केरल के तिरुवनन्तपुरम में कृषि विभाग केरल की और से आयोजित वेगा (VAIGA-2023) कार्यक्रम में बोले, मैं द्रोणागिरी पर्वत….. संजीवनी बूटी…. की धरती से आता हूँ,- जोशी, उत्तराखंड सरकार की ओर से कृषि के क्षेत्र में किए जा रहे कार्यों की दी जानकारी
केरल/देहरादून: मैं द्रोणागिरी पर्वत….. संजीवनी बूटी…. की धरती से आता हूँ, एक ऐसी धरती जो यहाँ उपस्थित सभी लोगों के लिए एक मौका पेश करती है, उत्तराखंड हिमायल की गोद में बसा एक पर्वतीय राज्य है। हमारे यहाँ एक कहावत है “वे हैव एवरीथिंग एक्सेप्ट द सी” यह बात प्रदेश के कृषि एवं कृषक कल्याण मंत्री गणेश जोशी अपने तीन दिवसीय केरल दौरे के दौरान सोमवार को तिरुवनन्तपुरम में कृषि विभाग, केरल द्वारा आयोजित तीन दिवसीय वैल्यू एडिशन फॉर इनकम जेनरेशन इन एग्रीकल्चर वेगा (VAIGA-2023) कार्यक्रम में अपने संबोधन में कही।
कृषि मंत्री गणेश जोशी केरल के तिरुवनन्तपुरम में कृषि विभाग केरल द्वारा आयोजित तीन दिवसीय वैल्यू एडिशन फॉर इनकम जेनरेशन इन एग्रीकल्चर वेगा (VAIGA-2023) कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर मंत्री गणेश जोशी ने उत्तराखंड सरकार द्वारा कृषि के क्षेत्र में किए जा रहे कार्यों की जानकारी देश के विभिन्न राज्यों से पहुंचे कृषि मंत्रियों अधिकारियों प्रतिनिधियों से साझा किए। मंत्री गणेश जोशी ने कहा उत्तराखंड की ज्योग्राफिकल एंड एग्रो क्लाइमेटिक कंडीशंस फल, सब्ज़ी, जड़ी बूटी एवं एरोमेटिक प्लांट्स की फसलों के उत्पादन के लिए अत्यंत अनुकूल हैं। उन्होंने कहा जलवायु विशेषता के फलस्वरूप उत्तराखंड में फल, सब्ज़ी, जड़ी बूटी एवं एरोमेटिक प्लांट्स की खेती के विकास की अपार संभावनाएं हैं।
हमारे राज्य में अलग-अलग ऊंचाई और अलग-अलग कृषि जलवायु क्षेत्र हैं, जो हमारे प्रदेश को विभिन्न फसलों के लिए अनुकूल बनती है। हमने विभिन्न हस्तक्षेपों (इंटरवेंशंस) जैसे की नीतिगत तथा वित्तीय सहायता के माध्यम से इस मुख्य फसल ( एंकर क्रॉप) को प्रोत्साहन देने के लिए एक सम्पूर्ण मूल्य श्रृंखला विकसित की है। प्रदेश में हॉर्टिकल्चर के विकास के लिए प्रत्येक एग्रो क्लाइमेटिक जोन के लिए टेक्निकल फेसबिलिटी (जलवायु अनुकूलता, मिटटी के प्रकार, पानी की उपयुक्तता तथा कमर्शियल मापदंडों (उपज स्तर, उत्पादन मात्रा, क्लस्टर का साइज, बाजार प्रतिस्पर्धा) के आधार पर एक मुख्य फसल (एंकर क्रॉप) का चयन किया गया है। मंत्री ने कहा उत्तराखंड सरकार तेज़ी से क्लस्टर आधारित क्षेत्र विस्तार की ओर कार्य कर रही है। चयनित फसल की उपज में सुधार उत्पादन की गुणवत्ता बढ़ाने ट्रेड और इंडस्ट्री लिंकेज को बढ़ावा देने और स्टेकहोल्डर्स ( हितधारकों) की क्षमता निर्माण कर उन्हें सहायता प्रदान करने का कार्य कर रही है।
जोशी ने कहा कि प्रदेश का सकारात्मक पालिसी एनवायरनमेंट के कारण प्रदेश के किसान तथा व्यापारी आसानी तथा लाभ कमा अपना अपना कार्य कर पा रहे हैं। प्रदेश में 5 सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनाने की दिशा में सरकार कार्य कर रही है। सेब, कीवी, वालनट, टेम्पेरटे फ्रूट्स एवं ऑफ सीजन वेजटेबल्स इन केंद्रों के द्वारा किसानो को उच्च गुणवत्ता की रोपण सामग्री तथा नयी तकनीकों का प्रशिक्षण दिया जायेगा, जिसके द्वारा फसलों का उत्पादन बढ़ेगा। उन्होंने कहा हमारी सरकार हॉर्टी टूरिज्म को बढ़ावा देकर पुराने बागों का जीवनोद्धार भी कर रही है जिसके द्वारा प्रदेश के उत्पादन एवं उत्पादकता को बढ़ाया जा सके। साथ ही सरकार फसलों को जंगली जानवरों से हो रहे बचाने के लिए सोलर घेरबाड़ की व्यवस्था भी कर रही है।
