चिकित्सा के क्षेत्र में एक और बड़ी उपलब्धि: मैक्स सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल, देहरादून के विशेषज्ञ चिकित्सकों ने जटिल सर्जरी कर रेडिकल कंप्लीशन कोलेसिस्टेक्टोमी और लिवर का वेज रिसेक्शन के जरिए रोगी की बचायी जान, जल्दी ही हॉस्पिटल में मिलेगी लिवर ट्रांसप्लांट की सुविधा
देहरादून : मैक्स सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल, देहरादून के डॉक्टरों ने एक 69 वर्षीय रोगी के लीवर से कैंसर की कोशिकाओं को हटाने के लिए रेडिकल कंप्लीटेशन कोलेसिस्टेक्टोमी कर उसकी जान बचाई।
रेडिकल कंप्लीटेशन कोलेसिस्टेक्टोमी और लिवर का वेज रिसेक्शन इस पर निर्भर करता है कि कैंसर कहां है और यह कितनी दूर तक फैल चुका है। एक विस्तारित कोलेसिस्टेक्टोमी कम से कम हटा देती है । गॉलब्लैडर के बगल में लिवर टिश्यू का लगभग एक इंच या अधिक साथ ही आसपास के सभी लिम्फ नोड्स था ।
इस मरीज के लिवर कैंसर का पता तब पता चला जब वह अस्पताल में गॉलब्लैडर सर्जरी के लिए आयी थी। सर्जरी के दौरान, डॉक्टरों ने उसके गॉलब्लैडर की थैली के चारों ओर एक बड़ा ऊतकों का समूह देखा जो की सामान्यता नहीं दिखाई नहीं दे रहा था। यह प्रक्रिया एक सर्जिकल जीआई ऑन्कोलॉजिस्ट द्वारा की गई थी जिसमे लिवर और आसपास के ऊतकों के एक हिस्से को सफलतापूर्वक हटा दिया था और रोगी का जीवन बच गया। मंगलवार को मैक्स हॉस्पिटल में आयोजित प्रेस वार्ता में
इस केस के बारे में डॉ. विशाल निधि कुलश्रेष्ठ, प्रिंसिपल कंसल्टेंट, गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल और हेपेटोपैंक्रिएटोबिलरी सर्जिकल ऑन्कोलॉजी ,डॉ. मयंक नौटियाल, कंसल्टेंट, गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल सर्जरी,
डॉ करमजोत सिंह बेदी – कंसल्टेंट – गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल सर्जरी ने इस केस के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
इस केस के बारे में डॉ. विशाल निधि कुलश्रेष्ठ, प्रिंसिपल कंसल्टेंट, गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल और हेपेटोपैंक्रिएटोबिलरी सर्जिकल ऑन्कोलॉजी ने बताया: “मरीज को पिछले तीन महीनों से पेट में गंभीर दर्द हो रहा था और कई डॉक्टरों से परामर्श लेने और दवाइंया लेने के बाद भी यह दर्द कम नहीं हो रहा था। पहले वह गॉल स्टोन हटाने की सर्जरी के लिए मैक्स सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल, देहरादून आई थी लेकिन इलाज के दौरान, डॉक्टरों ने उसके गॉलब्लैडर के चारों ओर एक बड़ा ऊतकों का समूह दिखा जो सामान्य स्थिति में दिखाई नहीं दे रहा था। उन्होंने ऊतकों के इस समूह का एक नमूना लिया और इसे मूल्यांकन के लिए भेजा, जिससे पता चला कि यह कैंसर था और लिवर और अन्य क्षेत्रों में फैल सकता था। मरीज की पिछली सर्जरी से उत्पन्न चुनौतियों के बावजूद, हम जानते थे कि कैंसर को शरीर में फैलने से रोकने के लिए उन्हें जल्दी इलाज करना होगा। एक महीने के भीतर, हमने रेडिकल कंप्लीशन कोलेसिस्टेक्टोमी की, जिसमें पिछली सर्जरी के समान बड़े हुए ऊतकों को काटना तथा पिछले बार हुई रक्तस्राव की जटिलताएं को ध्यान में रखते हुए मरीज की जान बचायी। यह सर्जेरी सफल रही और मरीज अब स्वस्थ जीवन जी रहा है। ”
डॉ. मयंक नौटियाल, कंसल्टेंट, गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल सर्जरी ने कहा, ”मैक्स अस्पताल, देहरादून में एक लिवर क्लीनिक भी है, जो लिवर फिजिशियन और सर्जन दोनों उपलब्ध कराता है । जो कि पीलिया, शराब से संबंधित समस्याओं, एंड-स्टेज लिवर सिरोसिस से पीड़ित रोगियों, फैटी लिवर , लिवर कैंसर, वायरल हेपेटाइटिस, और अन्य लिवर के रोगो का इलाज और परामर्श प्रदान करते है । यह क्लिनिक इस क्षेत्र में प्रत्येक रोगी के लिए अलग अलग उपचार योजना प्रदान करता है जिसमे लिवर रोग का बेहतर इलाज और उनमे जागरूकता बढ़ाने का काम करता है। लिवर रोगो का प्रभावी इलाज करने के लिए यहाँ के डॉक्टरों का समर्पण और विशेषज्ञता तथा उन्नत हेपेटेक्टोमी द्वारा समय पर उचित उपचार किया जाता है।
डॉ करमजोत सिंह बेदी – कंसल्टेंट – गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल सर्जरी, ” यह अस्पताल स्वस्थ्य क्षेत्र में प्रचलित सभी नवीनतम उपचार और तकनीकों से सुसज्जित है और गंभीर मामलों को संभालने के लिए विशेषज्ञों डॉक्टरों का पैनल उपलप्ध है । स्वास्थ्य सेवाओं में अग्रणी होने के नाते, हमारा मानना है कि अस्पताल सही बुनियादी ढांचे और विशेषज्ञता के साथ अधिक गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करना आगे भी जारी रखेगा।” उन्होंने बताया कि मैक्स अस्पताल में जल्दी ही लिवर ट्रांसप्लांट की सुविधा मिलने जा रही है।