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उत्तराखंड राज्य स्थापना की 23वी सालगिरह: देहरादून पुलिस लाइन में हुआ भव्य समारोह, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू हुईं शामिल, कहा -राज्य के परिश्रमी लोगों ने शिखरों पर जमाए कदम,सीएम धामी ने की चार बड़ी घोषणाएं

राज्य स्थापना दिवस पर मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने की चार अहम घोषणाएं: राज्य में महिला नीति को शीघ्र लागू किया जाएगा
’’मुख्यमंत्री कन्या सामूहिक विवाह’’ योजना शुरू की जाएगी
’’नशा मुक्त ग्राम’’ और ’’नशा मुक्त शहर’’ की योजना
ड्रग फ्री उत्तराखंड के स्वप्न को साकार करने के लिए 
’’बाल श्रम उन्मूलन’’ के लिए विशिष्ट कार्ययोजना बनाई जाएगी
देहरादून।उत्तराखंड के राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर पुलिस लाईन में आयोजित समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल हुईं। समारोह में राज्यपाल गुरमीत सिंह(ले.ज.सेनि), मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, विधानसभा अध्यक्ष रितु खंडूड़ी, कैबिनेट मंत्री  डा. धन सिंह रावत, डाॅ प्रेमचंद अग्रवाल, गणेश जोशी, सुबोध उनियाल
विधायक खजान दास,  मुख्य सचिव डा. एस एस संधू, डीजीपी अशोक कुमार सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी एवं गणमान्य उपस्थित थे। पुलिस की रैतिक परेड आयोजित की गई और सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किए गए। साथ ही राज्य स्थापना दिवस के समारोह में झांकी भी प्रस्तुत की गई।
अपने संबोधन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बधाई देते हुए कहा कि राज्य गठन के बाद नई पहचान के साथ उत्तराखंड के परिश्रमी लोगों ने राज्य के लिए विकास और प्रगति के नित-नूतन शिखरों पर अपने कदम जमाए हैं। भगवान शिव और भगवान विष्णु के आशीर्वाद-स्वरूप देवालयों से पवित्र उत्तराखंड को ‘देव-भूमि’ कहने की परंपरा वंदनीय है। पर्वतराज हिमालय की पुत्री देवी पार्वती एवं शक्ति के अन्य पूजनीय स्वरूपों से ऊर्जा प्राप्त करने वाली तथा गंगा-यमुना जैसी नदी-माताओं के स्नेह से सिंचित यह पावन धरती ‘देवी-भूमि’ भी है। यह क्षेत्र ‘जय महा-काली’ और ‘जय बदरी-विशाल’ के पवित्र उद्घोष से गुंजायमान रहता है। हेमकुन्ट साहिब और नानक-मत्ता से निकले गुरबानी के स्वर यहां के वातावरण को पावन बनाते हैं।
राष्ट्रपति ने प्रदेश की महिलाओं को किया याद     
राष्ट्रपति ने कहा कि उत्तराखंड की अलग पहचान और स्थापना के लिए संघर्ष करने वाली स्वर्गीय सुशीला बलूनी, बिशनी देवी शाह, बछेन्द्री पाल, गौरा देवी,  वंदना कटारिया को भी याद किया सहित पूर्व सीडीएस स्व. बिपिन रावत को भी याद किया। साथ ही कहा कि सीडीएस अनिल चौहान भी राज्य के निवासी हैं।, कहा कि नारी शक्ति वंदन अधिनियम 2023 को अनुमति प्रदान करते समय मुझे विशेष प्रसन्नता हुई थी। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की यह भूमि वीर-प्रसवा रही है।
राज्यपाल बोले,साइबर सिक्योरिटी हमारी सबसे बड़ी जिम्मेदारी
राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने राज्य स्थापना दिवस की बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए अमर शहीदों और वीर आंदोलनकारियों को नमन किया। उन्होंने राष्ट्रपति का हार्दिक आभार और अभिनंदन करते हुए कहा कि हम डिजिटल क्रांति के युग में आगे बढ़ रहें हैं। साइबर सिक्योरिटी हमारी सबसे बड़ी जिम्मेदारी है इस दिशा में नई से नई टेक्नोलॉजी को सुरक्षा उपायों में शामिल करने की दिशा में आगे बढ़ रहे है। सरकार पारदर्शी और प्रोएक्टिव पुलिसिंग को बढ़ावा देने का कार्य कर रही है। महिला सुरक्षा, बालिका सुरक्षा को सुनिश्चित करते हुए अपराधों पर नियंत्रण राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है।
मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने कहा,
हमारा एकमात्र ध्येय-उत्तराखंड की प्रगति
प्रदेशवासियों को राज्य स्थापना दिवस की शुभकामनाएं एवं बधाई देते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड राज्य निर्माण में अपना योगदान देने वाले सभी अमर शहीदों एवं राज्य आंदोलनकारियों को श्रद्धापूर्वक नमन किया। कहा कि हमारा एकमात्र ध्येय है-उत्तराखंड की प्रगति, अपने इस ध्येय की प्राप्ति के लिए हम पूरी निष्ठा और समर्पण के साथ आपकी सेवा में जुटे हुए हैं। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने भारत माता की रक्षा के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान देने वाले उत्तराखंड के वीर जवानों को भी उत्तराखंड की समस्त जनता की ओर से श्रद्धांजलि अर्पित की। इसके साथ ही उन्होंने पुलिस के उन शहीद जवानों व अधिकारियों का भी स्मरण किया जिन्होंने प्रदेश एवं समाज में शांति स्थापित करने के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया। कहा कि हमारा कर्तव्य है कि स्वर्गीय अटल द्वारा पुष्पित और पल्लवित इस युवा उत्तराखंड को देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाने के लिए पूरी निष्ठा के साथ निरंतर प्रयासरत रहें।
राष्ट्रपति के हाथों बसंती बिष्ट सहित चार 
उत्तराखंड गौरव सम्मान से हुए सम्मानित
राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने  राज्य की चार विभूतियों को उत्तराखण्ड गौरव सम्मान से सम्मानित किया । माधुरी बड़थ्वाल, बसंती बिष्ट, सचिदानन्द भारतीय तथा राजेन्द्र सिंह बिष्ट को विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट सेवा के लिए उत्तराखण्ड गौरव सम्मान से सम्मानित किया गया।

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