बदलते मौसम में रखें सेहत का ध्यान : गर्मी तेज होने से बढ़ रही डायरिया के मरीजों की संख्या, चिकित्सकों की सलाह, खानपान में बरतें खास सावधानी
सरकारी व निजी अस्पतालों में पहुंच रहे मरीज,
चिकित्सा बोले, घबराएं नहीं सतर्क रहें, खान-पान का रखें खासतौर से ध्यान
देहरादून । राजधानी व आसपास के क्षेत्रों में गर्मी बढऩे के साथ ही सरकारी व निजी अस्पतालों में डायरिया के मरीजों की संख्या बढ़ रही है और इसमें सबसे ज्यादा बच्चे प्रभावित हो रहे हैं और अस्पतालों में मरीजों की भीड़ दिखाई दे रही है। यहां दून चिकित्सालय में लगातार मरीजों की संख्या बढ़ रही है और चिकित्सकों का कहना है कि गर्मी बढऩे से डायरिया के मरीजों की संख्या में बढ़ोत्तरी हो रही है और ऐसे में चिकित्सक खानपान में विशेष सावधानी बरतने की सलाह दे रहे हैं। इस दौरान गर्मी ने तेवर दिखाने शुरू कर दिए हैं। वहीं तापमान 32 डिग्री से अधिक तक पहुंच गया है और ऐसे में डायरिया, वायरल बुखार, खांसी-जुकाम से पीडि़त मरीज अस्पताल में पहुंचने लगे है। इस दौरान चिकित्सकों ने बताया कि वहीं बच्चों पर सबसे ज्यादा मौसम की मार पड़ रही है। चिकित्सकों के अनुसार इस समय बच्चे डायरिया से पीडि़त हो रहे हैं। चिकित्सकों ने बताया कि उल्टी-दस्त और डायरिया की शिकायत पर बच्चों को अस्पतालों में भर्ती कराया जा रहा है। इसके अतिरिक्त वायरल बुखार, जुकाम, खांसी व अन्य बीमारी के मरीज भी अस्पतालों में पहुंच रहे हैं।इस दौरान चिकित्सकों का कहना है कि वायरल बुखार के सबसे ज्यादा पीडि़त अस्पतालों में पहुंच रहे हैं।
खानपान का रखें खास ध्यान: डॉ अंसारी
वरिष्ठ फिजिशियन डॉ शोएब अंसारी का कहना है कि तेज धूप से बचाव करें और खानपान का ध्यान रखें, बाजार में बनी चीजों का सेवन करने से पूरी तरह से बचें, कटे हुए फलों का सेवन न करें, तली-भुनी चीजें ज्यादा न खाएं। उन्होंने कहा कि साफ-सफाई का ध्यान रखें और खाना बनाते समय और खाना खाने से पहले हाथों को धो लें। ताजा बना खाना खाएं, बासी भोजन करने से बचें। डॉ अंसारी ने कहा कि डायरिया व अन्य बीमारियों के प्रति सभी को सजग रहने की आवश्यकता है और खान पान पर भी विशेष रूप से ध्यान दें और उल्टी-दस्त होने पर चिकित्सक की सलाह से उपचार कराएं और इसमें किसी भी प्रकार की कोताही न बरतें। उन्होंने कहा कि इससे घबराने की कोई आवश्यकता नहीं है और सभी को बस सतर्क रहने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि इस मौसम में बच्चों को लेकर भी माता-पिता सतर्क रहें और उन्हें बाहर के खाने से बचाएं