उत्तराखंड का सगन्ध पौधा केन्द्र (कैप) सीमान्त किसानों को उच्च रोपण सामग्री तथा तकनीकी प्रशिक्षण प्रदान कर उनकी आय बेहतर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। सगन्ध पौधा केन्द्र (कैप) प्रदेश में सगन्ध फसलों, जैसे की लैमनग्रास, मिन्ट, सिनामन, डेमस्क गुलाब व तिमूर की खेती को बढ़वा देने के लिए सात एरोमा वैली बनाने जा रहा है। सगन्ध पौधा केन्द्र (कैप) की स्टेट ऑफ़ आर्ट, परफ्यूमरी एवं एरोमा प्रयोगशाला, जिसका लोकार्पण मा० प्रधानमंत्री जी द्वारा किया गया था, अनुसंधान द्वारा नवीन तकनीकों एवं उन्नत प्रजातियों का विकास कर रही है, इन नवीन फसलों के माध्यम से प्रदेश के किसानों की आर्थिकी सुदृढ़ हो रही है। राज्य सरकार द्वारा काषीपुर में 41.09 एकड़ भूमि में एरोमा पार्क स्थापित किया जा रहा है। उत्तराखण्ड एरोमा पार्क पॉलिसी-2018 के माध्यम से एरोमा उद्योगों को विभिन्न लाभ दिये जा रहे हैं। एरोमा पार्क में लगभग 40 उद्योग स्थापित होंगे। अब तक 23 विभिन्न एरोमा उद्योगों को प्लॉट आवंटन किया जा चुका है।
जोशी ने कहा कि वर्तमान में प्रदेश में कुल कृषि क्षेत्र के 34 प्रतिशत क्षेत्र में जैविक कृषि का कार्य किया जा रहा है जिससे 04 लाख से ज्यादा किसान लाभान्वित हो रहे है।राज्य सरकार प्रदेश में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए प्राकृतिक खेती बोर्ड का गठन करने जा रही है। साथ ही गंगा कॉरिडोर में 1950 है0 भूमि पर प्राकृतिक खेती का संचालन किया जायेगा। प्रदेश में ‘स्टेट मिलेट मिशन’ की घोषणा भी की गयी है जिसमें प्रदेश के मिल्लेट्स का MSP तय करने और सीधा किसानो के खेतों से मिलेटस खरीदने का प्रावधान किया गया है। उत्तराखंड सरकार की यह सभी पहल, निवेशकों को एक सकारात्मक ‘पालिसी एनवायरनमेंट’ प्रदान करने की सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
मंत्री गणेश जोशी ने कृषि विभाग केरला को VAIGA (वेगा) जैसे कार्यक्रम के आयोजन के लिए बधाई दी ओर कहा VAIGA (वेगा) ने देश विदेश से आए क्रेताओं, विक्रेताओं, निर्माताओं, इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स, पालिसी मेकर्स को विचार विमर्श करने का एक मंच प्रदान किया है। इस आयोजन के द्वारा यहाँ उपस्थित लोगों को न केवल देश एवं विदेश में कृषि के क्षेत्र में विकसित हो रही उन्नत तकनीकों के बारे में पता लगेगा, बल्कि इन तकनीकों का प्रयोग कर किसानो की आय बढ़ाने के विषय में भी जानकारी प्राप्त होगी। साथ ही केरल में आयोजित कार्यक्रम में उपस्थित सभी लोगों को देवभूमि उत्तराखंड आने के लिए आमंत्रित भी किया।
इस अवसर पर मैनेजिंग डायरेक्टर होर्टिकॉर्प संजीव जे, ब्यूरो चीफ मलयाला जॉन मुंडककायम, सीईओ वीएफपीसीके आर.के.मिश्रा, ज्वाइंट डायरेक्टर बाबू राऊ गुदिरी, डेप्युटी डायरेक्टर विधन दास,मैंजेजर जी.राजसेखर रेड्डी सहित कई लोग उपस्थित रहे।