उत्तराखण्डदेहरादून
सचिव स्वास्थ्य डॉ R. राजेश कुमार ने कहा, जल्द ही कोविड टीकाकरण की मुहिम के लिए उपयोग में लाए जाएंगे ड्रोन, प्रदेश की सभी चिकित्सा इकाइयों में वैक्सीन की उपलब्धता बनाकर रखी जाएगी
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ड्रोन टेक्नोलॉजी का सफल ट्रायल, जिला चिकित्सालय उत्तरकाशी पहुंचाई वैक्सीन
देहरादून। प्रदेश के सुदूर इलाकों में दवाईयों को पहुंचाने के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से सूचना प्रौद्योगिकी के माध्यम से राज्य के दूरस्थ जनपदों में निवास कर रहे लाभार्थियों को कम से कम समय में वैक्सीन उपलब्ध कराने के लिए अनोखी पहल सफल साबित हुई। प्रदेश के भौगोलिक परिस्थितियों के मद्देनजर दवाओं, टीकों को समयबद्ध तरीके से पहुंचाने के लिए स्वास्थ्य विभाग उत्तराखंड ने ड्रोन टेक्नोलॉजी का सफल ट्रायल पूर्ण कर लिया है। सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग डॉ. आर. राजेश कुमार ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग की ओर से ड्रोन टेक्नोलॉजी का उपयोग कर देहरादून से सीमांत जनपद उत्तरकाशी तक महज 40 मिनट में वैक्सीन की डोज को सफलतापूर्वक पहुंचाया गया है। प्रतिरक्षण कार्यक्रम के तहत ड्रोन से डिप्थीरिया टिटनेस (डी.पी.टी.) व पेंटा की 400 डोज मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय उत्तरकाशी पहुंचाई गई है। उन्होंने बताया कि अमूमन सड़क मार्ग से 5-6 घंटे का समय लगता है। डॉ. राजेश ने यह भी बताया कि इस सफलतापूर्वक परीक्षण के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी व स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत की ओर से आगामी दिनों में प्रदेश के सूदूर इलाकों में ड्रोन के माध्यम से कोविड वैक्सीन को पहुंचाए जाने के लिए कार्य का शुभारंभ किया जाएगा। उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य विभाग तथा इनफोरमेशन टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट एजेंसी (आई.टी.डी.ए.) के सहयोग से दवाईयों को पहुंचाया गया है। डॉ. राजेश ने बताया कि प्रदेश में दवाईयों या वैक्सीन को पहुंचाने के लिए सड़क मार्ग का उपयोग किया जाता है, जिसमें काफी समय लगता है व कभी-कभी आपदा के कारण भी दवाई पहुंचाने में परेशानी होती है। स्वास्थ्य विभाग का प्रयास है कि दवाई वितरण में किसी भी प्रकार की देरी न हो और समय पर सभी चिकित्सा इकाइयों तथा ऐसे स्थानों, गावों में जहां सड़क मार्ग की सुविधा नही है, वहां भी दवाईयां व वैक्सीन उपलब्ध हांे, निकट भविष्य में दुर्घटनाग्रस्त, आपदा या अन्य किसी विकट स्थिति पर समयान्तर्गत प्राथमिक उपचार की दवाईयां तथा अन्य सामग्री पहुंचाने में ड्रोन टेक्नोलॉजी की सुविधा मील का पत्थर साबित होगी। सचिव स्वास्थ्य ने बताया कि कोविड के दृष्टिगत भी ड्रोन टेक्नोलॉजी काफी कारगर साबित होगी। हम प्रदेश के सभी चिकित्सा इकाइयों में वैक्सीन की उपलब्धता बनाए रखेंगे ताकि पात्र लाभार्थियों का टीकाकरण सुलभ तरीके से पूर्ण हो।