राष्ट्रीय

समान नागरिक संहिता पर केंद्र का रुख भी जल्द होगा साफ

सुप्रीम कोर्ट मामले में सरकार को पहले ही जारी कर चुका है नोटिस
नई दिल्ली। समान नागरिक संहिता का मामला एक बार फिर उठ रहा है। वैसे तो देश के सभी नागरिकों के लिए समान कानून की बात करने वाली समान नागरिक संहिता के केंद्रीय स्तर पर लागू होने की बात अभी दूर की कौड़ी नजर आती है, लेकिन इससे जुड़े पांच महत्वपूर्ण मुद्दों शादी की समान आयु, तलाक, भरण-पोषण, उत्तराधिकार, गोद लेना एवं संरक्षक पर कानूनों को सभी के लिए समान बनाने की मांग वाली पांच याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में आठ अप्रैल को सुनवाई होनी है।
केंद्र सरकार को इन मामलों में पहले ही नोटिस जारी हो चुके हैं, ऐसे में सरकार को आठ अप्रैल से पहले इन पर अपने जवाब दाखिल करने होंगे। माना जा रहा है कि सरकार इन मामलों में जल्द ही कोर्ट में जवाब दाखिल करने की तैयारी कर रही है। वैसे इनमें से कुछ मुद्दे ऐसे हैं जो लगभग हल हो चुके हैं, जैसे तत्काल तीन तलाक पर रोक लगाने का कानून आ चुका है। लड़कियों की विवाह की आयु भी लड़कों के समान 21 वर्ष किए जाने का विधेयक सरकार संसद में पेश कर चुकी है और मामला फिलहाल स्थायी समिति के समक्ष विचाराधीन है। यह विधेयक लड़की व लड़के की विवाह की आयु एक समान 21 वर्ष करने का प्राविधान सभी धर्मों पर समान रूप से लागू करने की बात करता है।
अभी देश में गोवा एकमात्र राज्य है जहां समान नागरिक संहिता लागू है। अब उत्तराखंड के नवनियुक्त मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने समान नागरिक संहिता लागू करने की बात कही है।
पूरे देश में समान नागरिक संहिता लागू करने की मांग वाली छह याचिकाएं दिल्ली हाई कोर्ट में लंबित हैं। हाई कोर्ट से उन पर केंद्र सरकार को नोटिस भी जारी हुआ था और केंद्र ने पिछले साल ही अपना जवाब दाखिल कर दिया था जिसमें इस पर गहनता से अध्ययन की जरूरत बताई थी। साथ ही कहा था कि यह मामला विधायिका के विचार करने का है, इस पर कोर्ट को आदेश नहीं देना चाहिए। साथ ही मामला विधि आयोग को भेजे जाने का भी हवाला दिया गया था। दिल्ली हाई कोर्ट में लंबित इन याचिकाओं को सुप्रीम कोर्ट में स्थानांतरित करने की मांग की गई है। इस बारे में सुप्रीम कोर्ट में पांच स्थानांतरण याचिकाएं दाखिल हो चुकी हैं हालांकि उन पर अभी सुनवाई का नंबर नहीं आया है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button