दीपावली से पहले उत्तराखंड को पीएम मोदी से मिला बड़ा उपहार: महत्वपूर्ण जमरानी बांध परियोजना को मिली केंद्र की मंजूरी, प्रोजेक्ट को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर धामी लगातार रहे प्रयासरत
केंद्रीय कैबिनेट की आर्थिक मामलों की समिति ने दी स्वीकृति
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जताया आभार
पीएम से बैठकों में लगातार मामले को उठाते रहे सीएम
परियोजना के निर्माण का रास्ता साफ होने से हल्द्वानी व आसपास के क्षेत्र में पेयजल एवं सिंचाई की समस्या का होगा हल
देहरादून।उत्तराखंड के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण जमरानी बांध परियोजना को केंद्रीय कैबिनेट की आर्थिक मामलों की समिति ने अपनी मंजूरी प्रदान कर दी है। इसके लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार जताते हुए कहा कि इस बांध परियोजना के निर्माण का रास्ता साफ होने से हल्द्वानी व आसपास के क्षेत्र में पेयजल एवं सिंचाई की समस्या का हल होगा। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी विगत दिनों में प्रधानमंत्री के साथ हुई बैठकों में जमरानी बांध की स्वीकृति का अनुरोध लगातार करते रहे हैं। अब, योजना को मंजूरी प्रदान कर दी है जिसके बाद पेयजल सहित सिंचाई समस्याओं से लोगों को आने वाले दिनों में राहत मिलना तय है।
उत्तराखंड के जनपद नैनीताल में काठगोदाम से 10 किमी अपस्ट्रीम में गौला नदी पर जमरानी बांध (150.60 मी0 ऊंचाई) का निर्माण प्रस्तावित है। परियोजना से लगभग 1,50,000 हेक्टेयर कृषि योग्य क्षेत्र सिंचाई सुविधा से लाभान्वित होगा, साथ ही हल्द्वानी शहर को वार्षिक 42 एमसीएम पेयजल उपलब्ध कराए जाने तथा 63 मिलियन यूनिट जल विद्युत उत्पादन का प्रावधान है।
विदित हो कि प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (वृहद एवं मध्यम ) के अन्तर्गत जमरानी बांध परियोजना के वित्त पोषण हेतु निवेश स्वीकृति एवं जल शक्ति मंत्रालय की स्क्रीनिंग कमेटी द्वारा स्वीकृति प्रदान की गई थी। उक्त स्वीकृतियों के बाद पब्लिक इन्वेस्टमेंट बोर्ड, वित्त मंत्रालय भारत सरकार को वित्तीय स्वीकृति हेतु जल शक्ति मंत्रालय द्वारा प्रस्ताव प्रेषित किया गया था। प्रस्ताव पर वित्त मंत्रालय द्वारा इसी वर्ष मार्च माह में आयोजित पी०आई०बी० की बैठक में सहमति व्यक्त की गई।
वर्ष 1975 से अटकी थी परियोजना, रंग लाई सीएम धामी की कोशिश
वर्ष 1975 से वित्त पोषण के अभाव में परियोजना का निर्माण प्रारम्भ नहीं हो सका, लेकिन मुख्यमंत्री धामी के सतत प्रयासों के फलस्वरूप जमरानी बांध परियोजना को स्वीकृति प्रदान की गई है। दरअसल, मुख्यमंत्री धामी इस अति महत्वपूर्ण परियोजना की स्वीकृति के लिए प्रधानमंत्री के साथ हुई बैठकों में लगातार अनुरोध करते रहे हैं।
वन विभाग की भूमि सिंचाई विभाग को हस्तांतरित
प्रस्तावित बांध निर्माण की राह और आसान होगी
भारत सरकार ने रू. 1730.20 करोड़ की स्वीकृति पीएमकेएसवाई में 90 प्रतिशत ( केन्द्रांश) 10 प्रतिशत ( राज्यांश) के अन्तर्गत प्रदान किया जाना प्रस्तावित है। शेष धनराशि का वहन संयुक्त रूप से उत्तराखण्ड एवं उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा उत्तर प्रदेश राज्य के साथ किये गये एमओयू के अनुसार किया जायेगा। जमरानी बांध परियोजना से प्रभावित 351.55 हेक्टेयर वन भूमि सिंचाई विभाग को हस्तांतरित करने के लिए वन भूमि (स्टेज-2 ) अंतिम स्वीकृति पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा माह जनवरी 2023 में प्रदान कर दी गयी है, जिससे प्रस्तावित बांध निर्माण की राह और आसान होगी तथा परियोजना प्रभावित परिवारों के विस्थापन के लिए पराग फार्म की प्रस्तावित 300.5 एकड़ भूमि का प्रस्ताव उत्तराखंड सरकार की कैबिनेट में पारित किया जा चुका है। प्रस्तावित भूमि को शीघ्र ही सिंचाई विभाग को हस्तांतरित किये जाने के लिए भी कार्यवाही गतिमान है।