देहरादून। ग्राम पंचायतों में सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए विभागों के बीच सामंजस्य स्थापित करने व महत्वाकांक्षी योजनाओं को शीघ्रता से धरातल पर उतारने का प्रयास होना चाहिए। पंचायत भवनों को दीनदयाल मिनी सचिवालय के रूप में विकसित करने के कार्य में तेजी लाई जाए।
यह बात प्रदेश के पंचायती राज, ग्रामीण निर्माण, लोक निर्माण, पर्यटन, सिंचाई, जलागम, धर्मस्व एवं संस्कृति सतपाल महाराज ने मंगलवार को विधानसभा स्थित कक्ष में पंचायतीराज विभाग की समीक्षा बैठक में विभागीय अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश देते हुए कही। उन्होंने कहा कि पंचायतों को सशक्त करने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन को साकार करने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पंचायतों में किए जा रहे कार्यों की लगातार मॉनिटरिंग कर रहे हैं। सतत विकास लक्ष्य को हासिल करने और पंचायत भवनों के निर्माण के साथ-साथ दीनदयाल मिनी सचिवालय को व्यवस्थित करने के लिए सभी औपचारिकताएं व व्यवस्थाएं समय पर पूरी होनी चाहिए।
पंचायतीराज मंत्री महाराज ने कहा कि सतत विकास लक्ष्यों की पूर्ति के लिए ग्राम-सभाओं को सशक्त और पारदर्शी बनाने की आवश्यकता है। सभी विभागों की विभिन्न योजनाओं के अभिसरण से ही यह संभव हो पाएगा। इसलिए ग्राम सभा में होने वाले विकास कार्यों के लिए विभागों से तालमेल आवश्यक है। त्रिस्तरीय पंचायतें स्वावलंबी व स्वायत्त हों इसके लिए सभी व्यवस्थाएं पारदर्शी और समयबद्ध बनाने के प्रयास होने चाहिए।
समीक्षा बैठक में पंचायती राज सचिव नितेश झा, अपर सचिव ओमकार सिंह, पंचायती राज निदेशक बंशीधर तिवारी, उपनिदेशक मनोज तिवारी सहित अनेक विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।
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