दून में शुरू हुआ राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-6 के सर्वेक्षकों का प्रशिक्षण, 28 दिनों तक चलेगा प्रशिक्षण, डेटा संग्रह की गुणवत्ता के महत्व पर दिया जोर
देहरादून। उत्तराखंड में राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (एनएफएचएस-6) के छठे दौर के तहत डेटा संग्रह के लिए सर्वेक्षणकर्ताओं के 28-दिवसीय प्रशिक्षण का शुभारम्भ बुधवार को देहरादून में किया गया। देहरादून स्थित एक होटल में आयोजित इस प्रशिक्षण सत्र का उद्घाटन डॉ. नरेन्द्र त्यागी, एसीएमओ, देहरादून, चिकित्सा स्वास्थ्य विभाग, देहरादून ने किया ।
एनएफएचएस एक राष्ट्रीय स्तर का प्रतिनिधि सर्वेक्षण है जो भारत सरकार के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के नेतृत्व में इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फॉर पॉपुलेशन साइंसेज (आईआईपीएस) के मार्गदर्शन में आयोजित किया जाता है। इस सर्वेक्षण के तहत पारिवारिक स्तर पर स्वास्थ्य संकेतकों के सापेक्ष डाटा संकलित किया जाता है।
डॉ. नरेन्द्र त्यागी ने इस अत्यंत महत्वपूर्ण सर्वेक्षण के लिए चयनित सर्वेक्षणकर्ताओं को बधाई दी और डेटा संग्रह की गुणवत्ता के महत्व पर जोर दिया ,क्योंकि यह सरकार के साक्ष्य- आधारित कार्यक्रमों का आधार बनता है और लोगों की भागीदारी प्राप्त करने में स्वास्थ्य विभाग द्वारा समर्थन और सहयोग का आश्वासन दिया। उद्घाटन कार्यक्रम सभी गणमान्य व्यक्तियों और प्रतिभागियों को धन्यवाद ज्ञापन के साथ संपन्न हुआ।
आईआईएचएमआर विश्वविद्यालय के परियोजना समन्वयक डॉ. नीतू पुरोहित और डॉ. जेपी सिंह ने प्रजनन क्षमता, मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य और अन्य स्वास्थ्य संकेतकों और महत्वपूर्ण उभरते स्वास्थ्य मुद्दों पर रुझानों पर अनुमान प्रदान करने के उद्देश्य पर ध्यान केंद्रित करते हुए एनएफएचएस का संक्षिप्त परिचय दिया।
सर्वेक्षण के तहत उत्तराखंड के 13 जिलों के 624 क्षेत्रों से परिवारों का होगा चयन
देहरादून। एनएफएचएस 6 सभी 28 राज्यों और 8 केंद्र शासित प्रदेशों में आयोजित किया जा रहा है और यह भारत के सभी 731 जिलों के लिए राष्ट्रीय, राज्य और जिला स्तर के अनुमान प्रदान करेगा। एनएफएचएस 6 के परियोजना समन्वयकों ने साझा किया कि उत्तराखंड में एनएफएचएस के छठे दौर के तहत सर्वेक्षण 7 फरवरी से शुरू होगा और जुलाई तक चलेगा।
सर्वेक्षण के तहत, उत्तराखंड के 13 जिलों के 624 क्षेत्रों से परिवारों का चयन किया जाएगा। इनमें से 492 ग्रामीण क्षेत्र और 132 शहरी क्षेत्र होंगे। चयनित परिवारों के उत्तरदाताओं से प्रजनन स्वास्थ्य, परिवार नियोजन, मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य, एचआईवी/एड्स और पोषण पर साक्षात्कार लिया जाएगा। इसके अलावा, ऊंचाई और वजन माप, बीपी माप, रक्त शर्करा और एचआईवी, हेपेटाइटिस बी और हेपेटाइटिस सी परीक्षण के लिए रक्त संग्रह सहित चिकित्सा परीक्षण भी किए जाएंगे।