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विकास पर तैयार हो रहे रोड मैप पर महत्वपूर्ण चर्चा में विपक्ष के सुझाव भी आते तो बेहतर होता
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मंथन से भविष्य की योजनाओं का जो खाका तैयार हुआ, वह सीएम धामी के विजन के अनुसार 2025 तक उत्तराखंड को देश का अग्रणी राज्य बनाने वाला साबित होगा
देहरादून ।भाजपा ने कहा कि कांग्रेस की सोच कभी भी सकारात्मक नही रही और चिंतन मनन उसकी समझ से परे है।
प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने कांग्रेस अध्यक्ष के बयांन पर पलटवार करते हुए कहा कि राज्य के विकास के लिए तैयार हो रहे रोडमैप पर महत्वपूर्ण चर्चा मे विपक्ष की ओर से सुझाव आते तो बेहतर था, लेकिन कांग्रेस नकारात्मक विचारों से पोषित मानसिकता के साथ फिर मैदान में उतर गयी जो की स्वाभाविक है। उन्होंने कहा कि विकास का रोड मैप तैयार करने के लिए हुए इस मंथन से भविष्य की योजनाओं का जो खाका तैयार हुआ है, वह निसंदेह 2025 तक मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के विजन के अनुरूप उत्तराखंड को देश का सबसे अग्रणी राज्य बनाने वाला होगा।
प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि विगत 6 वर्षों से भाजपा सरकारों के प्रयासों से प्रदेश विकास की पटरी पर पुनः दौड़ने लगा है। अब इसी रफ्तार को अधिक गति प्रदान करने के लिए दीर्घकालीन योजनाएं बनाने के लिए सरकार ने यह प्रयास किया है । इस शिविर में प्रदेश के वित्तीय संसाधन बढ़ाने, औधौगिक रफ्तार तेज करने, पर्यटन-तीर्थाटन की नई संभावनाएं तलाशने, कृषि, जैविक कृषि, स्वास्थ्य, आयुष, रोजगार, कौशल विकास, शिक्षा, जल प्रबंधन, वैकल्पिक ऊर्जा, जन कल्याणकारी योजनाओं के बेहतर क्रियान्वहन आदि तमाम विषयों पर जो विचार सामने आए हैं वह प्रशंसनीय एवं उत्साहवर्धक है । उन्होंने विश्वास जताते हुए कहा कि चिंतन शिविर से उपजे नवीन विचार आगामी 5-10 वर्षों तक राज्य के सर्वांगीण विकास के लिए बनाए जाने वाली योजनाओं के लिए गाइड लांइन का काम करेंगी ।
महेंद्र भट्ट ने कहा कि हमारी चिंता प्रदेशवासियों की उम्मीदों पर खरा उतरने और प्रधानमंत्री मोदी के मार्गदर्शन मे उत्तराखंड को 2025 तक देश के श्रेष्ठ राज्यों की सूची में लाने का है। उन्होंने कांग्रेस नेताओं पर तंज कसते हुए कहा, जो लगातार जनता द्वारा नकारे जाने के बाद भी अपनी खामियों पर चिंतन नही करते, उनके लिए चिंतन मंथन का क्या महत्व है समझा जा सकता है । उन्होंने कहा जनता सब समझती है भाजपा लगातार जनविश्वास अर्जित करते हुए प्रदेश के लिए चिंतन मनन और उसपर अमल करती है वहीं कांग्रेस व दूसरी विपक्षी पार्टियों न अपने लिए चिंतन करती है और न जनता के लिए, वहीं कोई दूसरा चिंतन करता है तो चिंतित होने लगती है ।
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