उत्तराखंड में सरकार ने सत्र 2023-24 के लिए वार्षिक स्थानांतरण में 15 प्रतिशत की Transfer संख्या को सीमित किया,प्रत्येक संवर्ग में ट्रांसफर सीजन में 15 फीसदी से अधिक तबादले नहीं हो पाएंगे, शासनादेश जारी
ट्रांसफर एक्ट के तहत शिक्षा विभाग में वार्षिक तबादलों को लेकर कुछ प्रावधानों में संशोधन
देहरादून। उत्तराखंड में कर्मचारियों का तबादला सत्र शुरु हो रहा है। ऐसे में सरकार ने सत्र 2023-24 के लिए वार्षिक स्थानान्तरण अधिनियम 2017 के तहत विभागों में ट्रांसफर की संख्या को 15 फीसदी तक सीमित कर दिया है। विभागों में प्रत्येक संवर्ग में ट्रांसफर सीजन में 15 फीसदी से अधिक तबादले नहीं हो पाएंगे। इसको लेकर शासनादेश जारी किया गया है।
अपर सचिव ललित मोहन रयाल की और से जारी शासनादेश में कहा गया है कि वर्तमान स्थानांतरण सत्र के लिए निर्धारित 15 प्रतिशत स्थानांतरण की सीमा को पात्रता सूची में आने वाले कर्मियों का 15 प्रतिशत समझा जाए। लेकिन धारा 17 (1) (ख) की श्रेणी (एक), (दो) एवं (तीन) से आच्छादित कर्मचारियों के अनुरोध के आधार पर स्थानांतरण अधिकतम संख्या के अतिरिक्त किये जा सकेंगे।
इसके अलावा सुगम श्रेणी से दुर्गण श्रेणी में अनिवार्य ट्रांसफर के लिए पात्र कार्मिकों की तैयार सूची में उपलब्ध कर्मचारियों को अनिवार्य रूप में ट्रांसफर किया जाएगा। इसके अलावा धारा 3 (घ) के तहत गंभीर रूप से स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे कर्मचारियों को सक्षम स्तर का मेडिकल सर्टिफिकेट तथा रिपोर्ट प्रस्तुत करने पर अनिवार्य ट्रांसफर में छूट दी जा सकेगी साथ ही अनुरोध के आधार पर तबादला भी दिया जा सकता है।
ट्रांसफर एक्ट के तहत शिक्षा विभाग में वार्षिक तबादलों को लेकर कुछ प्रावधानों में संशोधन करते हुए धारा-27 के तहत शिक्षकों को ट्रांसफर आवेदनों में छूट दी गई है। उत्तराखंड स्थानांतरण अधिनियम 2017 के इन प्रावधानों में छूट के लिए अपर सचिव ललित मोहन रयाल ने शासनादेश जारी किया है।
शासनादेश संख्या1-120988/2023/XXX(2)/E-33080 के अनुसार यदि शैक्षणिक सत्र के मध्य में स्वास्थ्य कारणों, जिसमें कैंसर, एचआईवी सहित विभिन्न गंभीर हृदय रोग, किडनी रोग, ट्यूबर क्लोसिस, स्पाइन हड्डी टूटने, गंभीर मानसिक रोग जैसे गंभीर रोगों से पीड़ित शिक्षकों को अनुरोध के आधार पर एवं रिक्ति के सापेक्ष अस्थायी तौर पर ट्रांसफर किया जा सकेगा। इसमें शैक्षिक सत्र या स्वस्थ हो जाने तक की शर्त रखी गई है।
धारा -27 के आवेदन में ट्रांसफर प्रावधान में छूट प्रदान करते हुए ये भी कहा गया है कि छात्रों को अनवरत शिक्षा सुलभ कराने के उद्देश्य से शिक्षा निदेशक-महानिदेशक के अनुमोदन पर मुख्य शिक्षा अधिकारी द्वारा आवश्यकता होने पर निकटवर्ती शिक्षण संस्थानों से शिक्षकों का ट्रांसफर किया जा सकेगा। इसमें कई प्रकार की परिस्थितियों का उल्लेख किया गया है। इसमें किसी विषय में छात्रों के बावजूद शिक्षक ना होने, या शिक्षकों के बावजूद छात्र ना होने की परिस्थितियों में, छात्रों की संख्या कम या अधिक होने की स्थिति, शिक्षकों के रिटायर होने, स्थानांतरण, दीर्घ अवकाश एवं अन्य कारणों से शिक्षक विहीन होने की दशा में स्थानांतरण को शामिल किया गया है। साथ ही शासनादेश में यह भी कहा गया है कि विभागीय योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए पीएमयू या पीआईयू के गठऩ के कारण दक्ष कार्मिकों को आवश्यकता अनुसार कार्ययोजित भी किया जा सकेगा। इनके चयन के लिए अपर सचिव, उच्च एवं विद्यालयी शिक्षा तथा निदेशक एवं महानिदेशक शिक्षा की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया जाएगा।