उत्तराखण्डदेहरादून

NABARD के State Credit सेमिनार में बोले सीएम पुष्कर धामी  , लोन को सही, जरूरतमंदों और योग्य लोगों तक आसानी से पहुंचाने में बैंकों की सबसे बड़ी भूमिका, ऋण संबंधित औपचारिकताओं के लिए योग्य लोगों को अनावश्यक न भटकना पड़े,  बैंकों को करना होगा मिशन मोड पर काम

  • नाबार्ड ने वर्ष 2023- 24 के लिए उत्तराखंड राज्य के लिए प्राथमिकता क्षेत्र  में की है 30301 की ऋण योजना तैयार

  • प्रदेश के किसानों, बागवानी तथा छोटे छोटे उद्योगों में लगे लोगों की आजीविका बढ़ाने में यह लोन होगा कारगर साबित

  • नाबार्ड के तैयार किए गए स्टेट फोकस पेपर 2023- 24 का किया विमोचन

देहरादून ।मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि ऋण को सही, जरूरतमंदों और योग्य लोगों तक पहुंचाने में बैंकों की सबसे बड़ी भूमिका होती है। उन्होंने कहा कि लोन से संबंधित औपचारिकताओं के लिए जरूरतमंद और योग्य लोगों को अनावश्यक रूप से न भटकना पड़े। इसके लिए बैंकों को मिशन मोड  पर  काम करना होगा।  मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने मंगलवार को सुभाष रोड, देहरादून स्थित एक होटल में नाबार्ड  की और से  आयोजित स्टेट क्रेडिट सेमिनार 2023-24 में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर उन्होंने  नाबार्ड  के तैयार किये गये स्टेट फोकस पेपर 2023-24 का विमोचन किया।  नाबार्ड  ने वर्ष 2023-24  के लिए  उत्तराखण्ड राज्य के लिए प्राथमिकता क्षेत्र में 30301 करोड़ रूपये की ऋण संभाव्यता का आंकलन किया है, जो विगत वर्ष की तुलना में 6.22 प्रतिशत अधिक है।
मुख्यमंत्री  पुष्कर धामी ने नाबार्ड का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उत्तराखण्ड में कृषि, बागवानी तथा लघु और मध्यम क्षेत्र के उद्योगों के विकास  के लिए  इस वर्ष करीब तीस हजार करोड़ रूपये से अधिक की ऋण योजना तैयार की है। जो पिछले साल की तुलना में 6.22 प्रतिशत अधिक है। यह हमारे किसानों, बागवानी तथा छोटे-छोटे उद्योगों में लगे लोगों की आजीविका बढ़ाने में कारगर साबित होगा। उन्होंने कहा कि इस ऋण व्यवस्था की सही प्रकार से निगरानी एवं पारदर्शिता की आवश्यकता होगी, ताकि जरूरतमंद लोगों को ऋण लेने में कोई परेशानी न हो। आम जन योजनाओं का पूरा लाभ ले सकें। ऋण को सही, जरूरतमंद और योग्य लोगों तक सरलता से पहुंचाने में सबसे बड़ी भूमिका बैंकों की है। बैंकों को ध्यान देना होगा कि जरूरतमंद और योग्य लोगों को ऋण सम्बन्धित औपचारिकताओं के लिए अनावश्यक न भटकना पड़े। इसके लिए बैंकों को मिशन मोड पर काम करना होगा । नाबार्ड की इस ऋण योजना के आवंटन के लिए प्रत्येक बैंक ब्रांच को एक निश्चित टारगेट के साथ काम करना होगा।नाबार्ड   ने आयोजित स्टेट क्रेडिट सेमिनार में जानकारी दी कि नाबार्ड ने महिलाओं को सशक्त बनाने तथा उनके लिए सतत आजीविका सृजित करने के 91 लघु उद्यमिता विकास कार्यक्रम व 23 आजीविका उद्यमिता विकास कार्यक्रम के माध्यम से 5280 स्वयं सहायता समूह/जेएलजी को प्रशिक्षित कर उन्हें अपना व्यवसाय करने के लिए प्रेरित किया। नाबार्ड राज्य में एफपीओ बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है अभी तक कुल 132 एफपीओ (31 सेंट्रल सेक्टर स्कीम सहित) बनाए गये हैं।
इस अवसर पर कृषि मंत्री  गणेश जोशी, सहकारिता मंत्री डॉ. धन सिंह रावत, अपर मुख्य सचिव  आनन्द बर्द्धन, नाबार्ड के प्रभारी अधिकारी डॉ. सुमन कुमार, क्षेत्रीय निदेशक आरबीआई  लता विश्वनाथ, जनरल मैनेजर  सुनील कौशिक, डीजीएम  निर्मल कुमार, एसएलबीसी के संयोजक नरेन्द्र रावत, सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम,  बीवीआरसी पुरूषोत्तम,  दिलीप जावलकर एवं विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्ष उपस्थित थे।

