उत्तराखण्डदेहरादूनराजनीति

प्रधानमंत्री मोदी के दौरे को लेकर नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने दी तीखी प्रतिक्रिया, कहा – पीएम के दौरे से कुछ हासिल नहीं हुआ, टनकपुर- बागेश्वर रेल मार्ग सहित  कुछ बड़ी परियोजनाओं की  आधारशिला रखते तो बेहतर होता, कुमाऊं के लोगों को हाथ लगी निराशा 

देहरादून। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उत्तराखंड दौरे को लेकर नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने तीखी  प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी का आदि कैलाश, गौरीकुंड, बागेश्वर और पिथौरागढ़ का भ्रमण- दर्शन कार्यक्रम विशुद्ध रूप से राजनीतिक दौरा सिद्ध हुआ। इस दौरे से उत्तराखण्ड को कुछ हासिल नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि, कुमाऊँ के लोगो को प्रधानमंत्री  अपने पद और कद के अनुसार इस दौरे में पूर्व में स्वीकृत टनकपुर- बागेश्वर रेल मार्ग सहित सामरिक-राष्ट्रीय और राज्य के महत्व की कुछ बड़ी परियोजनाओं की  आधारशिला रखते, लेकिन कुमाऊं के लोगों को इस मामले में निराशा हाथ लगी। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि बहुप्रतिक्षित टनकपुर- बागेश्वर रेल मार्ग सहित ये सभी परियोजनाऐं कुमाऊँ ही नहीं उत्तराखण्ड और देश के विकास की लाइफ लाइन साबित हो सकती हैं।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि प्रधानमंत्री ने केदारनाथ और बदरीनाथ के बाद अब मानस खण्ड के नाम पर कुमाऊं ही नहीं देश के लोगों की भावनाओं से खेलना शुरु कर दिया है। उन्होंने आरोप लगाया कि पिछले 7 सालों से उत्तराखण्ड में डबल इंजन की सरकार है ।मोदी  इन सालों में 06 बार केदारनाथ आ कर कई योजनाओं का शिलान्यास कर चुके हैं ,लेकिन आज तक भी केदारनाथ में बाबा केदारनाथ की भोग मण्डी नहीं बन पायी है। अभी भी बाबा केदारनाथ के मुख्य पुजारी, वेदपाठी और कर्मचारी बिना आवासों के रह रहे हैं। केदारनाथ के तीर्थपुरोहित सरकार से अपने भूमिधरी अधिकारों और केदारनाथ के सोने के घोटाले की जांच के लिए आंदोलन कर रहे हैं। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि, भू-बैकुठंधाम बदरीनाथ के कायाकल्प के नाम पर भी बदरीनाथ में एक नई बरबादी को आमंत्रित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि, जब 7 सालों में 06.बार केदारनाथ और 02 बार बदरीनाथ आने के बाद भी पीएम  मोदी  केन्द्र और राज्य सरकार अभी तक बदरी-केदार की समस्याओं का हल नहीं निकाल पाए है तो मानस खण्ड के लिए दिखाए जाने वाले सपने न जाने कब पूरे होगें । नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि पीएम मोदी को केदारनाथ के सोने के पीतल बनने की जांच के संबध में भी वस्तुस्थिति साफ करनी चाहिए थी , क्योंकि इस विवाद से उत्तराखण्ड की पूरी दुनिया में बड़ी बदनामी हो रही है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button