उत्तराखण्डरुद्रप्रयाग

उत्तराखंड के लाल शहीद कुलदीप भंडारी को मंदाकिनी तट पर नम आंखों से दी गई  अंतिम विदाई,  सलामी देने के लिये उमड़ा जनसैलाब, ऑपरेशन ड्यूटी के दौरान पाई शहादत

 

रुद्रप्रयाग।    ऑपरेशन ड्यूटी के दौरान शुक्रवार की सुबह शहीद हुए अगस्त्यमुनि के फलई गांव निवासी कुलदीप सिंह भंडारी का उनके पैत्रिक घाट पर पूर्ण सैन्य सम्मान के साथ अन्तिम संस्कार किया गया, जहां सैकड़ों लोगों ने उन्हें नम आंखों से अन्तिम विदाई दी। वहीं रुद्रप्रयाग स्थित ग्रेनेडियर बटालियन के सैनिकों ने उन्हें सैनिक सम्मान के साथ 21 राउण्ड फायर कर वीर सैनिक को सैल्यूट किया।

35 असम राइफल शिलांग में तैनात हवलदार कुलदीप सिंह भण्डारी (42) ऑपरेशन ड्यूटी के दौरान शुक्रवार को शहीद हो गये थे। जहां से उनका शव उनके गांव लाया गया। रविवार सुबह तकरीबन सात बजे सेना की टुकड़ी शहीद के शव को लेकर उनके पैतृक गांव फलई पहुंची। जिस कलेजे को टुकड़े को बड़े जतन से पाला, आज उसी लाल का तिरंगे में लिपटा शव देख 80 वर्षीय मां शिवदेई देवी फफक-फफक कर रो पड़ी। शहीद की 37 वर्षीय पत्नी रजनी बेसुध हो गई। पिता के शरीर पर बिलखते अबोध बच्चों को इस घटना ने झकझोर कर रख दिया। एक माह पूर्व शहीद कुलदीप गांव आए थे। मिलनसार प्रवृति के कुलदीप पूरे गांव के अजीज थे। फौजी का घर आना पहाड़ के गांवों के लिये अक्सर खुशियां लेकर आता है। फौजी भी अपनी छुट्टियों को परिवार, नाते रिश्ते और गांव के साथ पूरी तन्मयता से निभाता है। शायद इसीलिए आज विजयनगर स्थित मंदाकिनी नदी के घाट पर सैकड़ों लोग उनकी अंतिम विदाई में शामिल हुए। “वंदे मातरम”, “भारत माता” की जय” और “शहीद कुलदीप अमर रहे” के नारों के बीच उनके तिरंगे से लिपटे पार्थिव शरीर को विजयनगर स्थित शमशान घाट ले जाया गया। फलई गांव स्थित उनके घर से उनकी पार्थिव देह को सेना की गाड़ी में यहां लाया गया था। अंतिम संस्कार से पहले, शहीद के पार्थिव शरीर पर भारतीय सेना, ग्रेनिडियर और असम राइफल की ओर से पुष्पांजलि अर्पित की गई। जवानों ने तीन राउंड फायरिंग कर शहीद को अंतिम श्रद्धाजंली दी गई। प्रशासन की ओर से तहसील बसुकेदार के प्रतिनिधि राजस्व उपनिरीक्षक भरत सिंह बर्त्वाल ने श्रद्धाजंली अर्पित की गई। शहीद के 15 वर्षीय पुत्र आयुष ने पार्थिव शरीर को मुखाग्नि दी।

असम राइफल से आए जवान दिनेश सिंह, मनोज सिंह और महावीर सिंह एवं ग्रेनेडियर बटालियन के मेजर द्वारा शहीद के पुत्र आयुष को तिरंगा सौंपा तथा दो मिनट का मौन धारण कर शहीद को श्रद्धांजलि देने के बाद अंतिम विदाई देते हुए नम हुई हजारों आंखें लोगों ने भारत माता के जयकारे लगाकर शहीद को नमन किया और अंतिम दर्शन किए।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button