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परंपरानुसार 2 नवंबर को गंगोत्री  व  3 नवंबर को शीतकाल के लिए बंद होंगे यमुनोत्री मंदिर के कपाट, सभी तैयारियां पूरी

कपाट बंद होने से पूर्व की विशेष पूजा अर्चनाओं का सिलसिला जारी, दोनों मंदिरों में की गई विशेष सजावट
उत्तरकाशी।गंगोत्री और यमुनोत्री धाम की यात्रा का वर्तमान सत्र अब संपन्न होने जा रहा है। परंपरानुसार गंगोत्री मंदिर के कपाट  2 नवंबर को  और यमुनोत्री मंदिर के कपाट  3 नवंबर को शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाएंगे। इन दोनों धामों में  दीपोत्सव के आयोजन के साथ ही कपाट बंद करने से पूर्व की विशेष पूजा-अर्चनाओं का सिलसिला जारी है।
धार्मिक परम्परानुसार  अन्नकूट पर्व पर 2 नवम्बर को गंगोत्री मंदिर के कपाट अपराह्न 12:14 मिनट पर बंद कर दिए जाएंगे। कपाट बंद होने पर गंगोत्री धाम से गंगा  की उत्सव मूर्ति को डोली में बिठाकर मुखवा गाँव लाया जायेगा। जहाँ गंगा जी की उत्सव प्रतिमा गंगा मंदिर में शीतकाल में विराजमान रहेंगी। श्रद्धालुजन शीतकाल में मुखवा के गंगा मंदिर में दर्शन-पूजन कर सकेंगे।
यमुनोत्री मंदिर के कपाट भी  3 नवंबर को भैयादूज के पर्व पर अपराह्न 12:05 बजे बंद किए जाएंगे। शीतकाल में  यमुना  की उत्सव मूर्ति खरसाली गांव स्थित यमुना मंदिर में विराजमान रहेंगी। जहां पर शीतकाल के दौरान श्रद्धालुजन यमुना  के दर्शन व पूजा-अर्चना कर सकेंगे।
गंगोत्री मंदिर समिति और यमुनोत्री मंदिर समिति द्वारा कपाटबंदी को लेकर सभी तैयारियां पूरी कर ली गई है। गंगोत्री और यमुनोत्री मंदिर में  विशैष सजावट करने के साथ ही मुखवा और खरसाली स्थित मंदिरों को भी सजाया-संवारा गया है।  प्रशासन और पुलिस विभाग के द्वारा भी कपाटबंदी को लेकर सभी आवश्यक प्रबंध सुनिश्चित कर लिए गए हैं।
इस यात्राकाल में शुक्रवार सांय तक जिले में अवस्थित इन दोनों धामों में  1521752 तीर्थयात्रियों का आगमन हुआ है। जिनमे से यमुनोत्री धाम में आने वाले 710210 और गंगोत्री धाम में आने वाले 811542   तीर्थयात्री शामिल हैं। शुक्रवार को यमुनोत्री धाम में  1510 और गंगोत्री धाम में  1726  श्रद्धालु पहुँचे।

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