उत्तराखंड विधानसभा का बजट सत्र: पक्ष-विपक्ष ने डाॅ धन सिंह रावत के विभागों को लेकर खूब दागे सवाल, स्वास्थ्य, सहकारिता व शिक्षा विभाग के मुद्दों पर गरमाया सदन, कैबिनेट मंत्री ने एक कर दिए जवाब
देहरादून। उत्तराखण्ड विधानसभा बजट सत्र के चौथे दिन कैबिनेट मंत्री डाॅ धन सिंह रावत पक्ष-विपक्ष के निशाने पर रहे। स्वास्थ्य, सहकारिता विभाग, गोल्डन और आयुष्मान कार्ड व स्कूलों में आउटसोर्सिंग के माध्यम से रखे गए बीआरसी और सीआरसी शिक्षकों को लेकर खूब हंगामा रहा।
गुरुवार को सदन की कार्रवाई शुरू होते ही विपक्ष की और से चकराता विधायक प्रीतम सिंह ने भिक्षावृत्ति
को लेकर सवाल उठाया तो, सरकार की और से कहा गया कि भिक्षावृत्ति प्रतिषेध अधिनियम 1 जुलाई, 2017 को सम्पूर्ण उत्तराखण्ड राज्य में लागू किया गया है, मगर सरकार के पास कोई आंकड़े नही है, संसदीय कार्य मंत्री ने कहा कि आंकड़े बाद में उपलब्ध करा दिये जाएंगे।
भाजपा विधायक मुन्ना सिंह चौहान ने कहा कि गिरोहबंद तरीके से भिक्षावृत्ति की जा रही है, वहीं, नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा कि सरकार के पास आंकड़े भी नही हैं, चोरी में इजाफा हो रहा है, बाहरी लोग है, या कोन सरकार बताए, इस पर संसदीय कार्य मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि आंकड़े आ गये है, 7670 बच्चों का रेस्क्यू किया गया है और 3603 को स्कूल में दाखिल कराया गया है।
कांग्रेस विधायक अनुपम रावत के सवाल पर डॉ रावत ने दिया जवाब, सहकारी समितियों में 44 अनियमित नियुक्तियों को निरस्त किया
देहरादून। हरिद्वार ग्रामीण से कांग्रेस विधायक अनुपमा रावत ने सहकारिता विभाग की और से संचालित बैंक को सहकारी समितियां और दूसरे संगठनों में नियुक्तियों में हो रही अनियमितताओं का विषय उठाया। अनुपमा रावत ने सहकारी विभाग में कार्यरत तमाम एजेंसियों के नाम भी मंत्री से पूछे लेकिन मंत्री बताने में असमर्थ रहे। लिखित जवाब में कहा कि सहकारी बैंकों, सहकारी समितियों और दूसरे संगठनों में नियुक्तियों में वर्ष 2022 से आतिथि तक कुल 24 शिकायतें प्राप्त हुई हैं। सहकारिता विभाग ने बैकों, सहकारी समितियों और दूसरे संगठनों का संचालन नहीं किया जाता है अपितु मात्र सहकारी समिति अधिनियम 2003 का नियमानुसार निबन्धन एवं पर्यवेक्षण किया जाता है।
प्राप्त शिकायतों की जांच के बाद सम्बन्धित संस्थाओं के संचालक मण्डल की और से जनवरी 2022 से आतिथि तक जनपद हरिद्वार की कुल 44 अनियमित नियुक्तियों को निरस्त किया गया है। शिकायतों के प्राप्त होने पर ऐसी नियुक्तियों में हुई अनियमितताओं की जाँच किये जाने के लिय विभिन्न विभागीय जांच कमेटियां गठित की गई है। चूंकि सोसाइटी व सहकारी संस्थाओं में नियुक्तियां निर्वाचित संचालक मण्डल द्वारा की जाती है। अतः जांच आख्या प्राप्त होने के बाद ही सम्बन्धित संचालक मण्डल की और से अनियमित नियुक्तियां निरस्त की जाती है तथा उत्तरदायी व्यक्तियों के विरुद्ध सक्षम स्तर से नियमानुसार उचित कार्यवाही की जाती है।
प्रताप नगर विधायक विक्रम नेगी ने
प्रसूता महिला की मौत का मामला सदन में उठाया
देहरादून। प्रताप नगर विधायक विक्रम नेगी ने हाल ही में टिहरी गढ़वाल की प्रताप नगर विधानसभा सीट में पड़ने वाले चौड़ लमगांव सीएचसी में प्रसूता को उचित उपचार नहीं मिलने के बाद जिला अस्पताल रेफर करने और रास्ते में ही प्रसूता (जच्चा-बच्चा) के दम तोड़ने पर सदन में सवाल पूछा, इस मामले ने सदन में तूल पकड़ा, जिस पर स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत ने इस प्रकरण पर खेद प्रकट करते हुए कहा कि निश्चित तौर से इस प्रकरण के दौरान लापरवाही हुई है, उन्होंने बताया कि वहां पर तीन डॉक्टरों की नियुक्ति की गई थी, लेकिन उस दिन वहां पर कोई भी मौजूद नहीं था, जिसके कारण प्रसूता को सुविधा नहीं मिल पाई, जो कि बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा इस प्रकरण में डॉक्टर को सस्पेंड करने की कार्रवाई सदन के बाद की जाएगी। सदन के बाद स्वास्थ्य मंत्री डाॅ धन सिंह रावत ने प्रताप नगर सीरएचसी के मामले में अनुपस्थित रहने वाले चिकित्सकों के खिलाफ कार्रवाई के लिए मुख्य चिकित्सा अधिकारी टिहरी को निर्देशित किया।
