मिली बड़ी कामयाबी: जमीन का फर्जी मालिक बनकर करोड़ों हड़पने वाला आया पुलिस के हाथ, पहुंचा सलाखों के पीछे, क्लेमेंनटाउन थाना क्षेत्र में की थी 11.50 करोड में डील
देहरादून। मृतक अधिवक्ता डीके मित्तल की जमीन के फर्जी कागजात तैयार कर 4 करोड़ 50लाख रुपयों की धोखाधड़ी करने वाला शातिर को पुलिस ने पकड़ कर जेल भेजा है ।
लक्ष्मण झूला जिला पौड़ी गढ़वाल निवासी अशोक अग्रवाल ने थाना क्लेमेंनटाउन में आकर रिपोर्ट दर्ज कराते हुए बताया कि उनके परिचित विजय कुमार गुप्ता एवं राधावल्लभ गुप्ता को भटनागर एवं वर्मा ने क्लेमनटाउन में सहारनपुर रोड पर एक जमीन दिखाई और बताया कि यह जमीन बिक्री के लिए है।इन दोनों व्यक्तियों ने बताया कि इस जमीन की डील / विक्रय हम करा देगे ।इसलिए जमीन की डील 11करोड़ 50 लाख रुपयों में तय की गई। एक दिसंबर 2022 को पीड़ित ने 25 लाख रुपये बयाने के रूप में समीर कामयाब के खाते में ट्रांसफर किए और 5 लाख नगद दिए। आरोपी रोहित पांडे ने बताया था कि यह संपत्ति फातिमा बेगम के नाम है और समीर कामयाब फातिमा का बेटा है। डील तय होने के बाद समीर कामयाब व अन्य लोग पीड़ित को जमीन दिखाने ले गए। चालाकी दिखाते हुए आरोपियों ने वहाँ जमीन का मुआयना कराते समय जमीन की रजिस्ट्री के लिए फोटो खिंचवाई। जिसके बाद वह सभी लोग हमें वकील सहगल के पास उनके चेंबर में ले गए। वकील ने भी जमीन से संबंधित सभी कागज दिखाए और बताया कि कागज सब सही है और जमीन को खरीद लो।इन सभी लोगों पर विश्वास करके पीड़ित ने 14 फरवरी 2023 को रजिस्ट्री टाइप करवाई और 15 फरवरी को समीर कामयाब ने पीड़ित के नाम रजिस्ट्री कराई और समीर कामयाब के खाते में दो करोड़ 40 लाख और एक करोड़ 85 लाख रुपए सारस्वत व पांडे को नगद दिए। बाकी रुपए जमीन पर कब्जा होने के बाद देना बताया गया। जब जमीन पर कब्जा दिलाने के लिए कहा तो यह सभी लोग इधर-उधर की बातें करने लगे। शक होने पर हमने आसपास के लोगों से जानकारी की गई तो पता चला कि यह जमीन पूर्व से विवादित है।जिसमें पहले से मुकदमे चल रहे हैं तथा जमीन स्वर्गीय डीके मित्तल की है। इस जमीन पर पहले ही मुकदमा चल रहा है।फर्जी जमीन मालिक समीर कामयाब के खिलाफ गैंगस्टर सहित कई अभियोग दर्ज हैं। जमीन के फर्जी कागजात तैयार कर लोगों से पैसा हड़पने के मामले में पीड़ित ने आरोपियों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया। पुलिस ने मूल रूप से मुजफ्फरनगर के चरथावल निवासी समीर कामयाब को गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे भेजा है।