कहा, ग्रामीण इलाकों में निवेश और लोन के जरिए ही विकास और उन्नति मुमकिन
देहरादून । मुख्यमंत्री धामी  ने कहा कि ग्रामीण इलाकों में निवेश और लोन के  जरिए ही विकास और उन्नति संभव है। यह हमारे रिवर्स पलायन मिशन के लिए भी आवश्यक है। सरकार ग्रामीण इलाकों में आधारभूत सुविधाओं, सड़क, कनेक्टिविटी को मजबूत करने के लिए लगातार काम कर रही है। इसके लिए नाबार्ड का भी लगातार सहयोग मिलता रहता है। पिछले वर्ष ही नाबार्ड ने उत्तराखण्ड को दस हजार करोड़ रूपये की 4515 परियोजनाओं की मंजूरी दी। इसके लिए उन्होंने नाबार्ड का आभार भी व्यक्त किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार राज्य के इंफ्रास्टक्चर को मजबूत और आधुनिकतम बनाने पर लगातार कार्य कर रही है, ताकि राज्य के शहरी इलाकों के साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में भी निवेश बढ़े। उन्होंने कहा कि रूद्रप्रयाग, बागेश्वर और टिहरी ऋण की कमी वाले तीन जिलों में ऋण आवंटन बढ़ाने पर विशेष ध्यान दिया जाय।

बैंकों के अलावा राज्य सरकार आम लोगों के लिए लागू कर रही कई योजनाएं
देहरादून ।मुख्यमंत्री  धामी ने कहा कि बैंको के अलावा राज्य सरकार आम लोगों के लिए भी सब्सिडी, क्रेडिट लिंक्ड योजनाओं और ब्याज अनुदान जैसी योजनाओं को लागू कर रही है। जिसके अंतर्गत वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली पर्यटन स्वरोजगार योजना, दीनदयाल उपाध्याय सहकारिता किसान कल्याण योजना, मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजनाएं संचालित की जा रही हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड के विभिन्न जनपदों की भौगोलिक परिस्थितियां अलग-अलग है। भौगोलिक परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए भी योजनाओं का सही क्रियान्वयन करना होगा।

2023  मिलेट वर्ष घोषित होने से उत्तराखंड के मोटे अनाजों को मिलेगा तेजी से बढ़ावा
देहरादून । मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी  के नेतृत्व में भारत  की और से अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर जो भी प्रस्ताव रखे जाते हैं, उन पर गम्भीरता से फैसले भी लिये जाते हैं। उन्होंने कहा कि भारत इस वर्ष जी 20 शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता कर रहा है। यह देश के लिए ‘लोकल फॉर ग्लोबल’ को बढ़ावा देने का अच्छा अवसर है। जी 20 की 02 महत्वपूर्ण बैठकें उत्तराखण्ड में भी प्रस्तावित हैं। भारत के प्रस्ताव पर संयुक्त राष्ट्र महासभा ने वर्ष 2023 को अन्तरराष्ट्रीय मिलेट वर्ष भी घोषित किया है। इससे हमारे मोटे अनाजों को तेजी से बढ़ावा मिलेगा। भारत सरकार  की और से  मण्डुवा को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर क्रय करने की स्वीकृति प्रदान करने पर उन्होंने प्रधानमंत्री  मोदी का आभार व्यक्त किया।

 

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