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नई दिल्ली में नीति आयोग की बैठक में शामिल हुए मुख्यमंत्री पुष्कर धामी, हिमालयी राज्यों के लिए विशिष्ट नीतियां बनाने पर  दिया जोर

ऊर्जा की कमी को पूरा करने के लिए बिजली परियोजनाओं पर चर्चा
25 मेगावाट से कम क्षमता की जल विद्युत परियोजनाओं की मांगी अनुमति
अनुमोदन तथा क्रियान्वयन की अनुमति प्रदान करने का किया अनुरोध
नई दिल्ली- देहरादून। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में नई दिल्ली में आयोजित नीति आयोग की बैठक में प्रतिभाग करते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकसित भारत के लक्ष्य को पूर्ण करने की दिशा में उत्तराखण्ड भी निरंतर कार्य कर रहा है। उत्तराखंड आपदा की दृष्टि से अति संवेदनशील राज्य है, इस बार के केंद्रीय बजट में इसको दृष्टिगत रखते हुए विशेष वित्तीय प्रावधान किये जाने पर उन्होंने प्रधानमंत्री का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि हाल ही में जारी सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स इंडेक्स रैंकिंग में उत्तराखंड ने प्रथम स्थान प्राप्त किया है, जो राज्य के लिए गर्व का विषय है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में राज्य ने ‘समान नागरिक संहिता’ विधेयक को उत्तराखंड में पारित किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले वर्ष नीति आयोग की आठवीं बैठक में हिमालयी राज्यों के विकास संबंधित कुछ प्रस्ताव रखे गये थे, उन प्रस्तावों पर हिमालयी राज्यों के परिपेक्ष में विशिष्ट नीतियां बनाने का उन्होंने अनुरोध किया।
जल स्रोत पुनर्जीवित करने को विशेष सहयोग
मुख्यमंत्री ने कहा कि देश के कई शहरों में पेयजल का गंभीर संकट दिखाई दिया है, इस समस्या के समाधान के  लिए भू जल स्तर बढ़ाने के साथ-साथ जल संरक्षण पर विशेष कार्य करने की आवश्यकता है। उत्तराखण्ड में इसके लिए स्प्रिंग एंड रिवर रिज्यूविनेशन ऑथोरिटी का गठन किया है, जो जल संरक्षण और जल स्रोतों को पुनर्जीवित करने और हिम आधारित नदियों को वर्षा आधारित नदियों से जोड़े जाने की परियोजना पर कार्य कर रही है। उन्होंने इसके लिए केन्द्र सरकार से विशेष वित्तीय सहायता एवं तकनीकी सहयोग का अनुरोध किया
कहा, 24 प्रतिशत कैपिटल सब्सिडी हो लागू
नीति आयोगी की बैठक में सीएम ने कहा कि विकसित भारत के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में उद्यमिता को और अधिक बढ़ावा देने की आवश्यकता है, जिसके लिए कलस्टर आधारित इंक्यूबेशन सेंटर तथा ग्रोथ सेंटर महत्वपूर्ण साबित होंगे। उत्तराखण्ड में पायलट प्रोजक्ट के रूप में दो रूरल इंक्यूबेशन सेंटर तथा 110 ग्रोथ सेंटर स्थापित किये गये हैं। उन्होंने इनक्यूबेशन सेंटर स्थापित करने के लिए केन्द्र सरकार से तकनीकी और वित्तीय सहयोग के लिए अनुरोध किया। मुख्यमंत्री ने ऊर्जा की कमी को पूरा करने के लिए राज्यों को 25 मेगावाट से कम क्षमता की जल विद्युत परियोजनाओं के अनुमोदन तथा क्रियान्वयन की अनुमति प्रदान करने तथा लघु जल विद्युत परियोजनाओं के निर्माण के लिए प्रस्तावित 24 प्रतिशत कैपिटल सब्सिडी के प्रस्ताव को पूर्वोत्तर राज्यों के साथ ही हिमालयी राज्यों में भी लागू करने का अनुरोध किया।
पी.एम कृषि सिंचाई योजना’ में लिफ्ट इरिगेशन
ग्लोबल वार्मिंग तथा क्लाइमेट चेंज जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर भी मुख्यमंत्री धामी ने विशेष ध्यान देने की आवश्यकता पर बल दिया। कहा कि उत्तराखंड सरकार इकोलॉजी और इकोनॉमी के समन्वय से विकास योजनाओं को संचालित करने पर विशेष ध्यान दे रही है। राज्य में जीडीपी की तर्ज पर जीईपी जारी करने की शुरुआत की गई है। पी.एम कृषि सिंचाई योजना’ की गाईडलाइन्स में लिफ्ट इरिगेशन को शामिल करने के लिए भी मुख्यमंत्री ने अनुरोध किया।
काउंटर मैग्नेट एरियाज’ विकसित करने होंगे
सीएम पुष्कर धामी ने बैठक में कहा कि किसी भी विकसित राष्ट्र में उनके शहरी क्षेत्र ग्रोथ इंजन के रूप में विशेष योगदान देते हैं। रोजगार सृजन बड़े शहरों में अधिक होता है, जिस कारण इन शहरों में अत्यधिक जनसंख्या के कारण मूलभूत सुविधाएं देना कठिन हो जाता है। इस समस्या के समाधान के लिए देश के विभिन्न शहरों के बीच ‘काउंटर मैग्नेट एरियाज’ विकसित करने होंगे। उन्होंने कहा कि वर्ष 2047 तक विकसित भारत की संकल्पना शोध विकास एवं नवाचार के लिए ए.आई रेडीनेस और क्वांटम रेडीनेस पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है।

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