उत्तराखण्ड

आपदा में फंसे 10 हजार से ज्यादा श्रद्धालुओं और स्थानीय लोगों को निकाला गया सकुशल , हवाई व जमीनी बचाव अभियान जारी

आपदा की विभिन्न घटनाओं में 15 की मौत
देहरादून। केदार आपदा के बाद विभिन्न बचाव टीम  कुल 10374 श्रद्धालुओं को सकुशल निकाल चुकी हैं। आपदा सचिव विनोद कुमार सुमन ने बताया कि 31 जुलाई को अतिवृष्टि के चलते केदारनाथ क्षेत्र में फंसे यात्रियों का रेस्क्यू अभियान युद्धस्तर पर जारी है। एसडीआरएफ, एनडीआरएफ की टीमें मार्ग में फंसे यात्रियों का रेस्क्यू कर उन्हें सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा रही हैं। उन्होंने बताया कि 2 अगस्त तक कुल 7234 यात्रियों का रेस्क्यू किया गया है। 3 अगस्त को 1865 यात्रियों का रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया। तीन अगस्त तक कुल 9099 यात्रियों का रेस्क्यू किया जा चुका है। करीब 1000 यात्रियों को रेस्क्यू करने के लिए अभियान जारी है। कहा कि मुख्यमंत्री  रेस्क्यू अभियान की  मॉनीटरिंग कर रहे हैं।केदारनाथ तथा रास्ते में ऊपर की और लगातार घने बादल छाये है तथा इस कारण रेस्क्यू कार्य में लगातार व्यवधान हो रहा है। भारतीय वायुसेना द्वारा उपलब्ध कराया चिनूक हैलीकॉप्टर मौसम खराब होने के कारण अभी तक एक भी उड़ान नहीं भर पाया है। एमआई-17 हैलीकॉप्टर द्वारा खराब मौसम के कारण अभी तक केवल 3 उड़ान भरी जा सकी है, तथा केवल 60 लोगों को रेस्क्यू किया जा सका है।
राज्य सरकार द्वारा छोटे हेलीकॉप्टर से रेस्क्यू का कार्य किया जा रहा है। रविवार को लगभग 400 लोगों को केदारनाथ से लिंचोली तक पैदल लाकर लिंचोली से उनका हेलीकॉप्टर के माध्यम से चारधाम हेलीपैड, सिरसी हेलीपैड आदि स्थानों पर लाया गया है। वर्तमान में रेस्क्यू कार्य के लिए 05 हेलीकॉप्टर लगाए गए हैं। रविवार को ही लिंचोली तथा भीमबली से लगभग 560 लोगों को तथा केदारनाथ से 80 लोगों को इस प्रकार कुल 640 लोगों का रेस्क्यू किया गया है।
रविवार  सांय तक श्री केदारनाथ धाम से 138 लोगों को लिंचौली और भीमबली से 2409 लोगों को तथा चीड़बासा (गौरीकुण्ड) से 75 लोगों को इस प्रकार कुल 2622 लोगों को एयरलिफट किया गया है तथा चारधाम हैलीपेड, सिरसी हैलीपेड आदि स्थानों पर लाया गया है। भीमबली तथा लिंचौली से पैदल मार्ग से अब तक कुल 567 लोगों को चौमासी कालीमठ तक लाया गया है। इसी प्रकार गौरीकुण्ड से सोनप्रयाग तक कुल 7185 लोगों को वापस लाया गया है। इस प्रकार रविवार  सांय 05ः00 बजे तक कुल 10374 लोगों को वापस लाया गया है।
वर्तमान में चारधाम यात्रा मार्ग पर तथा केदारनाथ धाम में स्थिति सामान्य है। यात्रामार्ग पर तथा केदारनाथ धाम में सभी लोग पुरी तरह से सुरक्षित हैं। राहत एवं बचाव कार्य पूरी क्षमता के साथ किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि 2 अगस्त तक 15 तीर्थयात्री केदारनाथ से एयरलिफ्ट किए गए। लिंचौली और भीमबली से 1354 यात्रियों को एयरलिफ्ट कर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया। भीमबली लिंचौली से पैदल 365 यात्री चौमासी-कालीमठ पहुंचे । गौरीकुंड से सोनप्रयाग पैदल पहुंचने वाले यात्रियों की संख्या 5500 रही। तीन अगस्त को केदारनाथ से 43 यात्रियों को एयरलिफ्ट किया गया। लिंचौली और भीमबली से कुल 495 यात्री एयरलिफ्ट किए गए। वहीं 90 यात्री भीमबली- लिंचौली से पैदल चौमासी-कालीमठ सुरक्षित पहुंचे। गौरीकुंड से सोनप्रयाग आने वाले यात्रियों की संख्या 1162 रही। चीड़बासा ;गौरीकुंड से 75 तीर्थयात्रियों को एयरलिफ्ट कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया। वहीं विभिन्न स्थानों पर फंसे करीब एक हजार यात्रियों को सुरक्षित निकालने की कार्रवाई जारी है।
उन्होंने बताया कि 31 जुलाई को हुई अतिवृष्टि के कारण 15 लोगों की मृत्यु हुई है। वहीं 1 अगस्त को देहरादून के सहसत्रधारा में स्नान करते समय पैर फिसलने से 2 लोगों की मौत हुई, जो मानवीय भूल की श्रेणी में दर्ज है। इस प्रकार कुल 17 यात्रियों की मृत्यु हुई है। वहीं अलग-अलग स्थानों पर हुए हादसों में 10 लोग घायल हुए और 01 व्यक्ति अभी लापता है। जिलावार टिहरी में 03, हरिद्वार में 04, देहरादून में 06, चमोली में 01, रुद्रप्रयाग में 03 लोगों की मृत्यु हुई है। सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विनोद कुमार सुमन ने बताया कि राहत और बचाव कार्य में एनडीआरएफ, एसडीआरएफ के साथ ही वायुसेना के चिनूक तथा एमआई-17 हेलीकॉप्टर तैनात हैं। उन्होंने बताया कि एनडीआरएफ के 83 जवान, एसडीआरएफ, डीडीआरएफ तथा पीआरडी के 168 जवान, पुलिस विभाग के 126, अग्निशमन के 35 कार्मिक अलग-अलग स्थानों पर तैनात हैं।
35 आपदा मित्रों के साथ ही लोक निर्माण विभाग के माध्यम से कार्यरत 150 मजदूर अवरुद्ध मार्गों को खोलने में लगाए गए हैं। स्वास्थ्य विभाग के 12 डाक्टरों के नेतृत्व में 32 कर्मचारी अपनी सेवाएं दे रहे हैं। राजस्व विभाग के 57, जीएमवीएन के 68, खाद्य विभाग के 27 कर्मचारी संबंधित व्यवस्थाओं को दुरुस्त बनाने में जुटे हैं। इस प्रकार कुल कुल 882 जवान कार्मिक युद्धस्तर पर राहत और बचाव कार्यों में जुटे हैं।

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