उत्तराखण्डदेहरादून

चुनावी दौरों से लौटकर वन मंत्री सुबोध उनियाल ने अधिकारियों के साथ की वनाग्नि घटनाओं की समीक्षा,कहा- कई प्रभार वाले रेंज अफसरों से कम होंगे चार्ज 

शासन व  वन विभाग के आला अधिकारियों संग बैठक कर बनाया प्लान 
वन मंत्री ने अधिकारियों संग तैयार किया पांच सूत्री एक्शन प्लान 
देहरादून । विभिन्न राज्यों में भाजपा के चुनावी कार्यक्रमों से लौटकर राज्य के वन मंत्री सुबोध उनियाल ने  जंगलों में आग की स्थिति को लेकर अधिकारियों के साथ मंत्रणा की I प्रदेश लौटते ही उनकी अध्यक्षता में वनाग्नि नियंत्रण के दृष्टिगत एक महत्त्वपूर्ण बैठक की गयी। इस बैठक में प्रमुख सचिव वन आरके सुधांशु, प्रमुख वन संरक्षक (हॉफ) डॉ. धनंजय मोहन, प्रमुख वन संरक्षक वन्यजीव तथा मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक डॉ. समीर सिन्हा, अपर प्रमुख वन संरक्षक, वनाम्नि प्रबन्धन निशान्त वर्मा उपस्थित रहे। बैठक में विस्तृत चर्चा के बाद  कार्रवाई के लिए कई निर्णय लिये गये।
समीक्षा के बाद यह पाया गया कि वनाग्नि घटनाओं में पिछले तीन दिनों में कमी आयी है। नियंत्रण के लिए फील्ड स्तर पर प्रयास किये जा रहे हैं। वनाग्नि प्रबन्धन को और प्रभावी बनाने के लिए दीर्घकालिक रणनीति के तहत प्राथमिकता के आधार पर एक पंचवर्षीय कार्ययोजना तैयार की जाये एवं इसको वित्त पोषण के लिए केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय, भारत सरकार को प्रेषित किया जाए। इस एक्शन प्लान में स्टेट ऑफ द आर्ट तकनीकी (AI) Live Visualization, मोबाइल एप, क्लाउड सीडिंग, हाईटेक उपकरण, वन्यजीव सुरक्षा आदि कार्य सम्मिलित हों।
वनाग्नि के प्रभावी रोकथाम के लिए प्रत्येक वन अनुभाग स्तर पर जागरूकता कार्यक्रम संचालित किये जायें, जिसमें स्थानीय ग्राम प्रधानों, क्षेत्र पंचायत सदस्यों, वन पंचायत सरपंचों, महिला एवं युवा मंगल दलों को सम्मिलित किया जाये ताकि उनका सक्रिय सहयोग प्राप्त हो सके।
उच्चतम न्यायालय द्वारा फायर लाइन्स पर लगाई गयी रोक को हटाने के लिए राज्य सरकार द्वारा दायर अपील के क्रम में रोक हटाते हुए प्रबन्धन करने के लिए निर्गत आदेशों के क्रम में फायर लाईनों की पुर्नस्थापना का कार्य तत्काल प्रारम्भ कर दिया जाए। इस कार्य को प्रभागीय वनाधिकारी अपने अपने प्रभागों में त्वरित रूप से करेंगे, जिसके लिए जिम्मेदारी सम्बन्धित प्रभागीय वनाधिकारी की होगी। वनाग्नि की त्वरित रोकथाम के लिए यह आवश्यक है कि प्रत्येक रेंज में कुशलतापूर्वक प्रबन्धन के लिए रेंज प्रभारी तैनात हों। यह पाया गया कि वर्तमान में विभाग में कई रेंज अधिकारी डबल एवं ट्रिपल प्रभार में हैं। इसको देखते हुए उपयुक्त, अर्ह उप वन क्षेत्राधिकारियों को प्रभारी वन क्षेत्राधिकारी के रूप में योजित करने के लिए तत्काल कार्रवाई की जाये। इस सम्बन्ध में पूर्व में जारी शासन के आदेश को यथाआवश्यक निरस्त, संशोधित करने की कार्रवाई की जाये।
चीड़ बाहुल्य वन क्षेत्रों में पिरूल एकत्रीकरण की कार्रवाई मिशन मोड़ में महिला स्वयं सहायता समूहों, मंगल दलों के माध्यम से क्रियान्वित की जाये।

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