आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और हेल्थकेयर सिस्टम में वर्तमान डायग्नोस्टिक एडवांसमेंट्स पर मंथन,देश भर के 100 से ज्यादा प्रतिनिधि हुए शामिल
बुनियादी चिकित्सा विज्ञान में अनुसंधान पर नैदानिक वैज्ञानिकों का सम्मेलन आयोजित
देहरादून।बुनियादी चिकित्सा विज्ञान में अनुसंधान पर नैदानिक वैज्ञानिकों के सम्मेलन (सीसीएसआरबीएमएस) का 5वां संस्करण शनिवार को देहरादून में हुआ।
राजधानी के एक होटल में आयोजित वार्षिक कार्यक्रम में
देश भर से 100 से अधिक प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
बुनियादी चिकित्सा विज्ञान में विचारों और शोध निष्कर्षों को साझा करने के लिए विभिन्न मेडिकल कॉलेजों के शिक्षाविदों को एक साथ लाता है। पिछले साल, चौथा संस्करण हैदराबाद विश्वविद्यालय, तेलंगाना में आयोजित किया गया था। इस वर्ष के आयोजन का विषय “आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और हेल्थकेयर सिस्टम में वर्तमान डायग्नोस्टिक एडवांसमेंट्स” रखा गया था।
भारत में एलिसा परीक्षण के अग्रणी और जैव रसायन विज्ञान के प्रोफेसर डॉ. हरबंस लाल ने मुख्य अतिथि के रूप में इस कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई।श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार अनुसंधान एवं विकास पंकज मिश्रा सम्मेलनके सम्मानित अतिथि थे।कार्यक्रम में जानकारीपूर्ण आमंत्रित व्याख्यान शामिल थे। हरियाणा के झज्जर स्थित वर्ल्ड मेडिकल कॉलेज में माइक्रोबायोलॉजी के प्रोफेसर डॉ. राजेश बरेजा ने आधुनिक चिकित्सा में शोध प्रकाशनों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के अनुप्रयोगों पर चर्चा की। एम्स, भोपाल, मध्य प्रदेश में बायोकेमिस्ट्री के प्रोफेसर डॉ. सुखेस मुखर्जी ने “डायग्नोस्टिक बायोकेमिस्ट्री में प्रगति और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की भूमिका” पर प्रस्तुति दी। इसके अलावा, राजस्थान के श्री गंगानगर स्थित डॉ. एसएस टांटिया मेडिकल कॉलेज में फिजियोलॉजी के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. अर्जुन मैत्रा ने धमनी स्वास्थ्य और अन्य हृदय संबंधी मापदंडों के लिए इस्तेमाल की जाने वाली तकनीक ‘पल्स वेव एनालिसिस’ का सार और प्रक्रिया बताई।
कार्यक्रम में स्पेक्टेवो टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड के डॉ. दामिनी सिंह और डॉ. विपिन शर्मा द्वारा“डायग्नोस्टिक लैब की स्थापना: योजना, डिजाइन और कमीशनिंग” पर एक जानकारी पूर्ण सत्र भी शामिल था।दोपहर बाद के सेशन में कार्यक्रम में एक मौखिक वैज्ञानिक प्रस्तुति सत्र हुआ जिसमें एक दर्जन से अधिक शोध विद्वानों ने प्री और पैरा-क्लीनिकल चिकित्सा विषयों से संबंधित विषयों पर अपने शोध लेख प्रस्तुत किए। प्रत्येक प्रस्तुति के बाद एक संक्षिप्त प्रश्नोत्तर सत्र हुआ, और प्रस्तुतकर्ताओं का उनके शोध और प्रस्तुति की गुणवत्ता के आधार पर मूल्यांकन किया गया। कार्यक्रम में
सुश्री मेघलाथा. टीएस,मोहित सुयाल ,विजय कुमार ,एनएमएमटीए के संस्थापक डॉ. श्रीधर राव व अध्यक्ष डॉ. अर्जुन मैत्रा ने अलग-अलग सब्जेक्ट पर अपने विचार रखें।