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जोशीमठ भूधंसाव आपदा में अब तक 678 भवनों में आ चुकी हैं दरारें, डेंजर जोन में चिन्हित भवनों को किया गया सील, 81 परिवारों को अस्थायी स्थानों पर किया गया है शिफ्ट

  • प्रशासन लगातार लोगों को कर रहा सुरक्षा को लेकर अलर्ट

  • कई परिवारों ने सामान लेकर अपना घर छोड़ना कर दिया शुरू

देहरादून/चमोली। जोशीमठ में 678 भवनों में दरारें आ चुकी हैं। डेंजर जोन में चिन्हित भवनों को सील कर दिया गया है। इसी के साथ सोमवार को एसडीआरएफ ने यहां सुई गांव में घर खाली कराने का अभियान शुरू किया तो वहीं मनोहर बाग में प्रभावितों ने खुद ही घर छोड़ने शुरू कर दिया। प्रभावित अपना सामान लेकर निकल पड़े हैं। 81 परिवारों को अस्थायी स्थानों पर शिफ्ट कर दिया गया है।
सीएसआईआर- केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान की टीम ने जोशीमठ भू-धंसाव वाले इलाके में दरार पड़ी भवनों का भी निरीक्षण किया है। जिन्हें जल्द टीम तोड़ सकती है। हालांकि, प्रशासन की इस पहल को लेकर स्थानीय लोगों में काफी नाराजगी देखी जा रही है। लोगों का कहना है कि अचानक से उन्हें घर छोड़कर जाने के लिए कहा जा रहा है लेकिन यह भी स्थायी व्यवस्था नहीं है। घरों पर लाल क्रॉस का निशान लगाए जाने से लोगों में काफी बेचैनी है।

खतरे को देखते हुए जोशीमठ को प्रशासन ने तीन जोन में बांटा
चमोली। भू-धंसाव के खतरे को देखते हुए प्रशासन ने जोशीमठ को तीन जोन में बांट दिया है। ये तीन जोन असुरक्षित, सुरक्षित और बफर जोन में बांटे गए हैं। जोन के आधार पर घरों के चिन्हीकरण के आदेश दिए गए हैं। असुरक्षित जोन में ऐसे मकान होंगे जो ज्यादा जर्जर हैं और रहने लायक नहीं हैं। सुरक्षित जोन में वो भवन होंगे जिनमें हल्की दरारें हैं और दरारों का आकार स्थिर है बढ़ नहीं रहा है। बफर जोन में वो भवन होंगे जिनमें हल्की दरारें हैं, लेकिन दरारों के बढ़ने का खतरा है। जिला प्रशासन घरों पर लाल निशाना लगाकर इलाकों को असुरक्षित घोषित कर रहा वहीं लोगों से भी अपील की जा रही है कि वो लाल निशाना वाले क्षेत्रों में न जाए। जोशीमठ में 678 घरों में दरारें पड़ी हुई है।100 से ज्यादा घर ऐसे है जो कभी भी ढह सकते हैं। वहीं प्रशासन 81 से ज्यादा परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर भेज चुका है।

बोले सचिव मुख्यमंत्री सुन्दरम, सभी पहलुओं पर सूचनाएं जुटाने के बाद आगे की रणनीति पर किया जाएगा काम
देहरादून। सचिव मुख्यमंत्री आर मीनाक्षी सुंदरम ने कहा कि मैं अब जोशीमठ में ही रहूंगा। जिला प्रशासन को निर्देश दिए हैं कि सबसे पहले वह भवनों को तीन जोन में बांटे। कई व्यावसायिक भवन भी हैं। लोग जोशीमठ से दूर स्थायी तौर पर शिफ्ट होना चाहेंगे या नहीं, इन सभी पहलुओं पर सूचनाएं जुटाने के बाद आगे की नीति पर काम करेंगे।

अगले आदेश तक जनपद चमोली में सभी निर्माण कार्यों पर लगाई रोक
चमोली। जिलाधिकारी हिमांशु खुराना ने बताया कि जिले में अगले आदेश तक सभी निर्माणकार्यों पर रोक लगा दी गई है। इसके अलावा जो रिलीफ कैंप बनाए गए हैं, उसका अधिकारी निरीक्षण कर रहे हैं। साथ ही अस्थाई रूप से विस्थापित परिवार को राहत सामग्री भी दी जा रही है। वहीं जिलाधिकारी हिमांशु खुुराना ने बताता कि जोशीमठ नगर पालिका क्षेत्र को आपदा क्षेत्र घोषित किया गया है। इसके अलावा भारत सरकार की दो टीमें सोमवार को जोशीमठ पहुंच गई। पहली जल शक्ति़ मंत्रालय की हाईलेवल टीम है और दूसरी गृह मंत्रालय की बॉर्डर मैनेजमेंट की टीम भी जोशीमठ पहुंची हैं।

सीबीआरआई की टीम जोशीमठ भू-धंसाव क्षेत्र का निरीक्षण कर अपनी रिपोर्ट कर रही तैयार
देहरादून। सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट की एक टीम मुआवजे के लिए इमारतों को हुए नुकसान का जायजा लेने जोशीमठ भू-धंसाव क्षेत्र का निरीक्षण कर अपनी रिपोर्ट तैयार कर रही है। सीएम धामी के सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम का कहना है कि जिस क्षेत्र को तुरंत खाली करने की जरूरत है उसे ‘डेंजर जोन’ के रूप में नामित किया गया है। जो क्षेत्र जल्द ही असुरक्षित हो सकता है वह है ‘बफर जोन’ और तीसरा वह है जो पूरी तरह से सुरक्षित है। हम क्षेत्रों के विवरण का सर्वेक्षण कर रहे हैं- डेंजर और बफर जोन। उसके बाद हम तय करेंगे कि किसे कहां शिफ्ट किया जाएगा। हमने इन निवासियों के पुनर्वास के लिए उपयुक्त कुछ क्षेत्रों का निरीक्षण किया है।

सीएम पुष्कर धामी जोशीमठ के हालात पर रखें हुए हैं नजर
देहरादून। जोशीमठ के हालात पर खुद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी नजर बनाए हुए हैं। शनिवार को सीएम धामी ने पूरे इलाके का हवाई और जमीनी सर्वेक्षण किया था। सीएम धामी ने यहां के लोगों से बात की और जमीनी स्तर पर हालात को देखा। जिसके बाद जोशीमठ में खतरे के जोन में रहने वाले लोगों को सुरक्षित जगहों पर ले जाया जा रहा है। वहीं, सीएम धामी ने कहा कि जोशीमठ में सरकार की ओर से प्रभावित नगरवासियों की सुरक्षा, पुनर्वास एवं क्षेत्र के संरक्षण के लिए कार्य तीव्र गति से संचालित हैं।

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