उत्तराखण्डदेहरादून

भारतीय पेट्रोलियम संस्थान के कार्यक्रम में शामिल हुए उपराष्ट्रपति धनखड़ ने कहा, सत्ता और अहम पदों पर रहे लोग दे रहे हमारे लोकतंत्र और राष्ट्रवाद की भावना को चुनौती

कहा, “संकीर्ण पार्टीगत हितों की पूर्ति के लिए  देश विरोधी नैरेटिव्स फैला रहे,
वैज्ञानिकों और छात्र-छात्राओं को किया संबोधित,
एक पेड़ मां के नाम’’ अभियान के अंतर्गत पौधारोपण किया,कार्यक्रम में राज्यपाल रहे मौजूद
  देहरादून ।    उपराष्ट्रपति  जगदीप धनखड़ ने शनिवार को देहरादून स्थित भारतीय पेट्रोलियम संस्थान- सीएसआईआर में आयोजित कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। यहां उन्होंने संस्थान के वैज्ञानिकों और छात्र-छात्राओं को संबोधित किया। इस अवसर पर उन्होंने संस्थान के परिसर में ‘‘एक पेड़ मां के नाम’’ अभियान के अंतर्गत पौधारोपण किया।इस दौरान उनकी धर्मपत्नी डॉ. श्रीमती सुदेश धनखड़ और राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) भी मौजूद रहे।
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि यह अफसोस की बात है कि हमारे लोकतंत्र और राष्ट्रवाद की भावना को चुनौती देने वाले लोग वे हैं जो कभी सत्ता में थे या महत्वपूर्ण पदों पर थे। उन्होंने कहा, “संकीर्ण पार्टीगत हितों की पूर्ति के लिए वे देश विरोधी नैरेटिव्स फैला रहे हैं और हमारे महान लोकतंत्र की तुलना पड़ोसी देशों की प्रणालियों से कर रहे हैं।”
युवाओं को चेतावनी देते हुए  धनखड़ ने कहा कि, “ये लोग हमें भटकाने की पूरी कोशिश करते हैं, अपने वास्तविक इरादों को छिपाते हुए वे देश की अभूतपूर्व वृद्धि को नजरअंदाज करते हैं। देश की आर्थिक उन्नति और वैश्विक मंच पर इसकी शानदार वृद्धि को नजरअंदाज करते हैं।
उन्होंने भारत के स्थिर लोकतंत्र और पड़ोसी देशों की प्रणालियों की तुलना किए जाने की आलोचना की, और पूछा, ‘‘क्या हम कभी तुलना कर सकते हैं?’’ उपराष्ट्रपति ने युवाओं से अपील की कि वे इन नैरेटिव्स का विरोध करें, उन्हें बेअसर करें और इन हानिकारक तुलनाओं को उजागर करें।
धनखड़ ने कहा कि भारत, जो सबसे बड़ा और सबसे जीवंत लोकतंत्र है, और प्रधानमंत्री जो लगातार तीसरी बार कार्यरत हैं, को ऐसी अवमाननाओं का सामना नहीं करना चाहिए। “ऐसा विचार किसी भी व्यक्ति के मन में कैसे उत्पन्न हो सकता है जो इस राष्ट्र, राष्ट्रवाद और लोकतंत्र में विश्वास करता है?” उन्होंने ऐसे नैरेटिव्स को ‘‘दुष्ट’’ और ‘‘शब्दों से परे’’ करार दिया।
कार्यक्रम में संस्थान के निदेशक डॉ. एच. एस. बिष्ट ने संस्थान की उपलब्धियों और भावी योजनाओं की जानकारी दी। कार्यक्रम में संस्थान के वैज्ञानिक और शोधार्थी उपस्थित रहे।
उपराष्ट्रपति ने जलवायु परिवर्तन और प्राकृतिक आपदाओं की चुनौती पर  दिया जोर
देहरादून में भारतीय पेट्रोलियम संस्थान- सीएसआईआर और आईआईपी में छात्रों और संकाय सदस्यों को संबोधित करते हुए,  धनखड़ ने जलवायु परिवर्तन और प्राकृतिक आपदाओं की चुनौती पर जोर दिया।धनखड़ ने जलवायु परिवर्तन और प्राकृतिक आपदाओं की चुनौती पर जोर दिया। जलवायु न्याय की आवश्यकता को रेखांकित करते हुए धनखड़ ने कहा, “जलवायु परिवर्तन विशेष रूप से कमजोर वर्गों को प्रभावित करता है और इसलिए जलवायु न्याय हमारा मार्गदर्शक सिद्धांत होना चाहिए।”
माता पृथ्वी के बच्चों के रूप में अपनी जिम्मेदारी को मानते हुए,  धनखड़ ने भारत द्वारा वैश्विक प्रतिबद्धताओं में स्थिरता को शामिल करने की सराहना की।
ऊर्जा अनुसंधान और विकास के क्षेत्र में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा आईआईपी :राज्यपाल
राज्यपाल ने कहा कि यह हम सभी के लिए बेहद गर्व का विषय है कि भारतीय पेट्रोलियम संस्थान न केवल भारत, बल्कि वैश्विक स्तर पर ऊर्जा अनुसंधान और विकास के क्षेत्र में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। राज्यपाल ने कहा कि संस्थान द्वारा पारंपरिक ऊर्जा स्रोतों के अलावा, नवीकरणीय ऊर्जा जैसे सौर, पवन, बायोमास, और हाइड्रोजन ऊर्जा पर भी ध्यान दिया जा रहा है। इन क्षेत्रों में अनुसंधान और विकास की बहुत संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि मुझे पूरा विश्वास है कि आप जैसे प्रतिभाशाली वैज्ञानिक और शोधार्थी इन नवाचारों को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।

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