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सुखद खबर:  वन स्थिति रिपोर्ट 2023: भारत में बढ़ा 1445 वर्ग किमी वन-वृक्ष क्षेत्र, उत्तराखंड पिछड़ा

केंद्रीय वन मंत्री भूपेंद्र यादव ने वन अनुसंधान संस्थान देहरादून में वन स्थिति रिपोर्ट 2023 का  किया विमोचन
देहरादून: देश में वनों के स्वास्थ्य की तस्वीर को बताने वाली  वन स्थिति रिपोर्ट 2023 शनिवार को जारी की गई। केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने वन अनुसंधान संस्थान देहरादून में इस रिपोर्ट का विमोचन किया।  रिपोर्ट में देशभर के लिए वन क्षेत्र को लेकर बेहतर स्थिति दिखाई गई है। रिपोर्ट के अनुसार देश में वन और वृक्ष क्षेत्र में 1445 वर्ग किलोमीटर की वृद्धि हुई है।
देश में 1445 वर्ग किलोमीटर वन और वृक्ष क्षेत्र बढ़ने के आंकड़े सामने आए हैं,इसमें 156.41 वर्ग किलोमीटर वन क्षेत्र बढ़ा है, जबकि 1289.40 वर्ग किलोमीटर वृक्ष क्षेत्र बढ़ा है। देहरादून वन अनुसंधान संस्थान में भारत वन स्थिति रिपोर्ट 2023 का केंद्रीय वन मंत्री भूपेंद्र यादव ने विमोचन किया । जिसमें वनों के स्वास्थ्य को लेकर स्थिति के आंकड़ों के जरिए स्पष्ट किया गया है।
इस रिपोर्ट में वनस्पतियों के क्षेत्र, कार्बन स्टॉक की स्थिति और वनाग्नि जैसे मामलों पर भी देश भर में मौजूदा स्थिति को बताया गया है. केंद्रीय वन मंत्री भूपेंद्र यादव ने वन और वृक्ष क्षेत्र बढ़ने पर खुशी जताई है, लेकिन साथ ही वनाग्नि के मामलों को भी चुनौती मानते हुए इस पर काम किए जाने की बात कही है.
वन क्षेत्र बढ़ाने वाले शीर्ष चार राज्य
देश में वर्तमान स्थिति के अनुसार कुल 827,357 वर्ग किलोमीटर वन और वृक्ष क्षेत्र है, जो कि देश के भौगोलिक क्षेत्र का 25.7% है. खास बात यह है कि वन क्षेत्र बढ़ाने वाले राज्यों में शीर्ष चार राज्य छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, ओडिशा और राजस्थान हैं।
उत्तराखंड पिछड़ा, वनाग्नि में देश में पहले स्थान पर
उत्तराखंड की बात करें तो इस मामले में उत्तराखंड पिछड़ता हुआ दिखाई देता है। रिपोर्ट में फॉरेस्ट फायर की घटनाओं को लेकर और अधिक काम किए जाने की बात भी कही गई। सबसे बड़ी बात यह है कि उत्तराखंड इस मामले में बेहद संवेदनशील रहा है, जहां पिछले साल की रिपोर्ट में उत्तराखंड जंगलों में लगने वाली आग को लेकर 13वें नंबर पर था, तो वहीं इस बार देश में पहले स्थान पर उत्तराखंड रहा है। इस तरह उत्तराखंड में साल 2022-23 के मुकाबले 2023-24 में कई गुना ज्यादा आग लगने की घटनाएं हुई हैं।
क्या होता है वन आवरण
वन आवरण का अर्थ एक हेक्टेयर से अधिक क्षेत्रफल वाली ऐसी भूमि, जहां वृक्षों का छतरी घनत्व 10 प्रतिशत से अधिक है, चाहे वे प्राकृतिक वन हो या मावन निर्मित बागान, बागीचे और शहरी-ग्रामीण क्षेत्रों में वृक्षों के टुकड़े, इसके अलावा वृक्ष आवरण उन वृक्षों के टुकड़ों और एकल वृक्षों को कहा जाता है, जो आरक्षित वन क्षेत्र  के बाहर एक हेक्टेयर से कम क्षेत्र में होते हैं।

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