डीएम सोनिका ने कहा,विकास खण्डवार बच्चों का विवरण प्राप्त कर शिविर लगाकर बच्चों का मिजल्स रूबेला टीकाकरण करवायें
जिलाधिकारी ने की मिजल्स रूबेला वैक्सीनेशन के सम्बन्ध में बैठक
देहरादून । जिलाधिकारी सोनिका की अध्यक्षता में ऋषिपर्णा सभागार कलेक्ट्रेट में मिजल्स रूबेला वैक्सीनेशन के सम्बन्ध में बैठक आयोजित की गई।
बैठक में जिलाधिकारी ने निर्देशित किया कि वैक्सीनेशन के लिए विकास खण्डवार बच्चों का विवरण प्राप्त करते हुए शिविर लगाकर टीकाकरण करवायें। उन्होंने शिक्षा विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि जनपद में संचालित नर्सरी स्कूल से 05 साल के बच्चों का विवरण प्राप्त कर उपलब्ध करायें ,साथ ही आशा एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्तियों को इस कार्य में लगाया जाए। वहीं जिला शिक्षा अधिकारी को निर्देशित किया कि स्कूलों में दाखिला देने से पूर्व वैक्सीनेशन कार्ड चैक कर लिया जाए, जिससे बच्चे का सम्पूर्ण टीकाकरण हुआ है अन्यथा नही की जानकारी मिल सके। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया कि वैक्सीनेशन के लिए योजना तैयार करते हुए शतप्रतिशत टीकाकरण करवाये। बैठक में जानकारी देते हुए बताया गया कि वर्ष 2022 में 39 तथा वर्ष 2023 मे अभी तक 43 संक्रमित चिन्हित हुए। उन्होंने ब्लाॅकवार कार्यक्रम निर्धारित करते हुए टीकाकरण उत्सव कार्यक्रम संचालित कर बच्चों को टीकाकरण से आच्छादित करें तथा कार्यक्रम प्रचार-प्रसार करे जिससे अधिक से अधिक बच्चों का टीकाकरण किया जा सके।
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी सुश्री झरना कमठान, अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डाॅ नरेन्द्र कुमार, डाॅ0 राजीव दीक्षित, डाॅ0 विकास शर्मा, डाॅ पीएस रावत, डाॅ वन्दना सेमवाल, जिला शिक्षा अधिकारी बेसिक प्रदीप रावत सहित एमओआईसी उपस्थित रहे।
कहा ,थैलीसिमीया की जांच के दौरान सिकल सेल की भी जांच की जाए
देहरादून। जिलाधिकारी सोनिका की अध्यक्षता में सिकल सेल रोग की रोकथाम एवं प्रबन्धन के लिए जिला स्तरीय समिति की बैठक आयोजित की गई। जिलाधिकारी ने रोग की रोकथाम के साथ ही इसके व्यापक प्रचार-प्रसार के निर्देश दिए, जिससे लोगों में इसके प्रति जानकारी रहे। जिलाधिकारी ने निर्देश दिए कि थैलीसिमीया की जांच के दौरान सिकल सेल की भी जांच की जाए। लोगों में बीमारी के प्रति जागरूकता लाने हेतु एनजीओ की सहायता भी ली जाए। उन्होंने निर्देश दिए कि इस बीमारी की जांच के लिए उपकरण आदि खनन न्यास से प्रस्तावित करें तथा कार्यक्रम की शुरूआत सर्वप्रथम जनपद के चकराता, कालसी, विकासनगर एवं सहसपुर ब्लाॅक से की जाए।
बैठक में विशेषज्ञ चिकित्सकों ने बताया कि हीमोग्लोबिनोपैथी लाल रक्त कोशिकाओं का एक अनुवांशिक रोग है जिसमें मुख्यतः सिकल सेल एनीमिया एवं थैलेसिमिया शामिल हैं। सिकल सेल एनीमिया ऐसा रक्त विकार है जिसमे लाल रक्त कोशिकाएं जल्दी टूट जाती हैं जिसके कारण एनीमिया तथा अन्य जटिलताएं जैसे कि वेसो- ओक्लुसिव क्राइसिस, फेफड़ों में संक्रमण, एनीमिया, गुर्दे और यकृत की विफलता, स्ट्रोक आदि के कारण रूग्णता और मृत्यु की सम्भावना होती है। सिकल सेल के रोगी दो प्रकार के होते है , सिकल सेल वाहक (लक्षण रहित/मंद लक्षण) एवं सिकल सेल रोगी (गंभीर लक्षण)/ सिकल सेल वाहक में गंभीर लक्षण नहीं होते किन्तु यह एक असामान्य जीन को अगली पीढ़ी में संचारित करता है। सिकल सेल की पहचान विशेष रक्त जांच से की जा सकती है। सिकल सेल एनीमिया यह एक अनुवांशिक रोग है इसलिये जब तक खून की जांच न करवाई जाए तब तक इस रोग की जानकारी नहीं मिलती सिकल सेल रोगी या परिवार को निरूशुल्क परामर्श एवं उपचार उपलब्ध है।
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी झरना कमठान, अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डाॅ नरेन्द्र सिंह, डाॅ एच.सी खुराना, जिला शिक्षा अधिकारी आर एस रावत, जिला समाज कल्याण अधिकारी गोवर्धन, सीडीपीओ नेहा सिंह, डाॅ0 के एस भण्डारी सहित सम्बन्धित विभागों के अधिकारी एवं कार्मिक उपस्थित रहे।