भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट बोले, कांग्रेस का उपवास राहुल के गुणगान का या यूसीसी के विरोध का , कहा, दुविधा की स्थिति में है कांग्रेस, पच नहीं रही भाजपा सरकार की उपलब्धियां
देहरादून ।भाजपा ने कांग्रेस के प्रस्तावित गांधी स्मारक पर मौन सत्याग्रह पर निशाना साधते हुए कहा कि उसे स्पष्ट करना चाहिए कि वह अपने पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी का गुणगान के लिए मौन सत्याग्रह कर रही है अथवा यूसीसी का विरोध कर रही है।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने कहा कि कांग्रेस दुविधा की स्थिति में है और विकास कार्यों के जरिये खुद को साबित कर रही भाजपा की उपलब्धियां पच नहीं रही हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी भाजपा के निशाने पर नही, बल्कि जनता ने उन्हे माफ नही किया है। उन्होंने कहा कि विदेशों में भारत की छवि को धक्का पहुंचाने की उनकी नाकाम कोशिश को पूरे देश और दुनिया ने देखा। देश मे लोकतंत्र को लेकर जब लोगों ने तवज्जो नही दी तो, वह विदेश यात्रा पर निकल गए। कांग्रेस कभी सर्जिकल स्ट्राइक के जरिये सैनिकों के मनोबल पर प्रहार करती रही तो कभी संविधान को लेकर अनाप शनाप कथन अथवा हर उस कार्य की अगुवाई करती रही है जो देश के खिलाफ हो। कांग्रेस नेताओं के बेतुके बोल जो कि देश कि अस्मिता पर चोट करते हैं। भट्ट ने कहा कि राहुल गांधी को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता भी सविधान से ही मिली और उन्हें सजा भी संविधान के दायरे में मिली है। उन्हें जो भी सजा मिली वह उनके और अदालत के बीच का विषय है, लेकिन सार्वजनिक जीवन मे संसदीय भाषा और आचरण जरूरी होता है और उनसे यह चूक बार बार होती रही है। कांग्रेस उनके प्रति सहानुभूति बटोरने की फिराक मे है, लेकिन इससे उसे कुछ हासिल नही होने वाला है। सनातनी आवरण और आडंबर से कुछ हासिल नही होने वाला, क्योंकि जनता सब जानती और समझती है।
एनआरसी बिल को लेकर भी कांग्रेस खलनायक की भूमिका मे रही है और अब समान नागरिक कानून को लेकर वह विरोध का वातावरण बना रही है।
कहा ,यूसीसी भाजपा के चुनाव घोषणा पत्र का हिस्सा
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भट्ट ने कहा कि भाजपा मुद्दे से ध्यान भटकाने के लिए यूसीसी को लेकर नही लायी, बल्कि यह भाजपा के चुनाव घोषणा पत्र का हिस्सा भी है। वैश्विक महंगाई और कोरोना की चुनौतियों के बावजूद देश की अर्थ व्यवस्था पर असर न पड़ना और 80 करोड़ जनता को मुफ्त राशन देना बड़ी उपलब्धि है। आज देश मे तरक्की और रोजगार के अवसर खुल रहे है तो विदेशों में भारत की साख पहले की तुलना में बढ़ी है। कांग्रेस को अपने नेता के गुणगान के बजाय बेहतर कार्यो को प्रोत्साहन और अपनी नाकामयाबियों से बचने के लिए दूसरों पर दोष मढ़ने से बचना चाहिए। खुद को पीड़ित दिखाना आज कांग्रेस में एक दौर शुरू हो गया है।