उत्तराखण्डनैनीताल

उपनल से पूर्व सैनिक आश्रितों को नियुक्ति मामले में हाईकोर्ट का सरकार को नोटिस,चार सप्ताह में जवाब मांगा, सरकार के फैसले के खिलाफ याचिका पर हाईकोर्ट में हुई सुनवाई

नैनीताल । उत्तराखंड हाई कोर्ट ने सरकारी विभागों में उपनल के द्वारा आउटसोर्स के माध्यम से पूर्व सैनिकों के आश्रितों को नियुक्ति देने के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की। मामले की सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी व न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने राज्य सरकार सहित उपनल को नोटिस जारी कर चार सप्ताह में जवाब पेश करने को कहा है। सरकार को इस मामले में कितने पूर्व सैनिक आश्रितों को नियुक्ति दी गई सहित सारी स्थिति से हाई कोर्ट को अवगत कराना पड़ सकता है। इस मामले की अगली सुनवाई दिसम्बर माह में होगी।
मामले के अनुसार हल्द्वानी निवासी अमित खोलिया ने जनहित याचिका दायर कर कहा है कि वर्तमान समय में सरकारी विभागों में आउटसोर्सिंग कर्मचारियों की नियुक्ति उपनल के माध्यम से की जा रही है। इसमें उपनल के द्वारा पूर्व सैनिकों के आश्रितों को ही शामिल किया जा रहा है। जिस कारण बेरोजगारों का एक बड़ा तबका रोजगार से वंचित हो रहा है। वर्तमान समय में राज्य के रोजगार कार्यालयों में  लगभग 16 लाख शिक्षित बेरोजगार पंजीकृत हैं। जब से उपनल के माध्यम से सरकारी विभागों में आउटसोर्स के माध्यम से नियुक्ति की जा रही है ,तब से रोजगार कार्यालय में पंजीकृत शिक्षित बेरोजगारों को सरकारी सेवा करने से वंचित होना पड़ रहा है। जो संविधान के समानता के अधिकार का उल्लंघन है। जनहित याचिका में कोर्ट से आग्रह किया गया कि उपनल को सभी बेरोजगारों के लिए खोलने के लिए  निर्देशित किया जाय। जिसमें पूर्व सैनिकों के आश्रितों के लिए आरक्षण निर्धारित कर लिया जाय और उपनल को कुछ ही अभ्यर्थियों तक सीमित न किया जाय , ताकि रोजगार कार्यालयों में पंजीकृत बेरोजगारों को इन नियुक्तियों से वंचित न होना पड़े।

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