उत्तराखण्डदेहरादून

एसीएस  राधा रतूड़ी ने कहा, उत्तराखंड में युवाओं के हित और उनका भविष्य सुरक्षित करने को लाया गया  है देश का सबसे सख्त नकल विरोधी कानून, प्रतियोगी परीक्षाओं में गड़बड़ी व गलती उजागर होने पर होगी सख्त कार्रवाई, मुख्यमंत्री पुष्कर धामी खुद आगे आकर कर रहे युवाओं से बात, वार्ता के बाद कई मांगों पर  राज्य सरकार ने निकाला है बेहतर  समाधान

 

एस. आलम अंसारी

  • देहरादून: अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने कहा कि राज्य सरकार देश का सबसे सख्त नकल विरोधी कानून युवाओं और अभ्यर्थियों  के हित में लेकर आई है। उन्होंने कहा कि प्रतियोगी परीक्षाओं में अभ्यर्थियों के हितों से खिलवाड़ करने वाले किसी भी व्यक्ति, संस्था, कोचिंग सेंटर  को बख्शा नहीं जाएगा। नकल विरोधी कानून की सुसंगत धाराओं के तहत कार्रवाई की जाएगी। मंगलवार को सचिवालय स्थित मीडिया सेंटर में पत्रकारों से बात करते हुए अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने कहा कि पेपर लीक प्रकरणों और शिकायतों के बाद राज्य सरकार ने कई  सख्त कदम उठाए हैं। उन्होंने कहा कि प्रतियोगी परीक्षाओं में अनुचित साधनों और तरीकों का इस्तेमाल रोकने के लिए राज्य सरकार देश का सबसे सख्त नकल विरोधी कानून लेकर आई है। उन्होंने कहा कि इस कानून के जरिए प्रदेश के युवाओं और अभ्यर्थियों का भविष्य सुरक्षित करना है। राधा रतूड़ी ने कहा कि यह कानून उत्तराखंड में 11 फरवरी के बाद राज्य सरकार की ओर से संचालित होने वाली प्रतियोगी परीक्षाओं पर लागू हो गया है। अपर मुख्य सचिव ने कहा कि इस नकल विरोधी कानून में कई सख्त प्रावधान किए गए हैं। उन्होंने कहा कि इस कानून के जरिए उन लोगों के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी जो भ्रामक सूचना और अफवाह फैलाएंगे। राधा रतूड़ी ने कहा कि प्रदेश के युवाओं के प्रतिनिधिमंडल के साथ कई बार वार्ता हो चुकी है और यह पूरी तरह सकारात्मक रही है ।उन्होंने कहा कि सरकार युवाओं की हितों  के लिए हरदम उनके साथ खड़ी है। मुख्यमंत्री आगे बढ़कर युवाओं से बात कर रहे हैं और समाधान निकालने का पूरा प्रयास किया जा रहा है ।युवाओं के साथ हुई बातचीत के बाद उनकी कई मांगों पर हल निकाला गया है। राधा रतूड़ी ने कहा कि युवाओं के प्रतिनिधिमंडल ने प्रतियोगी परीक्षाओं में गड़बड़ी की जांच हाई कोर्ट के जज के सुपरविजन में कराने की मांग भी रखी है ,जिसके लिए सरकार तैयार है ।उनकी मांग पर उत्तराखंड लोक सेवा आयोग के परीक्षा नियंत्रक को  तत्काल हटा दिया गया है। उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग और उत्तराखंड लोक सेवा आयोग की परीक्षाओं में गड़बड़ी के मामले सामने आने के बाद एसटीएफ और एसआईटी जांच कर रही है। बड़ी संख्या में आरोपियों को जेल भेजा गया है। एक सवाल के जवाब में अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने कहा कि नकल विरोधी कानून राज्य सरकार की प्रतियोगी परीक्षाओं पर लागू होगा और यह 11 फरवरी के बाद से होने वाली सभी प्रतियोगी परीक्षाओं पर प्रभावी रूप से लागू होगा। उन्होंने कहा कि परीक्षाओं का संचालन करने वाले  आयोग या अन्य संस्था  का कोई अधिकारी या कर्मचारी  की गलती उजागर होगी तो सरकार कड़ी कार्रवाई करेगी। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के अध्यक्ष जो उत्तराखंड के एक वरिष्ठ अफसर रहे हैं उन्हें भी गलती  उजागर होने पर जेल भेजा गया । अपर मुख्य सचिव ने कहा कि राज्य में नकल विरोधी कानून लागू होने के बाद 12 फरवरी को हुई पटवारी लेखपाल भर्ती परीक्षा शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुई है और इसमें एक लाख से ज्यादा अभ्यर्थी बैठे हैं। प्रतियोगी परीक्षाओं को शांतिपूर्ण, व्यवस्थित और पारदर्शिता के साथ आयोजित करना राज्य सरकार की प्रतिबद्धता है। प्रेस वार्ता में सचिव कार्मिक शैलेश बगोली,एडीजी लॉ एंड ऑर्डर वी मुरुगेशन व अपर सचिव जगदीश प्रसाद कांडपाल सहित शासन के कई अधिकारी मौजूद रहे।

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