हेल्थ सेक्रेट्री डॉ.R. राजेश ने कहा, मातृत्व स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत केंद्र को भेजा जाएगा हाई रिस्क गर्भवती महिलाओं को प्रसव से पूर्व बर्थ वेटिंग होम में राज्य के सभी 13 जनपदों में वन स्टॉप सेंटर एवं वर्किंग वूमेन हॉस्टल में रखे जाने का प्रस्ताव
मोबाइल मेडिकल यूनिट के माध्यम से दूरस्थ क्षेत्रों में टीबी रोग उन्मूलन को और सुलभ होगी जांच की सुविधा
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत संचालित विभिन्न कार्यक्रमों के सप्लीमेंट्री बजट को लेकर अहम बैठक
देहरादून । सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग. डॅा. आर. राजेश कुमार की अध्यक्षता में विभागीय समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत संचालित विभिन्न कार्यक्रम के लिए सप्लीमेंट्री पी.आई.पी. (प्रोग्राम इंप्लीमेंटेशन प्लान) भारत सरकार को प्रस्ताव प्रेषित करने के लिए चर्चा की गई।
बैठक में डॉ. आर. राजेश कुमार ने मातृत्व स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत हाई रिस्क गर्भवती महिलाओं को प्रसव की संभावित तिथि से पूर्व बर्थ वेंटिग होम में राज्य के सभी 13 जनपदों में स्थापित वन स्टॉप सेंटर एवं वर्किंग वुमेन हॉस्टल में रखे जाने के लिए प्रस्ताव भारत सरकार को प्रेषित किए जाने के निर्देश दिये । योजना के तहत दूरस्थ क्षेत्रों में रहने वाली गर्भवती महिलाओं को चिकित्सकीय देखभाल समय पर प्राप्त होगी व प्रसव के पूर्व गर्भवती महिलाओं को सहूलियत होगी। यह कदम मातृ एवं शिशु मृत्यु दर को कम करने में महत्वपूर्ण साबित होगा।
सचिव स्वास्थय ने राष्ट्रीय टी.बी. उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत प्रदेश में संचालित 17 मोबाइल मेडिकल यूनिट (एम.एम.यू.) में पोर्टेबल डिजिटल एक्स-रे यूनिट स्थापित करने हेतु भारत सरकार को प्रस्ताव प्रेषित किए जाने पर भी दिशा-निर्देश दिये गए। मोबाइल मेडिकल यूनिट के माध्यम से दूरस्थ क्षेत्रों में जाकर चिकित्सा सेवाएं प्रदान की जा रही है। टी.बी. रोग उन्मूलन लक्ष्यों की प्राप्ती के लिए दूरस्थ क्षेत्रों के निवासियों के लिए टी.बी. जांच की सुविधा और भी सुलभ हो जाएगी।
राष्ट्रीय अंधता निवारण कार्यक्रम के अंतर्गत जिला चिकित्सालय देहरादून व उप जिला चिकित्सालय मसूरी में आई ओटी हेतु उपकरणों की खरीद के लिए प्रस्ताव प्रेषित किया गया। जनपद टिहरी गढ़वाल व पिथौरागढ़ हेतु कार्यक्रम के अंतर्गत एक-एक सचल नेत्र चिकित्सा वाहन का संचालन प्रस्ताव प्रेषित किया गया। जिसमें सूदूर क्षेत्रों में सचल चिकित्सा वाहन के माध्यम से नेत्र परीक्षण कर उपचार प्रदान किया जाएगा।
हीमोग्लोबिनोपैथी कार्यक्रम के अंतर्गत राज्य में जनजातीय समुदाय में सिकल सेल स्क्रीनिंग प्रारंभ किए जाने हेतु भारत सरकार को प्रस्ताव प्रेषित किया गया। जिसमें राज्य में जनजातीय समुदाय के लोग लाभन्वित होंगे तथा भविष्य में सिकल सेल उन्मूलन के लिए कार्य किया जा सकेगा। साथ ही जिला चिकित्सालय बागेश्वर व बेस चिकित्सालय हल्दवानी में स्थापित रक्तकोष के सुदृढ़ीकरण के लिए भारत सरकार से उपकरणों की मांग की गई।
बैठक में अपर सचिव स्वास्थ्य अमनदीप कौर, निदेशक एनएचएम डॉ. सरोज नैथानी, प्रभारी अधिकारी डॉ. पंकज कुमार सिंह, डॉ. अजय कुमार नगरकर, डॉ. अर्चना ओझा, डॉ. अर्जुन सिंह सेंगर, डॉ. मुकेश रॉय, आदि मौजूद रहे।