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स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने दी हिदायत, टीबी उन्मूलन अभियान की निरंतर समीक्षा करें सीएमओ, निःक्षय मित्र बनाने में पिछड़े जनपद अभियान में तेजी लाएं , सभी चिकित्सा इकाईयों में ओपीडी के साथ-साथ टीबी की भी करें जांच

  • कहा, टीबी मुक्त उत्तराखंड के लक्ष्य को हासिल करने के लिए धरातल पर करना होगा काम

  • प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान के तहत राज्य में चलाए जा रहे कार्यक्रम की समीक्षा 

एस. आलम अंसारी 
देहरादून। प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान के तहत राज्य में चलाये जा रहे टीबी उन्मूलन अभियान के बारे में   स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने सभी जनपदों के मुख्य चिकित्साधिकारियों को शतप्रतिशत लक्ष्य प्राप्ति के लिये अभियान की निरंतर समीक्षा करने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेशभर में सरकारी चिकित्सालयों में आने वाले मरीजों की ओपीडी के साथ-साथ टीबी जांच का दायरा भी बढ़ाया जाय। इसके साथ ही उन्होंने निःक्षय मित्र बनाने एवं टीबी मरीजों को गोद लेने में पीछे चल रहे जनपदों के मुख्य चिकित्साधिकारियों को अभियान में और तेजी लाने के निर्देश दिये।चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने शनिवार को स्वास्थ्य महानिदेशालय में प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान की समीक्षा बैठक ली, जिसमें राज्य स्तरीय अधिकारियों के साथ ही सभी जनपदों के मुख्य चिकित्साधिकारियों एवं जिला क्षय रोग अधिकारियों ने वर्चुअली प्रतिभाग किया। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रावत ने सभी सीएमओ को निर्देश दिये कि टीबी मुक्त उत्तराखंड के लक्ष्य को हासिल करने के लिये धरातल पर काम करना होगा, जिसके तहत सरकारी अस्पतलों में टीबी जांच का दायरा बढ़ाते हुये ओपीडी के साथ-साथ मरीजों की टीबी जांच भी कराई जाय। इसके साथ ही उन्होंने निःक्षय मित्र योजना के अंतर्गत जनजागरूकता अभियान में तेजी लाने एवं चिन्हित मरीजों को उपचार के लिये प्रोत्साहित करने के निर्देश अधिकारियों को दिये। उन्होंने इस बात पर नाराजगी जताई कि सरकार के बार-बार निर्देशों के बावजूद कई जनपदों में निःक्षय मित्र बनाने का अनुपात कम है, जिसको बढ़ाने की आवश्यकता है। डॉ. रावत ने कहा कि विभागीय अधिकारी इस बात को सुनिश्चित करें कि प्रत्येक चिन्हित टीबी मरीज को निःक्षय मित्रों द्वारा उपलब्ध कराई जा रही पोषण किट प्रत्येक माह की दो-तीन तारीख तक मिल जाय। उन्होंने इसके लियेजनपद स्तर पर एक सिस्टम तैयार करने के निर्देश सीएमओ को दिये। टीबी उन्मूलन में तेजी लाने के लिये ब्लॉक स्तर पर जांच शिविरों का आयोजन कर तथा गांव-गांव जाकर टीबी मरीजों को खोजने के निर्देश अधिकारियों को दिये। विभागीय मंत्री ने एनएचएम के अंतर्गत विभिन्न मदों में जनपदों को प्राप्त धनराशि का समय पर उपयोग कर उपयोगिता प्रमाण पत्र शीघ्र  महानिदेशालय को उपलब्ध कराने को कहा साथ ही एनएचएम के तहत स्वीकृत पदों को शीघ्र भरते हुये उच्चाधिकारियों को सूचना उपलब्ध कराने के निर्देश दिये। उन्होंने सभी सीएमओ को रेडक्रास के अंतर्गत होने वाली विभिन्न गतिविधियों का समय-समय पर आयोजन कर रिपोर्ट राज्य रेडक्रॉस समिति को प्रेषित करने के निर्देश दिये। बैठक में निदेशक स्वास्थ्य डॉ. विनीता शाह, निदेशक एनएचएम डॉ. सरोज नैथानी, डॉ. भागीरथी जंगपांगी, संयुक्त निदेशक डॉ. एसके झा, डॉ. पंकज सिंह सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे जबकि स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. शैलजा भट्ट सहित सभी जनपदों के सीएमओ एवं डीटीओ ने वर्चुअल माध्यम से बैठक में प्रतिभाग किया।

डॉ. पंकज सिंह ने दिया टीबी रोगियों का चिन्हीकरण, उपचार एवं नि:क्षय मित्र पंजीकरण का जनपदवार प्रस्तुतीकरण
देहरादून । टीबी उन्मूलन अभियान के प्रभारी अधिकारी डॉ. पंकज सिंह ने बैठक में प्रदेशभर में टीबी रोगियों का चिन्हिकरण एवं उपचार, निःक्षय मित्रों का पंजीकरण को लेकर जनपदवार वर्तमान स्थिति का प्रस्तुतिकरण दिया। जिसमें उन्होंने बताया कि वर्तमान में राज्य में सक्रिय टीबी मरीजों की संख्या 13 हजार 190 है जिन में से 10 हजार 869 मरीजों ने निःक्षय मित्रों के माध्यम से अपने उपचार कराने की सहमति दे दी है। राज्य में पंजीकृत 7 हजार 764 निःक्षय मित्रों द्वारा 9 हजार 394 मरीजों को उपचार हेतु गोद ले लिया गया है। इन निःक्षय मित्रों द्वारा प्रतिमाह एक हजार रूपये का पोषण किट मरीजों को उपलब्ध कराया जा रहा है साथ ही उनको दवापान आदि के लिये मोटीवेट भी किया जा रहा है।

 

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