विधायक विनोद चमोली ने सरकार की नीति पर खड़े किये सवाल, कहा ,आज कोई भी पहाड़ नहीं चढ़ना चाहता
देहरादून। हरिद्वार जिले की भगवानपुर विधानसभा से विधायक ममता राकेश ने विद्यालयी शिक्षा यानी बेसिक स्कूलों में सीआरसी (क्लस्टर रिसोर्स सेंटर) और बीआरसी (ब्लॉक रिसोर्स सेंटर) के पदों पर नियुक्ति में आरक्षण को लेकर सवाल पूछा। भर्ती में वरिष्ठता के आधार पर अभ्यर्थियों को दी जाने वाली वरीयता को लेकर के भी सवाल उठाए, इसी कड़ी में उप-नेता प्रतिपक्ष भुवन चंद्र कापड़ी ने प्रदेश के सरकारी स्कूलों और कार्यालय में आउटसोर्सिंग कर्मचारियों को लेकर सवाल पूछा तो इन्हीं सवालों के प्रश्नों में सत्ता पक्ष के ही विधायक विनोद चमोली भी कूद पड़े और उन्होने सरकार की नीति पर कई सवाल खड़े कर दिये। भाजपा के धर्मपुर विधानसभा से विधायक विनोद चमोली ने सरकार से सवाल किया कि जिस तरह से आउटसोर्सिंग के माध्यम से या फिर अन्य माध्यमों से ग्रुप क् और ग्रुप ब् के लिए पदों पर नियुक्ति की जाती है, उसमें छोटे स्तर पर नियुक्तियों की सुविधा अभ्यर्थियों को मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा कि ग्रुप क् के पदों पर ब्लॉक स्तर पर आवेदन करने और समूह ब् के पदों पर जिला स्तर पर आवेदन करने की नीति सरकार को लानी चाहिए।
उन्होंने वर्तमान में चल रही व्यवस्था पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि आज अभ्यर्थी अपनी पूरी मेहनत से विभिन्न पदों के लिए आवेदन करते हैं। नियुक्ति होने के बाद हर कोई मैदानी इलाकों के लिए जद्दोजहद में लग जाता है। उन्होंने कहा कि आज शिक्षा या स्वास्थ्य हर क्षेत्र में कोई भी पहाड़ नहीं चढ़ना चाहता है। इसके लिए सरकार इस तरह की व्यवस्था बनाए जिससे पहाड़ों से कर्मचारी भेदभाव ना करें और पहाड़ों पर अपनी सेवाएं दें। उन्होंने सरकार को सुझाव दिया कि पहाड़ों पर कर्मचारी और अधिकारी पूरी सेवाएं दें, इसके लिए हमें नीतिगत फैसलों में बदलाव करने होंगे।
वहीं, शिक्षा और स्वास्थ्य में अधिकारी, कर्मचारियों की नियुक्ति आउटसोर्सिंग और कर्मचारियों के तमाम मुद्दों पर कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत ने जवाब देते हुए बताया कि लगातार सरकार अपने स्तर पर व्यवस्थाओं में सुधार कर रही है। उन्होंने कहा कि जिस तरह से पूर्व की सरकारों में पहाड़ों पर डॉ. और शिक्षक बेहद कम संख्या में थे, आज उन्होंने ऐतिहासिक रूप से बढ़ाने का काम किया है।
आउटसोर्सिंग से रखे जाने वाले शिक्षकों की जहां तक बात है तो वह केंद्र सरकार की गाइडलाइन का पालन करते हुए नियुक्त किए जा रहे हैं। इससे बड़ी संख्या में प्रदेश में युवाओं को रोजगार मिला है। उन्होंने नियुक्तियों में आरक्षण को लेकर भी जवाब दिया। उन्होंने कहा कि जहां तक बात नीतिगत प्रश्नों का है, तो सरकार लगातार अपने नीतियों में बदलाव कर रही है, कोशिश कर रही है कि पहाड़ों पर अधिकारियों, शिक्षकों और डॉक्टरों द्वारा अधिक से अधिक सेवाएं दी जाए।
वहीं, भगवानपुर विधायक ममता राकेश ने प्रदेश में मौजूद सभी सार्वजनिक उपक्रमों में कार्यरत कर्मचारियों के लिए चलाई जाने वाली गोल्डन कार्ड स्कीम पर सवाल उठाया। आयुष्मान कार्ड के तहत इलाज न कर रहे अस्पतालों पर भी सवाल किया। देहरादून सहित शहर के तमाम बड़े अस्पतालों में आयुष्मान कार्ड से इलाज न होने का सवाल भी सदन में गूंजा। स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत ने बताया कि जल्द इन सब पर कार्रवाई की जाएगी, सभी अस्पतालों में आयुष्मान से इलाज हो इसका प्रयास किया जा रहा है।