकृति आधारित पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए पांच नए डेस्टिनेशन को अगले पांच वर्षों में चयनित एवं विकसित किए जाएंगे। इसी तरह अंतरराष्ट्रीय मार्केटिंग लिंकेज बनाकर 10 नए डेस्टिनेशन को अगले दस वर्ष में विकसित किए जाएंगे। मानव-वन्य जीव संघर्ष को रोकने हेतु स्टेट एक्शन प्लान बनाया जाएगा। साथ ही संवेदनशील इलाकों में रैपिड रेस्पॉन्स टीमों का गठन किया जाएगा, स्टेक होल्डर्स यानि स्थानीय निवासियों को प्रशिक्षित किया जा रहा है। पर्वतीय क्षेत्रों में बंदरों के आतंक को कम करने के लिए बताया गया कि बंदरों को पकड़कर इनकी नसबंदी की जा रही है। वहीं, हाथी एवं बाघ के पारंपरिक गलियारों को रिस्टोर करने के प्रयास किये जा रहे हैं।

आयुष: सचिव डॉ पंकज पांडे ने विभाग का रोड मैप रखा सामने

सचिव आयुष डाॅ. पंकज कुमार पांडेय ने आयुष को लेकर विभाग का रोडमैप बताया । उन्होंने कहा कि आयुष को दोबारा स्थापित करना है। उत्तराखण्ड को आयुष और योग का हब बनाना बनाना है। इस क्षेत्र में प्राइवेट इन्वेस्टमेंट को प्रोमोट किया जा रहा है। आयुष ढांचे को अपग्रेड करने के प्रयास किये जा रहे हैं। अभी 300 वेलनेस सेन्टर राज्य में संचालित हो रहे हैं। योगा एवं नेचुरोपैथी का सेल बनाया जा रहा है।
उन्होंने दवाओं के प्रमाणीकरण करने की जानकारी भी दी। इसके लिए राष्ट्रीय स्तर का सिस्टम बनाने की बात कही। जड़ी-बूटियों के प्रोडक्शन को बढ़ाने पर बल दिया। उन्होंने विभाग में प्रशिक्षित डॉक्टर एवं पैरामेडिकल स्टाफ की कमी को इंगित किया। राज्य में आदर्श आयुष ग्राम विकसित करने के प्रयास किये जा रहे हैं। बताया कि डेंगू में होमियोपैथी काफी कारगर साबित हो रही है।

उद्योग: विभागीय सचिव ने इंडस्ट्री के क्षेत्र में किए जा रहे प्रयासों पर दिया प्रेजेंटेशन

डाॅ. पंकज कुमार पाण्डेय ने उद्योग के क्षेत्र में किए जा रहे प्रयासों पर भी प्रस्तुतिकरण दिया जिसमें बताया गया कि हरिद्वार एवं पंतनगर सिडकुल में अच्छा काम हो रहा है। इकॉनमिक डेवलपमेन्ट के लिए स्वरोजगार पर जोर दिया गया। उन्होंने बताया कि जीआई टैगिंग के बाद हमारी मार्केटिंग ऊपर आ जाती है। इसे बढ़ाने के प्रयास किये जा रहे हैं।  मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना में अच्छा कार्य हो रहा है।
टूरिज्म एवं सर्विस सेक्टर पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। वन डिस्ट्रिक्ट टू प्रोडक्ट पर कार्य किए जा रहे है। उद्योग जगत के लोगों को राज्य में अधिकतम इन्वेस्ट के लिए प्रेरित किया जा रहा है। प्रोडक्ट की जी.आई. टैगिंग पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है। इन्वेस्टमेंट के लिए लैंड बैंक पर भी कार्य किए जा रहे हैं। गति शक्ति में तेजी से कार्य किए जा रहे हैं।

कौशल विकास: सचिव विजय यादव ने दी जानकारी, उद्योगों की डिमांड के हिसाब से कौशल विकास विभाग के जरिए की गई है प्रशिक्षण की व्यवस्था

सचिव कौशल विकास विजय कुमार यादव ने कौशल विकास पर कहा कि उद्योगों की डिमांड के हिसाब से कौशल विकास विभाग के जरिए लोगों को विभिन्न क्षेत्रों में प्रशिक्षण की व्यवस्था की गई है। लॉन्ग टर्म एवं शॉर्ट टर्म स्किल डेवलपमेंट की व्यवस्थाएं की गई हैं। फैकल्टी को भी अप स्किलिंग करने की व्यवस्था की जा रही है।अपडेटेट ट्रेनिंग मेटेरियल एवं इन्फ्रास्ट्रक्चर के साथ लोगों को प्रशिक्षण मिले इस दिशा में प्रयास किए जा रहे हैं। आईटीआई में स्पेशियल ट्रैनिंग प्रोग्राम भी आयोजित किए जा रहे हैं। ये प्रशिक्षण देश के अच्छे संस्थानों से सहयोग लेकर किए जा रहे हैं। आईटीआई सहसपुर में स्किल हब भी बनाया गया है। उन्होंने कहा कि प्रशिक्षण देने वाले विभागों में आपसी समन्वय का होना भी जरूरी है।
कौशल विकास विभाग के प्रस्तुतिकरण के दौरान नैनीताल के जिलाधिकारी धीराज गबर्याल ने   पहाड़ी भवन निर्माण शैली को संरक्षित करने और रोजगार देने के उद्देश्य से हुनरशाला पहाड़ों में खोलने का सुझाव दिया गया। उन्होंने बताया कि वर्तमान में  कौशल विकास का पूरा ध्यान उद्योग की जरूरत पर आधारित है, जबकि हम अपनी पारंपरिक हुनर को खो रहे हैं, जिनको संरक्षित कर इसे पर्वतीय इलाकों में रोजगार सृजन का बड़ा माध्यम बनाया जा सकता है। सचिव स्वास्थ्य डॉ. आर. राजेश कुमार ने कौशल विकास विभाग को नोडल विभाग बनाने का सुझाव दिया । इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, आनंद बर्धन, प्रमुख सचिव आर.के सुधांशु, एल फैनई , सचिवगण एवं वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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