भाजपा के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी और राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी ने कहा, भट्ट का बूथ स्तर से लेकर प्रदेश अध्यक्ष तक का सफर प्रत्येक कार्यकर्ता के लिए अनुकरणीय, टर्म होगा ऐतिहासिक
राज्यसभा सांसद के तौर पर अपने कार्यकाल को बताया संतोषजनक, कहा -कुछ अभिनव प्रयोग करने का मौका मिला ,जिसमें पूरी तरह सफलता मिली, कार्यकाल के दौरान कोरोना काल सहित चुनौतियों का भी सामना करना पड़ा
एस.आलम अंसारी
देहरादून। भाजपा के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी और राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी ने कहा कि भट्ट का बूथ स्तर से लेकर प्रदेश अध्यक्ष तक का उनका सफर प्रत्येक कार्यकर्ता के लिए अनुकरणीय है । उनका चयन कर पार्टी नेतृत्व ने सभी परिश्रमी, क्षमतावन कार्यकर्ताओं में नई उमंग और उल्लास का सृजन किया है । उन्होंने विश्वास जताया कि वे राज्यसभा में क्षेत्रीय विकास और स्थानीय लोगों की भावनाओं के प्रतिनिधि के रूप में अपना सर्वश्रेष्ठ योगदान देंगे। राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी ने विधानसभा परिसर में बात करते हुए कहा कि वह अपने राज्यसभा कार्यकाल से काफी संतुष्ट हैं, क्योंकि अपने कार्यकाल के दौरान उन्हें कई सारे अभिनव प्रयोग करने का मौका मिला, जिसमें से तमाम प्रयासों में सफलता भी मिली ।उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने कई सारे नए काम किए हैं। इस कार्यकाल के दौरान उनके सामने चुनौती पूर्ण समय भी आया ।बलूनी ने कहा कि इस कार्यकाल के दौरान वह गंभीर रूप से बीमार हो गए थे ,जिसके चलते कई महीने उन्हें अस्पताल में भर्ती रहना पड़ा। इसके बाद कोरोना काल आया ,जिससे 2 साल प्रभावित रहे, जो चुनौती पूर्ण समय रहा ।लेकिन इस दौरान जो नए प्रयोग करने का मौका मिला ,उसको महेंद्र भट्ट आगे बढ़ने का काम करेंगे। उन्होंने कहा कि महेंद्र भट्ट का यह टर्म ऐतिहासिक होगा ।राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी ने कहा कि उनका और महेंद्र भट्ट का पुराना नाता है ,क्योंकि जब भट्ट युवा मोर्चा के अध्यक्ष थे ,उस दौरान वह महामंत्री थे। ऐसे में उन्होंने भट्ट के कामकाज को काफी नजदीक से देखा है।
महेंद्र भट्ट के अंदर संगठन की क्षमता के साथ ही प्रशासनिक क्षमता भी है। लिहाजा उनका कार्यकाल अद्भुत और ऐतिहासिक होगा। ज्ञात होगी राज्यसभा सांसद के तौर पर अनिल बलूनी का कार्यकाल 2 अप्रैल को समाप्त हो रहा है। इस सीट पर चुनाव के लिए भाजपा आला कमान ने उत्तराखंड के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट को पार्टी प्रत्याशी बनाया है।
पार्टी आला कमान की महेंद्र भट्ट को राज्यसभा प्रत्याशी बनाकर कई सियासी संतुलन साधने की कोशिश
देहरादून। भाजपा आला कमान ने उत्तराखंड की पार्टी प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट को राज्यसभा का प्रत्याशी बनाया है। राज्यसभा सांसद रहे अनिल बलूनी का छह साल का कार्यकाल 2 अप्रैल को खत्म हो रहा है। इस सीट पर 27 फरवरी को चुनाव होना है।
लोकसभा चुनाव से पहले महेंद्र भट्ट को उम्मीदवार बनाए जाने के कई राजनीतिक मायने हैं। महेंद्र भट्ट चमोली जिले के पोखरी विकासखंड के ब्राह्मणथाला गांव के रहने वाले हैं ।उनका जन्म 1971 में हुआ। महेंद्र भट्ट राज्य आंदोलनकारी भी रहे हैं।
भट्ट ब्राह्मण चेहरा हैं और भाजपा केंद्रीय नेतृत्व का उन्हें राज्यसभा में भेजे जाने के फैसले को जातीय समीकरणों में संतुलन साधने की कवायद के तौर पर भी देखा जा रहा है। जब तक भाजपा आलाकमान ने राज्यसभा का टिकट तय नहीं किया था, तब संभावना अनिल बलूनी को रिपीट किए जाने की भी मानी जा रही थी। पार्टी की ओर से उम्मीदवार घोषित होने के बाद भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भट्ट ने राज्यसभा चुनाव के लिए नामांकन कर दिया है ।केंद्रीय संगठन में बलूनी लंबे समय से राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी की अहम जिम्मेदारी निभा रहे हैं। उन्हें भी अब पौड़ी गढ़वाल लोकसभा सीट का एक दावेदार माना जा रहा है। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि इस तरह की संभावनाओं के बीच महेंद्र भट्ट को प्रत्याशी बनाकर पार्टी ने अपने कैडर को सम्मान दिए जाने का मैसेज देने की कोशिश भी की है। साथ ही प्रदेश कैबिनेट में प्रतिनिधित्व से वंचित चमोली जिले को राज्यसभा में प्रतिनिधित्व दिलाकर लंबे समय से चली आ रही कसक को दूर करने का प्रयास भी किया गया है। प्रदेश अध्यक्ष बनने से पहले महेंद्र भट्ट ने पार्टी में कई महत्वपूर्ण पदों पर रहकर अपने दायित्वों का निर्वहन किया है। महेंद्र भट्ट का राजनीतिक सफर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के सदस्य के रूप में शुरू हुआ और वह 1991 से 1998 तक परिषद के प्रदेश सह मंत्री रहे। पार्टी में कई बड़े पदों पर रहते हुए भट्ट 2002 से 2004 तक भाजपा युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष रहे। महेंद्र भट्ट सबसे पहले 2002 में चमोली की नंदप्रयाग सीट से चुनाव जीत कर विधानसभा पहुंचे और इसके बाद 2010 से 2012 तक में उत्तराखंड के राज्य मंत्री रहे। इसके बाद महेंद्र भट्ट ने 2017 में बद्रीनाथ विधानसभा से चुनाव जीता। महेंद्र भट्ट 2022 विधानसभा का चुनाव हार गए थे। उसके बाद उन्हें पार्टी आलाकमान ने उन्हें उत्तराखंड का प्रदेश अध्यक्ष बनाकर बड़ी जिम्मेदारी दी, जिसे उन्होंने सफलतापूर्वक निभाया है और अब 2024 में राज्यसभा सांसद बनने जा रहे हैं।