राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण अध्यक्ष डीके कोटिया ने दिया इस्तीफा, पिछले साढे 4 सालों से कर रहे थे पद पर काम
मुख्य सचिव को भेजा अपना इस्तीफा
स्वास्थ्य मंत्री डॉ रावत को भी भेजी इस्तीफे की कॅापी
देहरादून। राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण के अध्यक्ष पूर्व आईएएस डीके कोटिया ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने मुख्य सचिव डॉ. एस एस संधू को अपना इस्तीफा भेजा है । इस्तीफे की प्रतिलिपि स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत को भी भेजी है।
इसी वर्ष दिसंबर में उनका कार्यकाल पूरा हो रहा था। 1981 बैच के आइएएस अधिकारी रहे कोटिया मार्च, 2013 में उत्तराखंड शासन में प्रमुख सचिव से सेवानिवृत्त हुए । वह उत्तराखंड पब्लिक सर्विस ट्रिब्यूनल में रह चुके हैं। उनकी छवि ईमानदार व टाइम बॉन्ड अधिकारी की है। भाजपा नेता और पूर्व मानव संसाधन विकास मंत्री डॉ. मुरली मनोहर जोशी, यूपी के पूर्व सीएम कल्याण सिंह, यूपी व उत्तराखंड के पूर्व सीएम नारायण दत्त तिवारी, मेजर जनरल बीसी खंडूड़ी व विजय बहुगुणा के साथ अहम विभागों की जिम्मेदारी निभा चुके कोटिया को प्रधानमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट अटल आयुष्मान योजना की उत्तराखंड में 2019 में कमान सौंपी गई थी।
त्रिवेंद्र सरकार में उनकी प्राधिकरण में अध्यक्ष के रूप में नियुक्ति हुई। योजना में धांधली करने वाले निजी अस्पतालों के खिलाफ उन्होंने कई बार कड़ी कार्रवाई की। वर्तमान में राज्य में अटल आयुष्मान योजना शानदार तरीके से चल रही है। लाभार्थियों को सही समय पर सही इलाज मिल रहा है और सूचीबद्ध हॉस्पिटल को एक हफ्ते के भीतर उनके क्लेम का भुगतान हो रहा है।इसके अलावा उत्तराखंड विधानसभा में बैकडोर से हुई नियुक्तियों की जांच कोटिया की अध्यक्षता में गठित तीन सदस्यीय विशेषज्ञ समिति ने ही की थी। कमेटी की जांच के बाद 2016 से 2022 के बीच की गई सभी तदर्थ नियुक्तियों को निरस्त कर दिया गया था।
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राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के पीछे कोई खास कारण नहीं है। मैं इस्तीफा देने की सोच रहा था। राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण में लंबे समय से काम कर रहा था, इसलिए सोचा काफी दिन हो गए हैं काम करते हुए अब मुझे इस्तीफा देना चाहिए ।
दिलीप कुमार कोटिया