4 जुलाई से शुरू होगी कांवड यात्रा , डीजीपी अशोक कुमार ने सुरक्षा, भीड़ प्रबंधन, मेला आयोजन विषयो पर किया मंथन, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, दिल्ली, हिमाचल, पंजाब, राजस्थान के अफसरों ने वर्चुअल माध्यम से रखी अपनी बात
देहरादून। आगामी जुलाई के प्रथम सप्ताह से शुरू होने जा रही कांवड़ यात्रा को सफल बनाने को उत्तराखंड पुलिस महानिदेशक ने सुरक्षा, भीड़ प्रबंधन, मेला आयोजन आदि विषयो पर उत्तराखंड के पड़ोसी राज्यों उत्तर प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, सीआरपीएफ, रेलवे सुरक्षा बल, अभिसूचना ब्यूरो के प्रत्यक्ष व ऑनलाइन माध्यम से उपस्थित अधिकारियों के साथ बैठक आयोजित की।
बैठक में उपस्थित अधिकारियों को संबोधित करते हुए पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने कहा कि आगामी 4 से 15 जुलाई तक कांवड़ यात्रा है,जोकि एक एक बहुत बड़ा धार्मिक आयोजन है। उन्होंने कहा कि कुम्भ व अर्द्धकुम्भ की तुलना में कांवड़ यात्रा में युवाओं की संख्या अधिक होने से इसकी संवेदनशीलता बढ़ जाती है। इस बैठक का उद्देश्य उत्तर प्रदेश, हरियाणा, दिल्ली, हिमाचल, पंजाब, राजस्थान व अन्य एजेन्सियों के सहयोग से कांवड़ यात्रा को सकुशल व शान्तिपूर्वक सम्पन्न कराना है। उन्होंने सभी अधिकारियों को अभी से कांवड़ यात्रा को सफल बनाने के लिए तैयारियों में लगने को कहा , ताकि श्रद्धालुओं को किसी भी समस्या का सामना न करना पड़े। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड पुलिस ने कांवड़ यात्रा में सुरक्षा एवं वं भीड़ प्रबन्धन हेतु ड्रोन, सीसीटीवी का प्रयोग और सोशल मीडिया मॉनिटरिंग को बढ़ाया जाएगा, ताकि कोई भी अनहोनी न हो। उन्होंने बताया कि कांवड़ यात्रा में आने वाले भक्तों से पुलिस विभाग द्वारा सोशल मीडिया के माध्यम से अपील की जायेगी की कांवड़ यात्रा को शान्तिपूर्वक सम्पन्न कराने में पुलिस प्रशासन का सहयोग करें। इस दौरान अपर पुलिस महानिदेशक अभिसूचना एवं सुरक्षा एपी अंशुमान ने प्रस्तुतिकरण के माध्यम से कांवड़ यात्रा के साम्प्रदायिक दृष्टि से संवेदनशील होने और राष्ट्र विरोधी तत्वों पर सतर्क दृष्टि रखने के सम्बन्ध में सभी को अवगत करवाया। पुलिस महानिदेशक द्वारा बैठक में उपस्थित सभी अधिकारियों को उनके प्रदेश के युवा अधिकारियों को कांवड़ यात्रा ड्यूटी का अनुभव लेने के लिए उत्तराखण्ड भेजने का अनुरोध किया व साथ ही मेले को सफल बनाने को सभी राज्यों की पुलिस व अन्य इकाईयों के अधिकारियों से सक्रिय सहयोग व निरंतर सूचनाओं के अदान-प्रदान की अपेक्षा की।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, हरिद्वार अजय सिंह ने इस दौरान कांवड़ मेले के दौरान बनाई जाने वाली पुलिस व्यवस्थाओं, यातायात प्रबन्धन, भीड़ नियन्त्रण, यात्रा रूट पर किये जाने वाले पुलिस प्रबन्ध, कावड़ यात्रा के दौरान विगत वर्षाे में होने वाली दुर्घटनाओं व पार्किंग आदि के बारे में प्रस्तुतिकरण दिया। उन्होंने बताया की विगत 15-20 वर्षों से प्रत्येक वर्ष कांवड़ियों की संख्या में भारी वृद्धि हो रही है। इस वर्ष लगभग 4 करोड़ कांवड़ियों के उत्तराखण्ड आने की सम्भावना है। जिसको देखते हुए सम्पूर्ण कांवड़ क्षेत्र को 12 सुपर जोन, 32 जोन और 130 सैक्टर में विभाजित किया गया है। उन्होंने कांवड़ यात्रा की व्यवस्था में लगे सभी नोडल अधिकारियों का व्हाटसएप ग्रुप बनाने, अन्तर्राज्यीय बैरियरों पर संयुक्त पुलिस चौकिंग करने, सोशल मीडिया पर भेजे जाने वाले संदेशों की निगरानी रखने आदि के सम्बन्ध में सभी अधिकारियों से सहयोग की अपील की।उन्होंने बताया कि कांवड़ यात्रियों की सुविधा हेतु हरिद्वार पुलिस ने क्यूआर कोड जारी किया गया है, जिसमें वाहन पार्किंग, रूट डायवर्जन, खोया-पाया सेल सहित सभी महत्वपूर्ण जानकारी है। इसके साथ ही सम्पूर्ण कांवड़ मेला क्षेत्र को 333 सीसीटीवी से कवर किया गया है, जिसमें पब्लिक एड्रेस सिस्टम भी लगे हैं। घाटों पर जल पुलिस की तैनाती सहित थाना स्तर पर सघन सत्यापन अभियान चलाया जा रहा है।
