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सेब, खुमानी, आडू, प्लम, नाशपाती, अखरोट, कीवी आदि प्रजातियों के पौधे किये जाऐंगे वितरित
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वर्तमान में राजकीय उद्यानों में उपलब्ध हैं 2.60 लाख पौंधे
देहरादून। कृषि एवं कृषक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि सरकार के विजन-2025 के अन्तर्गत बागवानी फसलों का उत्पादन दोगुना किये जाने के लिए कृषकों को अधिक से अधिक फलदार पौधों का वितरण कर लक्ष्य को पूर्ण किया जा सकता है और हमने राजकीय पौधालयों में उत्पादित सभी शीतकालीन फल पौधों को कृषकों के प्रक्षेत्र में रोपण किये जाने के लिए निःशुल्क वितरित किये जाने का निर्णय लिया गया है। विदित हो कि सरकार की और से शीतकालीन पौंधों का निशुल्क वितरण प्रदेश में पहली बार किया जा रहा है।
कृषि मंत्री ने बताया कि राज्य में स्थापित 93 राजकीय उद्यानों या पौधालयों में मौसम वर्षाकालीन एवं शीतकालीन में विभिन्न प्रकार की फल पौध रोपण सामग्री उत्पादित की जाती है। राजकीय उद्यानों में शीतकाल में मुख्य रूप से सेब, खुमानी, आडू, प्लम, नाशपाती, अखरोट, कीवी आदि प्रजातियों के पौधे तैयार किये जाते हैं। इस वर्ष शीतकालीन में लगभग 2.60 लाख फल पौधे राजकीय उद्यानों में उपलब्ध हैं, जिनका वितरण प्रदेश भर में निशुल्क किया जाऐगा। कृषि मंत्री जोशी ने कहा कि प्रदेश की बागवानी को एक नई ऊँचाई प्रदान कर सरकार के विजन-2025 तक बागवानी के उत्पादन को दोगुना करने के लक्ष्य को सफल बनाने में सभी का सहयोग अपेक्षित है। जोशी ने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में सरकार का संकल्प है कि जब राज्य निर्माण की रजत जयंती होगी, तब हमारा राज्य देश के अग्रणी राज्यों में होगा। मंत्री ने कहा कि पिछले दिनों हमने आम नागरिकों और औद्योनिक क्षेत्र में कार्य कर रहे कृषिकों के साथ चर्चा कर प्रदेश में बागवानी फसलों के उत्पादन को बढ़ाने के लिए अहम निर्णय लिये। जहां पहले सिर्फ कुछ ही वरायटी के लिए परमिशन दी जाती थी, वहीं अब एम-7, एम-9, एमएम-106 एवं एमएम-111, सीडलिंग रुटस्टाक में से जो भी बागवान को ठीक लगे, उसे वह अपने बगीचें में लगा सकता है।
विदित हो कि इस सम्बन्ध में शासन की और से 16 जनवरी, को शासनादेश निर्गत किया चुका है। राज्य के समस्त कृषक या बागवान एवं इच्छुक व्यक्ति अपने प्रक्षेत्र पर फलदार पौधों के रोपण के लिए अपने जनपद में स्थापित उद्यान सचल दल केन्द्र/मुख्य उद्यान अधिकारी कार्यालय से सम्पर्क कर निःशुल्क फल पौध प्राप्त कर रोपण कर सकते हैं। जानकारी के अनुसार, अल्मोड़ा में 76 हजार, बागेश्वर में 7 हजार, पिथौरागढ़ में 18 हजार, चम्पावत में 14 हजार, नैनीताल में 25 हजार, चमोली में 10 हजार, पौड़ी में 15 हजार, कोटद्वार में 9 हजार, उत्तरकाशी में 51 हजार, टिहरी में 10 हजार एवं देहरादून 7 हजार पौंधे राजकीय पौंधालयों में शीतकालीन फल उपलब्ध हैं।
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