विरासत आर्ट एंड हेरीटेज फेस्टिवल 2023: वडाली ब्रदर्स की प्रस्तुतियों ने लोगों को झूमने पर किया मजबूर , खनकती आवाज का जमकर लिया आनंद
विरासत में राहुल और रोहित मिश्राजी ने ठुमरी और दादरा की शानदार प्रस्तुति दी
हिंदी भाषा को देश के कोने-कोने तक पहुंचने में हिंदी संगीत का बहुत बड़ा योगदान : पांडेय
देहरादून:विरासत आर्ट एंड हेरीटेज फेस्टिवल 2023 के आठवें दिन के कार्यक्रम की शुरूआत दून लाइब्रेरी में ठुमरी के सफर पर एक एक चर्चा से शुरू हुआ, जिसमें के एल पांडेय द्वारा 1902 से 2023 तक के ठुमरी के सफर को विस्तार से बताया गया। उन्होंने कहां हिंदी भाषा को देश के कोने-कोने तक पहुंचने में हिंदी संगीत का बहुत बड़ा योगदान है। दून लाइब्रेरी में चर्चा के दौरान उन्होंने अपनी पूरी जीवन की कहानी बताई कि कैसे -कैसे उन्होंने रेलवे में वारिष्ट अधिकारी से लेकर कवि बनने तक का सफ़र पूरा किया । के एल पांडेय राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अभी तक 92 कांफ्रेंस ठुमरी के उपर कर चुके हैं।
आज के सांस्कृतिक कार्यक्रम का शुभांरंभ रीच विरासत के महासचिव आर.के.सिंह एवं अन्य सदस्यों ने दीप प्रज्वलन के साथ किया।
सांस्कृतिक कार्यक्रम की पहली प्रस्तुति में राहुल और रोहित मिश्रा द्वारा खयाल गायकी प्रस्तुत किया गया, जिसमें उन्होंने राग पूरिया धनाश्री में बंदिश से शुरुआत की और फिर उन्होंने एक ठुमरी और एक दादरा के बंदिश प्रस्तुत किया।सांस्कृतिक कार्यक्रम की दूसरी प्रस्तुति में वडाली ब्रदर्स ने लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया, वडालीब्रदर्स के एक झलक पाने के लिए डॉ. बी. आर. अंबेडकर स्टेडियम में हजारो कि संख्यामें लोग पहुचें एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम का आनंद लिया। वडाली ब्रदर्स सूफी, रोमांटिक लोक गीत, ग़ज़ल, भजन और भांगड़ा पर अपनी प्रसतुतियां दी। उन्होंने अपनी प्रस्तुति कि शरूआत उनहोंने सूफी बंदिश…“जब तेरी दीद हुई, मेरी ईद हुई“ बाबा फरीद शाह का एक और सूफी कलाम, “तेरा नाम..“ और भी बहुत कुछ प्रस्तुतियां दी।
संगत में कलाकार वडालियों जी के साथ कीबोर्ड पर मुनीष मन्नू, सैंपलर पैड पर राजिंदर कुमार, तबले पर असलम, ढोलक पर राकेश कुमार, ढोल पर अश्वनी, गिटार पर अजय नेगी थे, गायन में जयकरण, सुभाष, गगनदीप, मौसम और अजय कुमार ने सहयोग दिया