बैठक में अपर पुलिस महानिदेशक, प्रशासन- अभिनव कुमार, अपर पुलिस महानिदेशक, अपराध एवं कानून व्यवस्था- वी मुरूगेशन, पुलिस महानिरीक्षक, फायर- नीरू गर्ग, पुलिस महानिरीक्षक, दूरसंचार- कृष्ण कुमार वी0के0, पुलिस महानिरीक्षक व निदेशक यातायात- मुख्तार मोहसिन, पुलिस महानिरीक्षक, गढ़वाल परिक्षेत्र- करन सिंह नगन्याल, पुलिस उप महानिरीक्षक, अभिसूचना एवं सुरक्षा- योगेन्द्र सिंह रावत, पुलिस उप महानिरीक्षक, अपराध एवं कानून व्यवस्था- पी. रेणुका देवी, पुलिस उप महानिरीक्षक व वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकदलीप सिंह कुंवर, पुलिस अधीक्षक पानीपत, यमुनानगर, पुलिस अधीक्षक नगर बिजनौर, पुलिस अधीक्षक यातायात, सहारनपुर, सहित अन्य पुलिस अधिकारी उपस्थित रहे आदि अधिकारी उपस्थित रहे।
एडीजी मेरठ जोन ने भीड़ व यातायात पर किया प्रस्तुतिकरण
देहरादून। बैठक में मौजूद अपर पुलिस महानिदेशक अपराध एवं कानून व्यवस्था, मेरठ जोन उत्तर प्रदेश राजीव सभरवाल ने भी भीड़ व यातायात पर प्रस्तुतिकरण देते हुए बताया कि ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेस वे और दिल्ली मेरठ एक्सप्रेस वे को ध्यान में रखते हुए कांवड़ यात्रा के दौरान ट्रैफिक डायवर्जन प्लान बनाया जाए। प्रमुख चौराहों एवं कांवड़ यात्रा मार्गों पर साइन बोर्ड लगाए जाएं। उन्होंने बताया कि सम्पूर्ण कांवड़ यात्रा मार्ग को सीसीटीवी एवं डायल 112 से कवर किया गया है। प्रमुख चौराहों एवं मार्गों पर इलैक्ट्रॉनिक साईन बोर्ड एवं संकेतक लगाये जा रहे है। शरारती तत्वों एवं अनावश्यक रूप से उपद्रव करने वाले कारकों को रोकने में एक दूसरे का पूरा सहयोग किया जाएगा और संयुक्त अभिसूचना तंत्र विकसित कर लाभप्रद सूचनाओं का आदान-प्रदान किया जाएगा।
बैठक में इन बिन्दुओं पर हुई चर्चा
1. कांवड़ यात्रा के समापन उपरान्त भी प्रत्येक सोमवार, सोमवती अमावस्या, एवं मोहर्रम को देखते हुए वर्तमान प्रबन्धों को बनाए रखने के निर्देश दिए गए।
2. उच्चतम न्यायालय द्वारा ध्वनि विस्तारकों से ध्वनि प्रदूषण के नियंत्रित करने हेतु आम जन को जागरूक करते हुए डीजे के प्रयोग को नियंत्रित करने में सहयोग करने की अपील की गयी, जिससे कि कांवड़ यात्रा के दौरान डीजे युक्त कांवड़ के प्रचलन को नियंत्रित किया जा सके।
3. रेलवे लाईनो का विद्युतीकरण हो जाने के चलते ऊंचे कांवड़ से होने वाली दुर्घटनाओं की संभावना व विगत में कांवड़ की ऊँचाई अधिक होने के कारण घटित दुर्घटनाओं को रोकने के लिए प्रतिभागी अधिकारियों से अपने-अपने प्रदेश क्षेत्रों में कांवड़ की ऊँचाई 12 फीट से कम रखे जाने सम्बन्धी परामर्श को व्यापक प्रचार-प्रसार किये जाने को कहा गया। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक हरिद्वार को कांवड़ बनाने वाले व्यक्तियों को भी इस बिन्दु से अवगत कराते हुए अनुपालन सुनिश्चित करवाने के आदेश।
4. सुरक्षा संवेदनशीलता के दृष्टिगत कांवड़ यात्रा क्षेत्र एवं शिविरों में कार्यरत व्यक्तियों का गहन सत्यापन कराया जाना आवश्यक है।
5. कांवड़ यात्रा के दौरान चारधाम यात्रा पर आने वाले तीर्थ यात्रियों की सुविधाओं का ध्यान रखते हुए उनके लिए पृथक मार्गों का निर्धारण करते हुए दिल्ली से ही चारधाम यात्रा मार्ग का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए।
6. कांवड़ यात्रा के दौरान सोशल मीडिया पर भ्रामक व असत्य प्रचार-प्रसार की कानून व्यवस्था विषयक संवेदनशीलता को देखते हुए सभी राज्यों से सोशल मीडिया मॉनिटरिंग को और अधिक फोक्सड किये जाने का आवाहन करते हुए इस प्रकार के भ्रामक प्रचार एवं अफवाहों की तत्काल शेयरिंग करने का अनुरोध किया गया, जिससे कि सत्यता का परीक्षण कर तदानुसार काउन्टर एवं खण्डन की प्रक्रिया प्रारम्भ की जा सके।
7. हरिद्वार से दिल्ली व मेरठ वापस जाने के लिए कांवड़ियों को हाईवे के बाएं ओर को उपयोग किया जाएगा। साथ ही इस दौरान लगने वाले शिविर एवं भण्डारे हाईवे के बाएं ओर ही मुख्य मार्ग से 20 से 30 फीट दूर लगाये जाएंगे।